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Negligence in Treatment : लखनऊ में निजी अस्पताल की लापरवाही से हालत बिगड़ी, इलाज के इंतजार में ट्रामा सेंटर के बाहर मरीज की मौत

हरदोई के एक निजी अस्पताल के डाॅक्टरों ने एक वर्षीय युवक की आंत के ऑपरेशन में लापरवाही की जिससे मरीज की हालत बिगड़ गई. इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने मरीज को लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया. ट्रामा सेंटर में इलाज मिलने में देरी हुई जिससे मरीज की मौत हो गई.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 31, 2023, 8:00 AM IST

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लखनऊ : निजी अस्पताल में पेट के ऑपरेशन में हुई लापरवाही के चलते मरीज को गंभीर हालत में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के ट्रॉमा सेंटर लाया गया. यहां भर्ती होने में दो घंटे से अधिक का समय लग गया. इलाज शुरू होने से पहले जांचें करवाई गईं, लेकिन मरीज को बचाया नहीं जा सका. परिजनों ने निजी अस्पताल में हुई लापरवाही को लेकर सीएमओ से शिकायत करने की बात कही है.

इलाज मिलने में बाधा.
ट्रामा सेंटर में इलाज मिलने में बाधा.


हरदोई जिले के सलेमपुर निवासी शिव शंकर (25) को पेट में दर्द की शिकायत होने पर परिजनों ने बीते शुक्रवार को नजदीक के निजी अस्पताल में दिखाया था. भाई अनुपम का कहना है कि जांच के बाद डॉक्टरों ने आंत पंचर होने की बात कहते हुए ऑपरेशन करने को कहा. शनिवार को पेट का ऑपरेशन भी कर दिया गया. इसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई. इसके चलते सोमवार सुबह डाॅक्टरों ने शिवशंकर को कहीं और ले जाने को कहते हुए अस्पताल से बाहर कर दिया.

आरोप है कि दो दिन के इलाज में 50 हजार रुपये भी लिए गए. इसके बाद शिवशंकर को शाहजहांपुर के जिला अस्पताल ले जाया गया. जहां से केजीएमयू रेफर कर दिया. दोपहर करीब एक बजे शिवशंकर को लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे. आरोप है कि यहां काफी जद्दोजहद के बाद मरीज को भर्ती किया गया. कुछ जांचें कराई गईं. हालांकि देर शाम शिवशंकर ने दम तोड़ दिया. केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि जितने संसाधन उपलब्ध हैं. उनके अनुसार अधिक से अधिक मरीजों को लाभ दिलाने की कोशिश रहती है. गंभीर मरीजों को तत्काल इलाज मुहैया कराने के निर्देश हैं.

यह भी पढ़ें : PGI Lucknow में बेड न मिलने से बेटे की मौत से नाराज बीजेपी के पूर्व सांसद ने दिया धरना, जांच कमेटी गठित

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इलाज मिलने में बाधा.
ट्रामा सेंटर में इलाज मिलने में बाधा.


हरदोई जिले के सलेमपुर निवासी शिव शंकर (25) को पेट में दर्द की शिकायत होने पर परिजनों ने बीते शुक्रवार को नजदीक के निजी अस्पताल में दिखाया था. भाई अनुपम का कहना है कि जांच के बाद डॉक्टरों ने आंत पंचर होने की बात कहते हुए ऑपरेशन करने को कहा. शनिवार को पेट का ऑपरेशन भी कर दिया गया. इसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई. इसके चलते सोमवार सुबह डाॅक्टरों ने शिवशंकर को कहीं और ले जाने को कहते हुए अस्पताल से बाहर कर दिया.

आरोप है कि दो दिन के इलाज में 50 हजार रुपये भी लिए गए. इसके बाद शिवशंकर को शाहजहांपुर के जिला अस्पताल ले जाया गया. जहां से केजीएमयू रेफर कर दिया. दोपहर करीब एक बजे शिवशंकर को लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे. आरोप है कि यहां काफी जद्दोजहद के बाद मरीज को भर्ती किया गया. कुछ जांचें कराई गईं. हालांकि देर शाम शिवशंकर ने दम तोड़ दिया. केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि जितने संसाधन उपलब्ध हैं. उनके अनुसार अधिक से अधिक मरीजों को लाभ दिलाने की कोशिश रहती है. गंभीर मरीजों को तत्काल इलाज मुहैया कराने के निर्देश हैं.

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