लखनऊ: नेशनल मेडिकोज आर्गनाइजेशन (एनएमओ) अवध प्रांत की ओर से आयोजित गुरू गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऑनलाइन भाग लेकर शुभकामनाएं दीं. सीएम ने कहा कि भारत-नेपाल सीमा पर थारू एवं वनटांगियां जन जातियां फैली हुई हैं. जनजातीय गांवों में 250 कैंपों का आयोजन किया जा रहा है. यह स्वास्थ्य विभाग का सराहनीय कदम है.
शुक्रवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने हरी झंडी दिखाकर इस यात्रा को रवाना किया. इस मौके पर समाज कल्याण, अनुसूचित जाति, आदिवासी कल्याण मंत्री असीम अरूण कुलपति केजीएमयू, डॉ विपिन पुरी, एनएमओ के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. विशम्भर सिंह (बीएचयू). एनएमओ के बौधिक प्रमुख डॉ. एमएलबी भट्ट, एनएमओ के प्रांत अध्यक्ष एवं सचिव भी मौजूद थे.
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रातं प्रचारक कौशल, हरमेश चौहान, देवेन्द्र अस्थाना, प्रशान्त भाटिया एवं विभाग प्रचारक अनिल भी उपस्थित थे. इस यात्रा में लगभग 40 मेडिकल कालेज एवं डेंटल कालेज के डॉक्टर्स एवं चिकित्सा छात्र, सीमावर्ती जिलो के मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिलों के चिकित्सक भी प्रतिभाग कर रहे हैं.
बताया गया कि लगभग 600 डॉक्टरों की टीम अगले तीन दिनों में 242 थारू जनजाति गांवों में चिकित्सा कैम्प आयोजित करेगी. 26 फरवरी को लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थ नगर एंव महाराजगंज जिलों में मेगा कैम्प एवं समापन समारोह आयोजित किया जाएगा. इसके जरिए 60 से 70 हजार मरीजों को देखने की योजना है.
बताया गया कि चिकित्सीय परामर्श के अतिरिक्त स्वास्थ्य परिक्षण में बीपी, डायबिटीज, एनीमिया, दन्त चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रबोधन भी किया जाएगा. जिन मरीजों को इलाज की जरूरत होगा उन्हें केजीएमयू, आरएमएल, एसजीपीजीआई, बीएचयू, एम्स गोरखपुर, बीआरडी गोरखपुर, प्रयागराज जीएसवीएम कानपुर या अन्य मेडिकल कालेज में निशुल्क इलाज के लिए भेजा जाएगा.