लखनऊ: अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जल्द निर्णय की संभावनाएं देखते हुए मंदिर-मस्जिद मामले के पक्षकारों में हलचल भी बढ़ रही है. उच्चतम न्यायालय अयोध्या में विवादित स्थल के मालिकाना हक को लेकर इस समय प्रतिदिन सुनवाई कर रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि 18 नवंबर तक सुप्रीम कोर्ट का निर्णय भी आ जाएगा. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के साथ मध्यस्थता का भी प्रयास चल रहा है, लेकिन कई हिन्दू और मुस्लिम पक्षकार अब मध्यस्थता के पक्ष में नहीं हैं.
इसके भी पढ़ें- रामलला की सुरक्षा में तैनात सिपाही ही हैं भगवान की पुरानी सेनाः श्री रामजन्मभूमि के पुजारी
लीग के कार्यकर्ताओं ने मध्यस्थता का किया विरोध
गुरुवार को इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर मध्यस्थता का विरोध करते हुए लीग नेता मतीन खान की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. मतीन खान ने कहा देश का मुसलमान अयोध्या विवाद में सिर्फ सुप्रीम कोर्ट का निर्णय मानेगा.
इसके भी पढ़ें- राम विलास वेदांती का विवादित बयान, कहा- ज्यादा बच्चे होंगे तो बनेंगे आतंकी
मौलाना तौकीर रजा पर लगाया ये आरोप
इस दौरान कार्यकर्ताओं ने बाबरी मस्जिद के सौदागर मुर्दाबाद. बाबरी मस्जिद की दलाली नहीं चलेगी. जैसे नारे लिखी तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने मौलाना तौकीर रजा की हयात होटल में बैठक का विरोध किया. मुस्लिम लीग के नेता मतीन खान ने मौलाना तौकीर रजा पर मस्जिद का सौदा करने का आरोप लगाया है.
आपको बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुरू करने से पहले अयोध्या विवाद को आपसी सहमति से निपटाने के लिए मध्यस्थता पैनल बनाया गया था, लेकिन कई प्रयासों के बाद भी दोनों पक्षकार किसी निर्णय पर नहीं पहुंच सके.
इसके भी पढ़ें- भगवान श्रीराम ने किया रावण का वध, बुराई पर हुई अच्छाई की जीत
मध्यस्थता पर असहमत हैं दोनों पक्षकार
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने विवादित स्थल को लेकर सुनवाई शुरू की. यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्वाणी अखाड़ा की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के साथ-साथ मध्यस्थता जारी रखने की भी अनुमति दे दी है. हालांकि अब मध्यस्थता को लेकर मंदिर-मस्जिद के सभी पक्षकार सहमत नहीं हैं और खुल कर इसका विरोध दर्ज कराते नजर आ रहे हैं.