लखनऊ : राजधानी लखनऊ में शासन सत्ता की नाक के नीचे नगर निगम अफसरों की लापरवाही के चलते पूरे शहर में अतिक्रमण है. फुटपाथ से लेकर सड़क तक अतिक्रमण ही अतिक्रमण है. इसके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई की रणनीति नहीं बन पा रही है. फुटपाथ से लेकर ओवरब्रिज के आसपास और नीचे भयंकर अतिक्रमण हो चुका है. नगर निगम के पास प्रवर्तन दस्ते भी हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाती है. अतिक्रमण की वजह से लोगों को आने जाने में भी समस्या हो रही है. ओवरब्रिज के नीचे अतिक्रमण होने से तमाम तरह की दुर्घटनाएं भी होती हैं. स्कूल-काॅलेज छूटने के समय तमाम इलाकों में अतिक्रमण की वजह से जाम की दिक्कत होती है.
राजधानी लखनऊ में हजरतगंज, महानगर, निशातगंज, डालीगंज, अलीगंज, विकासनगर, आलमबाग, चारबाग जैसे प्रमुख क्षेत्रों में फ्लाईओवर से लेकर फुटपाथ तक अतिक्रमण है. यहां दुकानदारों से लेकर आसपास के लोगों ने कब्जा कर रखा है. जिससे आने जाने वाले राहगीरों को चलने में समस्या होती है. अखिलेश यादव सरकार ने राजधानी में पैदल चलने वाले लोगों के लिए फुटपाथ और साइकिल से चलने वाले लोगों के लिए साइकिल ट्रैक बनवाने का काम किया था. इस समय अफसरों की लापरवाही और कार्रवाई न होने के चलते अब समस्या हो रही है. अतिक्रमण की वजह से जगह जगह जाम लगता है.
नगर निगम के अधिकारी कार्रवाई तब करते हैं जब कोई वीआइपी मूवमेंट होता है. वीआईपी मूवमेंट समाप्त होते ही फिर अतिक्रमण हो जाता है. ऐसा नगर निगम और पुलिस अफसरों की लापरवाही और अनदेखी के कारण होता है. स्थानीय निवासियों का कहना कि अतिक्रमण की वजह से आने जाने में समस्या होती है. फुटपाथ से लेकर सड़क तक दुकान और अन्य तरह का अतिक्रमण है. इसमें संबंधित अधिकारी कार्रवाई के बजाय संरक्षण देते हैं. जिससे अतिक्रमण से जनता को मुक्ति नहीं मिल पा रही है. फुटपाथ और फ्लाईओवर के आसपास नीचे जाम के चलते बच्चों को भी स्कूल आने जाने में दिक्कत होती है. पैदल चलने वाले लोगों को सबसे ज्यादा समस्या होती है.
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