लखनऊ: नगर निगम में तेल चोरी होने का खेल बंद नहीं हो पाया है. अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहे खेल में चालक तेल चोरी कर रहे हैं. तेल चोरी के खेल को बंद करने के लिए किए गए प्रयास महज दिखावा ही साबित हुए. तेल चोरी का मामला फिर पकड़ा गया है.
नगर निगम के वाहनों में तेल चोरी प्रकरण पर महापौर संयुक्ता भाटिया ने देर रात सख्त रुख अख्तियार करते हुए नगर आयुक्त डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी को तेल चोरों के खिलाफ सख़्त करवाई करवाने के लिए एफआईआर दर्ज करने के लिए निर्देशित किया है. निर्देश प्राप्त होने के पश्चात नगर आयुक्त ने तेल चोरी करने वाले तीनों कर्मचारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवा दी है. इनमें तेल चोरी में लिप्त संविदा कर्मचारी रितेश, आकाश एवं अशरफ के खिलाफ एफआईआर हुई है.
शाम को फॉगिंग करने वाले वाहन के चालक रितेश, आकाश और अशरफ के खिलाफ विभूति खंड थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस ने ही पॉलीटेक्निक चौराहे के पास तेल चोरी करते हुए चालकों को पकड़ा था. पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है और नगर निगम ने उन्हें सेवा से बाहर कर दिया.
इसके अलावा महापौर ने नगर आयुक्त को निर्देशित किया कि तेल चोरी होने में लापरवाह और जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण तलब करें. महापौर ने कहा कि अगर कर्मचारी कार्यदायी संस्था पर है तो उस कार्यदायी संस्था को भी कार्यवाही की जद में लेते हुए उस पर पेनल्टी लगाना सुनिश्चित करें एवं संस्था को भी नोटिस जारी करें. इससे आगे कार्यदायी संस्थाएं भी अपने कर्मचारियों पर नजर रख सकें एवं उनके गलत कार्यों की उत्तरदायी बन सके.
महापौर ने नगर आयुक्त से कड़े शब्दों में स्पष्ट किया कि विभाग में किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार बर्दास्त नहीं होगा. तेल चोरी रोकने के लिए लॉगबुक को पूर्णतया भरें एवं उनकी क्रॉस-चेकिंग के साथ ही निगम की सभी गाड़ियों में जीपीएस लगाना एवं आरआर विभाग में कैमरे लगाना एवं खराब कैमरे भी सही करवाना सुनिश्चित करें. इससे भविष्य में जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग किसी के भी द्वारा न किया जा सके.
नगर निगम में तेल चोरी लंबे समय से चल रही है. इसलिए शहर से कूड़ा और मलबा उठान नहीं हो पाता है. इसलिए चालक अधिकारियों की गाड़ी चलाने के बजाय कूड़ा व मलबा उठाने वाले वाहनों को पाने में जुगाड़ लगाते हैं. तेल चोरी के इस खेल में नगर निगम के आरआर विभाग में तैनात कर्मचारी भी लिप्त रहते हैं, जो चोरी के तेल को कम दाम में खरीद लेते हैं.