मेरठ: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को देश का आम बजट पेश किया. बजट में किसानों के लिए भी कई घोषणा की गई हैं. इस बजट में किसानों और खेती किसानी को प्रमुखता से जगह दी गई है. जहां किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 से बढ़ाकर 5 लाख की गई है, यूरिया उत्पादन के लिए आत्मनिर्भरता बढ़ाने से लेकर किसानों के लिए प्रधानमंत्री धनधान्य योजना का ऐलान किया गया है. इसके साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट में भी बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है.
आम बजट पर कृषि से जुड़े लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आई है. चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रशांत कुमार का कहना है कि देश के किसानों के लिए बजट में जो घोषणा हुई हैं, उनमें सरकार का ये कदम सराहनीय है कि अब किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ा दी गई है जो कि अब तक 3 लाख की है उसे 5 लाख कर दिया गया है ये एक स्वागत योग्य कदम है. प्रो. कुमार का कहना है कि वर्तमान समय में देश के गांव में 67 फीसदी आबादी निवास करती है, ऐसे में किसानों के लिए जो बजट में प्रावधान किया गया है वह कहीं ना कहीं प्रधानमंत्री का जो 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना है, उस सपने को साकार करने वाला ये बजट है.
वहीं किसान नेता रोहित जाखड़ ने बजट में किसानों के लिए किए गये प्रावधानों को नाकाफी बताया. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए जो कुछ प्रावधान किए गए हैं वह कम हैं. किसान नेता रोहित जागरण का कहना है कि इस बजट में किसानों के लिए कोई भी बात गंभीरता से नहीं ली गई है. एमएसपी की मांग को लेकर देश के कई हिस्सों में किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. वर्तमान में भी धरना जारी है उसके बावजूद भी इस तरफ सरकार ने कोई कदम ही नहीं उठाया. केसीसी की लिमिट बढ़ाए जाने पर उन्होंने कहा कि किसानों को कर्जदार बनाने की तो घोषणा की है लेकिन किसानों को कर्ज नहीं चाहिए किसानों को अपनी फसल का वाजिब दाम चाहिए. उसे एमएसपी की जरूरत है न कि कर्ज की.
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