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लखनऊ: कोरोना जांच में बड़ी गड़बड़ी, बिना टेस्ट के पोर्टल पर अपडेट हो रही रिपोर्ट

यूपी की राजधानी लखनऊ में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या घटती जा रही है. इसके पीछे असल वजह कोरोना जांच में हो रहीं लापरवाही हैं. इसकी वजह से लखनऊ में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार घटती जा रही हैं. राजधानी के सीएमओ डॉ. संजय भटनागर ने कोरोना संदिग्धों व संक्रमितों की जांच में हो रही लापरवाही को लेकर के चिंता जताई है.

लखनऊ में कोरोना जांच में बड़ी धांधली.
लखनऊ में कोरोना जांच में बड़ी धांधली.
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Published : Oct 20, 2020, 10:29 AM IST

लखनऊ: राजधानी में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में बीते कुछ दिनों से लगातार कमी होती दिख रही है. इसकी वजह से कोरोना संक्रमितों का जो आंकड़ा रोजाना हजार पार जाता दिख रहा था. वह अब प्रतिदिन 200 से 300 के बीच बना हुआ है. इसके पीछे राजधानी में कोरोना जांच में हो रहा बड़ा खेल है. आरोप है कि, सैंपल की जांच किए बगैर ही लोगों की कोरोना रिपोर्ट पोर्टल पर चढ़ा दी जा रही है.

लखनऊ में कोरोना जांच में बड़ी धांधली.

लखनऊ में कोरोना वायरस मरीजों का आंकड़ा बीते दिनों काफी तेजी से बढ़ रहा था. लेकिन इसके बाद बीते कई दिनों से राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमितों की संख्या पर लगाम लगती दिख रही है. लेकिन, इस बीच एक नया मामला सामने आया है. लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय भटनागर ने स्वयं यह स्वीकार किया है कि राजधानी में कोरोना संक्रमितों और संदिग्धों की जांच के साथ बड़ा खेल हो रहा है. साथ ही उन्होंने डॉ. संजय भटनागर ने कोरोना संदिग्धों और संक्रमितों की जांच में हो रही लापरवाही को लेकर के चिंता जताई है.

सीएमओ ने लिखा पत्र.
सीएमओ ने लिखा पत्र.

सीएमओ कोरोना जांच में हो रही लापरवाही को लेकर चिंतित
इस मुद्दे को लेकर लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय भटनागर ने जिला क्षय रोग अधिकारी को एक पत्र लिखा है. जिसमें अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों द्वारा कोविड-19 सेंपलिंग कार्य की गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह लगाए जाने की बात कही गई है. इसके साथ ही पत्र में लखनऊ के सीएमओ ने यह भी लिखा है कि कोविड-19 की सैंपलिंग कार्य गुणवत्ता पूर्वक सैंपल ग्रहण नहीं किया जाता है, जिससे सैंपल जांच परिणाम निश्चित रूप से प्रभावित हो सकते हैं.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय भटनागर ने अपने पत्र में लखनऊ की स्थिति को साफ करते हुए कहा है कि " यह भी प्रकाश में आया है कि एंटीजन किट के वितरण, उनके भंडारण आदि का अभिलेखीकरण भी उचित प्रकार से नहीं किया जाता. इसी प्रकार यह भी संज्ञान में आया है कि (रैपिड रिस्पांस टीम) आर.आर.टी के कर्मचारियों द्वारा व्यक्तियों की वास्तविक जांच किए बिना ही उनका डाटा संबंधित पोर्टल पर अपलोड कर दिया जा रहा है"

पांच साल पहले मर चुकी महिला की हुई कोरोना जांच !

लखनऊ में कोरोना वायरस की जांच को लेकर के जमकर लापरवाही हो रही है. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने राजधानी लखनऊ में कोरोना वायरस संक्रमित की जांच में जमकर खिलवाड़ किया. यह मामला तब प्रकाश में आया, जब पटेलनगर निवासी रवि ने कोरोना के लक्षण दिखने पर एक निजी पैथोलॉजी में अपनी जांच कराई. इसके बाद उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इसके अगले दिन स्वास्थ विभाग की टीम उनके घर पहुंची. रवि के मुताबिक उनके परिवार के सभी छह लोगों के सैंपल लिए गए, लेकिन पोर्टल पर रवि के परिवार में 13 लोगों के नाम दिख रहे हैं. इनमें से उनके पड़ोसियों के नाम भी शामिल है.

पड़ोसियों का दावा है कि उनके सैंपल ही नहीं लिए गए. इतना ही पोर्टल पर कामिनी सिंह की भी एंट्री है. जिनकी उम्र 60 साल बताती गई है. कामिनी सिंह की एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव है. जबकि उनका निधन 5 साल पहले ही हो चुका है. परिवारजनों ने इसकी पुष्टि भी की है. इस मामले को लेकर के स्वास्थ विभाग अपने स्तर से जांच भी कर रहा है.

कोरोना जांच के मामले मे यूपी अव्वल, लेकिन राजधानी मे कम होने लगे टेस्ट
राजधानी लखनऊ में एक समय पर 1000 से अधिक मरीज रोजाना सामने आ रहे थे. तब स्वास्थ विभाग द्वारा लखनऊ में करीब 10000 रोजाना कोरोना वायरस टेस्ट किए जा रहे थे, लेकिन अब कोरोना जांच में हो रही जबरदस्त लापरवाही के बीच कोरोना टेस्ट की संख्या भी घट गई है.

दिनांक सैंपल टेस्ट
12/10/20206261
13/10/20206735
14/10/20206461
15/10/20207521
16/10/20207516
17/10/20207127
18/10/20206844

लखनऊ: राजधानी में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में बीते कुछ दिनों से लगातार कमी होती दिख रही है. इसकी वजह से कोरोना संक्रमितों का जो आंकड़ा रोजाना हजार पार जाता दिख रहा था. वह अब प्रतिदिन 200 से 300 के बीच बना हुआ है. इसके पीछे राजधानी में कोरोना जांच में हो रहा बड़ा खेल है. आरोप है कि, सैंपल की जांच किए बगैर ही लोगों की कोरोना रिपोर्ट पोर्टल पर चढ़ा दी जा रही है.

लखनऊ में कोरोना जांच में बड़ी धांधली.

लखनऊ में कोरोना वायरस मरीजों का आंकड़ा बीते दिनों काफी तेजी से बढ़ रहा था. लेकिन इसके बाद बीते कई दिनों से राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमितों की संख्या पर लगाम लगती दिख रही है. लेकिन, इस बीच एक नया मामला सामने आया है. लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय भटनागर ने स्वयं यह स्वीकार किया है कि राजधानी में कोरोना संक्रमितों और संदिग्धों की जांच के साथ बड़ा खेल हो रहा है. साथ ही उन्होंने डॉ. संजय भटनागर ने कोरोना संदिग्धों और संक्रमितों की जांच में हो रही लापरवाही को लेकर के चिंता जताई है.

सीएमओ ने लिखा पत्र.
सीएमओ ने लिखा पत्र.

सीएमओ कोरोना जांच में हो रही लापरवाही को लेकर चिंतित
इस मुद्दे को लेकर लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय भटनागर ने जिला क्षय रोग अधिकारी को एक पत्र लिखा है. जिसमें अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों द्वारा कोविड-19 सेंपलिंग कार्य की गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह लगाए जाने की बात कही गई है. इसके साथ ही पत्र में लखनऊ के सीएमओ ने यह भी लिखा है कि कोविड-19 की सैंपलिंग कार्य गुणवत्ता पूर्वक सैंपल ग्रहण नहीं किया जाता है, जिससे सैंपल जांच परिणाम निश्चित रूप से प्रभावित हो सकते हैं.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय भटनागर ने अपने पत्र में लखनऊ की स्थिति को साफ करते हुए कहा है कि " यह भी प्रकाश में आया है कि एंटीजन किट के वितरण, उनके भंडारण आदि का अभिलेखीकरण भी उचित प्रकार से नहीं किया जाता. इसी प्रकार यह भी संज्ञान में आया है कि (रैपिड रिस्पांस टीम) आर.आर.टी के कर्मचारियों द्वारा व्यक्तियों की वास्तविक जांच किए बिना ही उनका डाटा संबंधित पोर्टल पर अपलोड कर दिया जा रहा है"

पांच साल पहले मर चुकी महिला की हुई कोरोना जांच !

लखनऊ में कोरोना वायरस की जांच को लेकर के जमकर लापरवाही हो रही है. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने राजधानी लखनऊ में कोरोना वायरस संक्रमित की जांच में जमकर खिलवाड़ किया. यह मामला तब प्रकाश में आया, जब पटेलनगर निवासी रवि ने कोरोना के लक्षण दिखने पर एक निजी पैथोलॉजी में अपनी जांच कराई. इसके बाद उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इसके अगले दिन स्वास्थ विभाग की टीम उनके घर पहुंची. रवि के मुताबिक उनके परिवार के सभी छह लोगों के सैंपल लिए गए, लेकिन पोर्टल पर रवि के परिवार में 13 लोगों के नाम दिख रहे हैं. इनमें से उनके पड़ोसियों के नाम भी शामिल है.

पड़ोसियों का दावा है कि उनके सैंपल ही नहीं लिए गए. इतना ही पोर्टल पर कामिनी सिंह की भी एंट्री है. जिनकी उम्र 60 साल बताती गई है. कामिनी सिंह की एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव है. जबकि उनका निधन 5 साल पहले ही हो चुका है. परिवारजनों ने इसकी पुष्टि भी की है. इस मामले को लेकर के स्वास्थ विभाग अपने स्तर से जांच भी कर रहा है.

कोरोना जांच के मामले मे यूपी अव्वल, लेकिन राजधानी मे कम होने लगे टेस्ट
राजधानी लखनऊ में एक समय पर 1000 से अधिक मरीज रोजाना सामने आ रहे थे. तब स्वास्थ विभाग द्वारा लखनऊ में करीब 10000 रोजाना कोरोना वायरस टेस्ट किए जा रहे थे, लेकिन अब कोरोना जांच में हो रही जबरदस्त लापरवाही के बीच कोरोना टेस्ट की संख्या भी घट गई है.

दिनांक सैंपल टेस्ट
12/10/20206261
13/10/20206735
14/10/20206461
15/10/20207521
16/10/20207516
17/10/20207127
18/10/20206844
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