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खबर का असर: 24 मौतों के बाद अधिकारियों के लौलाई गांव में पड़े पैर - लखनऊ महापौर संयुक्ता भाटिया

लखनऊ जिला के लौलाई गांव में कोरोना की वजह से कई लोगों की मौत हो गई. ईटीवी भारत पर खबर के बाद नगर निगम और प्रशासन की टीम सक्रिय हुई है. अब डॉक्टर घर-घर पहुंच रहे हैं.

लोलई गांव
लोलई गांव
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Published : May 24, 2021, 3:24 PM IST

लखनऊ: राजधानी लखनऊ जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित लौलाई (lolai) गांव कोविड-19 के संक्रमण की चपेट में है. इस गांव में अब तक कोरोना के संक्रमण से 24 लोगों की मौत हो चुकी है. सरकार भले ही साफ-सफाई, सैनिटाइजेशन और दवाओं के वितरण की बात करती है, पर 24 मौतों के बाद भी लौलाई गांव का हाल लेने कोई भी सरकारी अधिकारी नहीं पहुंचा. 20 मई को ईटीवी भारत की टीम ने लौलाई गांव पहुंचकर निरीक्षण किया था. इसके बाद से ही जिले के अधिकारी, नगर निगम के कर्मचारी और स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव का दौरा कर रही है. लौलाई गांव बीते साल नगर निगम में शामिल हो गया था.

वीडियो रिपोर्ट
20 मई को ईटीवी भारत की टीम ने किया था गांव का निरीक्षण

20 मई को ईटीवी भारत ने इस गांव में जाकर हालात का जायजा लिया था. इस बारे में खबर दिखाये जाने के बाद महापौर संयुक्ता भाटिया ने नगर निगम के कर्मचारियों को सैनिटाइजेशन कराने के साथ-साथ नगर स्वास्थ्य अधिकारियों को भी गांव में भेजे जाने का आश्वासन दिया था. इसके बाद से इस गांव में अधिकारियों का दौरा शुरू हो गया. आज अधिकारी गांव में आकर जिन घरों में मौत हुई है, वहां पर डॉक्टरों की टीम भेज रहे हैं और मौत के कारणों को जानने की कोशिश कर रहे हैं.

इसे भी पढे़ं- इस गांव में कोरोना से 25 लोगों की मौत के बाद भी नहीं आया कोई सरकारी नुमाइंदा



क्या कहते हैं गांव वाले

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए गांव के पूर्व प्रधान उमेश यादव ने कहा कि जब से आपने इस गांव की रिपोर्टिंग की, शासन-प्रशासन के लोग आने लगे हैं. नगर निगम के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के भी डॉक्टर आकर घर-घर जाकर जिन घरों में मौत हुई है, मौत के कारणों को जान रहे हैं. लगातार अधिकारियों का दौरा गांव में हो रहा है. लौलाई गांव के कोटेदार अंसार अहमद का कहना है कि गांव में 24 मौतों के बाद भी शासन-प्रशासन का कोई भी अधिकारी गांव में झांकने नहीं आया था, पर दो दिन पूर्व से नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सक्रिय हुए हैं.


क्या कहती हैं समूह सखी

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए लौलाई गांव की समूह सखी विभा ने बताया कि गांव में 24 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. बावजूद इसके न तो सरकार की तरफ से कोई सुविधा मिली और न अभी तक यहां कोई जांच करने आया था. दो दिन पूर्व से यहां पर सरकार और नगर निगम के अधिकारियों की सक्रियता बढ़ी है. एसडीएम तहसीलदार के साथ-साथ डॉक्टरों की टीम घर-घर जाकर जायजा ले रही है. लगातार गांव में दवाओं का वितरण किया जा रहा है. जो मौतें हुई हैं, उनके बारे में जानने का प्रयास किया जा रहा है.

इसे भी पढे़ं- कोरोना अपडेट: सोमवार सुबह मिले 800 नए मरीज, दो की मौत

क्या कहती हैं महापौर

लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया का कहना है कि लौलाई गांव अभी हाल ही में नगर निगम की सीमा में शामिल हुआ है. 20 मई को इस गांव की समस्या के बारे में ईटीवी भारत के माध्यम से जानकारी हुई थी. इसके बाद से गांव में नगर निगम की टीम द्वारा सैनिटाइजेशन का काम शुरू करा दिया गया है. इसके साथ ही नगर स्वास्थ्य अधिकारियों को भी गांव में घर-घर जाकर जांच करने को कहा है, जिससे जो भी मौतें हुई हैं उसके कारणों का पता चल सके.

लखनऊ: राजधानी लखनऊ जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित लौलाई (lolai) गांव कोविड-19 के संक्रमण की चपेट में है. इस गांव में अब तक कोरोना के संक्रमण से 24 लोगों की मौत हो चुकी है. सरकार भले ही साफ-सफाई, सैनिटाइजेशन और दवाओं के वितरण की बात करती है, पर 24 मौतों के बाद भी लौलाई गांव का हाल लेने कोई भी सरकारी अधिकारी नहीं पहुंचा. 20 मई को ईटीवी भारत की टीम ने लौलाई गांव पहुंचकर निरीक्षण किया था. इसके बाद से ही जिले के अधिकारी, नगर निगम के कर्मचारी और स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव का दौरा कर रही है. लौलाई गांव बीते साल नगर निगम में शामिल हो गया था.

वीडियो रिपोर्ट
20 मई को ईटीवी भारत की टीम ने किया था गांव का निरीक्षण

20 मई को ईटीवी भारत ने इस गांव में जाकर हालात का जायजा लिया था. इस बारे में खबर दिखाये जाने के बाद महापौर संयुक्ता भाटिया ने नगर निगम के कर्मचारियों को सैनिटाइजेशन कराने के साथ-साथ नगर स्वास्थ्य अधिकारियों को भी गांव में भेजे जाने का आश्वासन दिया था. इसके बाद से इस गांव में अधिकारियों का दौरा शुरू हो गया. आज अधिकारी गांव में आकर जिन घरों में मौत हुई है, वहां पर डॉक्टरों की टीम भेज रहे हैं और मौत के कारणों को जानने की कोशिश कर रहे हैं.

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क्या कहते हैं गांव वाले

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए गांव के पूर्व प्रधान उमेश यादव ने कहा कि जब से आपने इस गांव की रिपोर्टिंग की, शासन-प्रशासन के लोग आने लगे हैं. नगर निगम के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के भी डॉक्टर आकर घर-घर जाकर जिन घरों में मौत हुई है, मौत के कारणों को जान रहे हैं. लगातार अधिकारियों का दौरा गांव में हो रहा है. लौलाई गांव के कोटेदार अंसार अहमद का कहना है कि गांव में 24 मौतों के बाद भी शासन-प्रशासन का कोई भी अधिकारी गांव में झांकने नहीं आया था, पर दो दिन पूर्व से नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सक्रिय हुए हैं.


क्या कहती हैं समूह सखी

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए लौलाई गांव की समूह सखी विभा ने बताया कि गांव में 24 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. बावजूद इसके न तो सरकार की तरफ से कोई सुविधा मिली और न अभी तक यहां कोई जांच करने आया था. दो दिन पूर्व से यहां पर सरकार और नगर निगम के अधिकारियों की सक्रियता बढ़ी है. एसडीएम तहसीलदार के साथ-साथ डॉक्टरों की टीम घर-घर जाकर जायजा ले रही है. लगातार गांव में दवाओं का वितरण किया जा रहा है. जो मौतें हुई हैं, उनके बारे में जानने का प्रयास किया जा रहा है.

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क्या कहती हैं महापौर

लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया का कहना है कि लौलाई गांव अभी हाल ही में नगर निगम की सीमा में शामिल हुआ है. 20 मई को इस गांव की समस्या के बारे में ईटीवी भारत के माध्यम से जानकारी हुई थी. इसके बाद से गांव में नगर निगम की टीम द्वारा सैनिटाइजेशन का काम शुरू करा दिया गया है. इसके साथ ही नगर स्वास्थ्य अधिकारियों को भी गांव में घर-घर जाकर जांच करने को कहा है, जिससे जो भी मौतें हुई हैं उसके कारणों का पता चल सके.

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