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क्या होता है ब्रेन स्टेम सेल डेथ, जानिए न्यूरोलॉजी एक्सपर्ट से

ईटीवी भारत ने राजधानी लखनऊ स्थित एसजीपीजाई के न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी डॉक्टर संजय बिहारी से ब्रेन स्टेम सेल डेथ को लेकर खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण जानकारी दी.

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Published : Dec 11, 2020, 3:48 PM IST

neurology expert doctor sanjay bihari
एसजीपीजाई के न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी डॉक्टर संजय बिहारी.

लखनऊ : देशभर में रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा देते हैं. वहीं दूसरी ओर अगर देखा जाए तो ऐसे बहुत से मरीज हैं, जिन्हें अंगों की सख्त जरूरत होती है. सरकार द्वारा अंगदान के लिए लोगों को प्रेरित करने का कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है, जिसके तहत रोड एक्सीडेंट में ब्रेन डेड हुए लोगों के घरवालों को मनाकर उनके अंगों का प्रत्यारोपण कर कई जिंदगी बचाई जा सकती हैं. आखिर क्या होता है ब्रेन डेड और क्या शरीर के अन्य अंगों के प्रत्यारोपण की तरह ही हम ब्रेन को भी प्रत्यारोपित कर सकते हैं, इस विषय में ईटीवी भारत ने संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुवर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी डॉक्टर संजय बिहारी से खास बातचीत की.

न्यूरोलॉजी एक्सपर्ट से खास बातचीत.
क्या होता है ब्रेन डेड
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए डॉक्टर संजय बिहारी ने बताया कि एक ब्रेन डेड व्यक्ति कभी भी जीवित नहीं हो सकता. क्योंकि ब्रेन डेड व्यक्ति की ब्रेन स्टेम सेल काम करना बंद कर देती है. आम भाषा में अगर इसे बताया जाए तो वह व्यक्ति कभी नींद से बाहर नहीं आएगा. न तो उस व्यक्ति के शरीर में कोई हरकत होगी और न ही वह व्यक्ति किसी भी क्रिया की प्रतिक्रिया दे सकता है. उन्होंने बताया कि ब्रांडेड व्यक्तियों के अंग को प्रत्यारोपित कर हम कई जिंदगी बचा सकते हैं.
प्राकृतिक और आकस्मिक मौत में अंतर
विज्ञान के अनुसार, हर एक जीव की इस धरती पर जीवन काल की समय सीमा होती है, जिसे वह पूरा करता है, लेकिन विज्ञान ने जैसे-जैसे तरक्की की, इंसान तकनीक पर निर्भर होता गया. ऐसे में जहां एक ओर धरती पर जीवों की जीवन काल की सीमाएं घट गई, वहीं दूसरी ओर एक्सीडेंट में भी लोग अपनी जान गंवा रहे हैं. एसजीपीजीआई के न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी डॉक्टर संजय बिहारी ने बताया कि जब कोई व्यक्ति प्राकृतिक मौत मारता है तो उसके अंगों को प्रत्यारोपित करना बहुत ही मुश्किल होता है, लेकिन जब कोई व्यक्ति आकस्मिक और कम उम्र में मरता है तो उसके अंगों को प्रत्यारोपित करने में आसानी होती है.

क्या ब्रेन को भी किया जा सकता है प्रत्यारोपित
शरीर के हर एक अंग की तरह हमारा दिमाग भी शरीर का महत्वपूर्ण अंग है, जिससे पूरा शरीर संतुलित रहता है. क्या शरीर के हर एक अंग की तरह ब्रेन को भी प्रत्यारोपित किया जा सकता है, इस पर डॉक्टर संजय बिहारी ने बताया कि ब्रेन में कुछ ऐसी कोशिकाएं हैं, जिन्हें हम प्रत्यारोपित कर सकते हैं, लेकिन पूरे ब्रेन को प्रत्यारोपित करना अभी संभव नहीं है. उनका कहना है कि किसी भी अंग को प्रत्यारोपित करने के साथ-साथ उसकी उस शरीर से कनेक्टिविटी होना भी जरूरी है, लेकिन अभी ऐसी टेक्नोलॉजी नहीं आई है, जिससे हम किसी अन्य व्यक्ति के ब्रेन को दूसरे के शरीर से इंटरकनेक्टिविटी दे सकें.

लखनऊ : देशभर में रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा देते हैं. वहीं दूसरी ओर अगर देखा जाए तो ऐसे बहुत से मरीज हैं, जिन्हें अंगों की सख्त जरूरत होती है. सरकार द्वारा अंगदान के लिए लोगों को प्रेरित करने का कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है, जिसके तहत रोड एक्सीडेंट में ब्रेन डेड हुए लोगों के घरवालों को मनाकर उनके अंगों का प्रत्यारोपण कर कई जिंदगी बचाई जा सकती हैं. आखिर क्या होता है ब्रेन डेड और क्या शरीर के अन्य अंगों के प्रत्यारोपण की तरह ही हम ब्रेन को भी प्रत्यारोपित कर सकते हैं, इस विषय में ईटीवी भारत ने संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुवर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी डॉक्टर संजय बिहारी से खास बातचीत की.

न्यूरोलॉजी एक्सपर्ट से खास बातचीत.
क्या होता है ब्रेन डेड
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए डॉक्टर संजय बिहारी ने बताया कि एक ब्रेन डेड व्यक्ति कभी भी जीवित नहीं हो सकता. क्योंकि ब्रेन डेड व्यक्ति की ब्रेन स्टेम सेल काम करना बंद कर देती है. आम भाषा में अगर इसे बताया जाए तो वह व्यक्ति कभी नींद से बाहर नहीं आएगा. न तो उस व्यक्ति के शरीर में कोई हरकत होगी और न ही वह व्यक्ति किसी भी क्रिया की प्रतिक्रिया दे सकता है. उन्होंने बताया कि ब्रांडेड व्यक्तियों के अंग को प्रत्यारोपित कर हम कई जिंदगी बचा सकते हैं.
प्राकृतिक और आकस्मिक मौत में अंतर
विज्ञान के अनुसार, हर एक जीव की इस धरती पर जीवन काल की समय सीमा होती है, जिसे वह पूरा करता है, लेकिन विज्ञान ने जैसे-जैसे तरक्की की, इंसान तकनीक पर निर्भर होता गया. ऐसे में जहां एक ओर धरती पर जीवों की जीवन काल की सीमाएं घट गई, वहीं दूसरी ओर एक्सीडेंट में भी लोग अपनी जान गंवा रहे हैं. एसजीपीजीआई के न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी डॉक्टर संजय बिहारी ने बताया कि जब कोई व्यक्ति प्राकृतिक मौत मारता है तो उसके अंगों को प्रत्यारोपित करना बहुत ही मुश्किल होता है, लेकिन जब कोई व्यक्ति आकस्मिक और कम उम्र में मरता है तो उसके अंगों को प्रत्यारोपित करने में आसानी होती है.

क्या ब्रेन को भी किया जा सकता है प्रत्यारोपित
शरीर के हर एक अंग की तरह हमारा दिमाग भी शरीर का महत्वपूर्ण अंग है, जिससे पूरा शरीर संतुलित रहता है. क्या शरीर के हर एक अंग की तरह ब्रेन को भी प्रत्यारोपित किया जा सकता है, इस पर डॉक्टर संजय बिहारी ने बताया कि ब्रेन में कुछ ऐसी कोशिकाएं हैं, जिन्हें हम प्रत्यारोपित कर सकते हैं, लेकिन पूरे ब्रेन को प्रत्यारोपित करना अभी संभव नहीं है. उनका कहना है कि किसी भी अंग को प्रत्यारोपित करने के साथ-साथ उसकी उस शरीर से कनेक्टिविटी होना भी जरूरी है, लेकिन अभी ऐसी टेक्नोलॉजी नहीं आई है, जिससे हम किसी अन्य व्यक्ति के ब्रेन को दूसरे के शरीर से इंटरकनेक्टिविटी दे सकें.

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