लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भविष्य में पाठ्यक्रम की भिन्नता का सामना नहीं करना पड़ेगा. अगले सत्र से बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ाई जाएंगी. सबसे पहले कक्षा एक में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू होगा. वर्ष 2025 तक कक्षा आठ तक में केंद्रीय बोर्ड का पूरी तरह से पाठ्यक्रम लागू कर दिया जाएगा.
योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद् के अधीन संचालित विद्यालयों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद् (एनसीईआरटी) की पाठ्य पुस्तकों को लागू किये जाने का निर्णय लिया है. इसे चार चरणों में लागू किया जाएगा. शैक्षिक सत्र 2021-2022 में कक्षा एक में यह पुस्तकें लागू की जाएंगी. दूसरे चरण में शैक्षिक सत्र 2022-2023 में कक्षा दो और तीन में पुस्तकें लागू की जाएंगी. शैक्षिक सत्र 2023-2024 में कक्षा चार एवं पांच में एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ाई जाने लगेंगी. शैक्षिक सत्र 2024-2025 में कक्षा 6, 7 और 8 के लिए बदलाव किए जाएंगे. इसके साथ ही वर्ष 2025 में कक्षा 8 तक सभी सरकारी स्कूलों में सीबीएसई पैटर्न पर पढ़ाई शुरू हो जाएगी.
बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने बताया कि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश के बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो. इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर पाठ्यक्रमों में एकीकरण जरूरी है. बेसिक शिक्षा परिषद् के विद्यालयों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद् की पाठ्य पुस्तकों को अगले सत्र से लागू करने का आदेश किया गया है. पाठ्यक्रम में ये बदलाव निश्चय ही छात्रों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में सहायक होंगे और व्यावसायिक कुशलता को बढ़ाएंगे.