लखनऊ: पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार की रात निधन हो गया. उनके कार्यकाल के दौरान इराक में हुए ISIS के हमले में लखनऊ के रहने वासे असद बुरी तरह फंस गए थे. उस दौरान जब असद और उनके साथियों को कोई रास्ता नहीं सूझा तो उन्होंने तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मदद की गुहार लगाई, जिसके बाद उन्हें इराक से सुरक्षित भारत ले जाया गया. सुषमा स्वराज के निधन के बाद असद का परिवार गमगीन हो गया है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में मोहम्मद असद ने अपनी आपबीती सुनाई. असद ने बताया कि इराक में आतंकवादियों के हमलों के बीच वह अपने कई साथियों के साथ फंस गए थे. इसके बाद डीएम लखनऊ द्वारा उनके मामले को विदेश मंत्रालय पहुंचाया गया. इसके बाद मामले का संज्ञान लेते हुए तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने तत्परता दिखाई और असद से बात की. सुषमा स्वराज ने असद को आश्वस्त करते हुए कहा कि आप घबराएं नहीं, आपको हम सकुशल भारत वापस लाएंगे.
असद ने बताया कि उस समय वह इराक से बाहर नहीं बल्कि मौत के मुंह से बाहर आये थे. उस घड़ी में जो सुषमा स्वराज से मदद मिली वह मदद किसी और से नहीं मिल सकती थी. असद का कहना है कि उनको विदेश मंत्री ने दूसरी जिंदगी दी, जिसके लिए मैं अपनी जिंदगी का शुक्रगुजार हूं. असद के परिजन गब्बन नवाब इतना भावुक हो गए कि रोते हुए उन्होंने कहा कि कल की रात उनके परिवार पर बहुत भारी गुजरी. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री जी का न होने से उनके परिवार का ही बल्कि पूरे देश को बड़ा नुकसान हुआ है.