लखनऊ: हाथरस जिले में युवती के सामूहिक दुष्कर्म और क्रूरता के मामले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पीड़ित परिवार को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करें. वहीं मामले में गवाहों की भी सुरक्षा को ध्यान में रखा जाए, क्योंकि यह दो समूहों के बीच का मामला है और मृतका के परिवार के लिए खतरा हो सकता है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा कि यूपी के डीजीपी से इस केस को व्यक्तिगत रूप से देखें, जिससे दोषियों को कोर्ट के माध्यम से बिना किसी देरी के दंडित किया जा सके. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में यह आवश्यक है कि मृतक के परिवार के साथ-साथ गांव में रहने वाले एससी समुदाय (अनुसूचित जाति समुदाय) के अन्य सदस्यों को पुलिस द्वारा उचित सुरक्षा मुहैया कराई जाए.