लखनऊ: प्रदेश भर के 17 नगर निगमों को पड़ोसी शहरों की मदद करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. नगर विकास विभाग की योजना के मुताबिक नगर निगम अपने पड़ोसी छोटे शहरों को अपने संसाधनों के जरिए मदद करेंगे. जिसमें सफाई, सड़क निर्माण, पार्को और सीवर का काम शामिल है. नगर निगम को समय-समय पर अपने कर्मचारी भी नगरपालिका को देने होंगे, जिससे छोटे जिलों में नगर विकास की व्यवस्थाएं बेहतर हो सकें.
उत्तर प्रदेश में नगर पंचायत समेत 102 नगर पालिकाएं हैं. जबकि 17 शहरों में बड़े नगर निगम हैं, जिनमें लखनऊ, कानपुर, मुरादाबाद, अयोध्या, बरेली, गाजियाबाद, गोरखपुर, वाराणसी, रामपुर, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, शाहजहांपुर जैसे महानगर शामिल हैं. ऐसे महानगर हैं जो स्मार्ट सिटी में शामिल हैं और जिनके पास भारी संख्या में संसाधन मौजूद हैं. इसके अतिरिक्त कर्मचारियों अधिकारियों की तादात भी अच्छी खासी है. नगर विकास विभाग ने अब इसका लाभ महानगर के अलावा उसके पड़ोसी नगर पालिकाओं को भी देने का प्लान किया है. ताकि वहां भी विकास के काम बेहतर हों.
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नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने बताया कि मंत्री एके शर्मा के निर्देश पर इस व्यवस्था को लागू किया जा रहा है. उदाहरण के तौर पर लखनऊ जैसे महानगर अपने संसाधनों का इस्तेमाल सीतापुर बाराबंकी जैसे छोटे शहरों के लिए कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से सफाई, जल निकासी संबंधित काम, छोटे मरम्मत, सीवरेज जाम, पार्कों का विकास और स्वच्छ भारत अभियान जैसे मुद्दों पर बड़े महानगर छोटे शहरों की मदद करें.
इसमें महीने में एक-दो दिन के लिए अपने कर्मचारी भी पड़ोसी जिले में भेजकर वहां काम करवाए जाएंगे. देखा जाए तो यह नया प्लान व्यवस्थाओं की बेहतरी में मदद करेगा, जिसको अपने समय में आईएएस रहे नगर विकास मंत्री एके शर्मा के प्रयासों से लागू किया गया है.
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