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Budget 2025; बजट पर क्या बोले अलीगढ़ के अल्पसंख्यक? - BUDGET 2025

आम बजट पर अल्पसंख्यकों ने मायूसी जाहिर करते हुए पीएम मोदी से की ये खास अपील?

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बजट पर बोले अल्पसंख्यक (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 1, 2025, 4:48 PM IST

अलीगढ़: बजट 2025 से मुसलमानों को मायूसी हाथ लगी है. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के बावजूद भी बजट 2025 में हमें मायूसी हाथ लगी है. बजट में अल्पसंख्यकों के लिए कोई विशेष छूट नहीं मिलने से निराश हैं.

केंद्रीय वित्त मंत्री की ओर से पेश किए गए आम बजट 2025 में खासकर अल्पसंख्यकों को उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य के संबंध में किसी तरह का कोई ऐलान न किए जाने से खासकर मुसलमानों में मायूसी देखी जा रही है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय सुन्नी थियोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर रेहान अख्तर ने बताया कि, हमें बजट से बहुत उम्मीदें थी, हमें सरकार पर पूरा भरोसा था कि आम बजट 2025 में मुसलमानों और उनके शिक्षा के संबंध में कुछ ना कुछ तोहफा जरूर मिलेगा. लेकिन मुसलमानों को कुछ हाथ नहीं लगा जिसकी वजह से मायूसी देखी जा रही है. हालांकि हमारे प्रधानमंत्री का नारा है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का इसी नारे के कारण हिंदुस्तान का मुसलमान आज के बजट से बहुत उम्मीदें लगाए हुआ था, लेकिन उनके हाथ सिर्फ मायूसी ही लगी है. हालांकि उन्होंने जरुर कहा कि बजट में कुछ चीज सस्ती जरूर की गई हैं.

बजट पर अल्पसंख्यकों की प्रतिक्रिया (Video Credit; ETV Bharat)

वहीं आम बजट पर एएमयू के गैर शिक्षण कर्मचारी मोहम्मद सलमान साबिर ने भी बजट में मुसलमान के लिए कोई प्रावधान नहीं होने पर मायूसी का इजहार करते हुए कहा की उम्मीदें लगाए बैठे थे कि हमारी शिक्षा, शिक्षा के केंद्र और स्वास्थ्य के संबंध में हमारे प्रधानमंत्री जिनके नारा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का है कुछ ना कुछ देंगे लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा. हमें सरकार से अभी भी उम्मीद है कि वह देश के मुसलमान के लिए कुछ ना कुछ जरूर करेंगे. जिससे मुसलमान शिक्षा में आगे बढ़ सके और अपनी अर्थव्यवस्था को सुधार सके.

यह भी पढ़ें: यूपी में केंद्रीय बजट पर पक्ष-विपक्ष ने ये कहा; मायावती ने बताया निराशापूर्ण, अखिलेश बोले- बजट के आंकड़ों से ज्यादा जरूरी महाकुंभ में हुई मौतों की सही संख्या

अलीगढ़: बजट 2025 से मुसलमानों को मायूसी हाथ लगी है. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के बावजूद भी बजट 2025 में हमें मायूसी हाथ लगी है. बजट में अल्पसंख्यकों के लिए कोई विशेष छूट नहीं मिलने से निराश हैं.

केंद्रीय वित्त मंत्री की ओर से पेश किए गए आम बजट 2025 में खासकर अल्पसंख्यकों को उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य के संबंध में किसी तरह का कोई ऐलान न किए जाने से खासकर मुसलमानों में मायूसी देखी जा रही है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय सुन्नी थियोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर रेहान अख्तर ने बताया कि, हमें बजट से बहुत उम्मीदें थी, हमें सरकार पर पूरा भरोसा था कि आम बजट 2025 में मुसलमानों और उनके शिक्षा के संबंध में कुछ ना कुछ तोहफा जरूर मिलेगा. लेकिन मुसलमानों को कुछ हाथ नहीं लगा जिसकी वजह से मायूसी देखी जा रही है. हालांकि हमारे प्रधानमंत्री का नारा है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का इसी नारे के कारण हिंदुस्तान का मुसलमान आज के बजट से बहुत उम्मीदें लगाए हुआ था, लेकिन उनके हाथ सिर्फ मायूसी ही लगी है. हालांकि उन्होंने जरुर कहा कि बजट में कुछ चीज सस्ती जरूर की गई हैं.

बजट पर अल्पसंख्यकों की प्रतिक्रिया (Video Credit; ETV Bharat)

वहीं आम बजट पर एएमयू के गैर शिक्षण कर्मचारी मोहम्मद सलमान साबिर ने भी बजट में मुसलमान के लिए कोई प्रावधान नहीं होने पर मायूसी का इजहार करते हुए कहा की उम्मीदें लगाए बैठे थे कि हमारी शिक्षा, शिक्षा के केंद्र और स्वास्थ्य के संबंध में हमारे प्रधानमंत्री जिनके नारा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का है कुछ ना कुछ देंगे लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा. हमें सरकार से अभी भी उम्मीद है कि वह देश के मुसलमान के लिए कुछ ना कुछ जरूर करेंगे. जिससे मुसलमान शिक्षा में आगे बढ़ सके और अपनी अर्थव्यवस्था को सुधार सके.

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