लखनऊ: राजधानी में मानसून से पहले नाला सफाई अभियान पूरा होने के दावों की पड़ताल के लिए ईटीवी भारत ने रियलिटी चेक किया. इस रियलिटी चेक के दौरान राजधानी के तमाम नाले गंदगी से पटे मिले या तो कई नाले पूरी तरह से कूड़ा करकट से भरे मिले. वहीं अगर समय रहते अफसर कागजों पर नाला सफाई अभियान चलाने के बजाय धरातल पर नाला सफाई नहीं कराए तो राजधानी लखनऊ की जनता को जलभराव से मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा.
लखनऊ नगर निगम के अधिकारी ने दावा किया कि 8 जून यानी सोमवार तक सभी प्रकार के नाले साफ किए जा चुके हैं, जिससे जिले में जलभराव की समस्या नहीं होगी. प्रशासन ने नाला सफाई अभियान के लिए युद्ध स्तर पर काम किया है, जबकि सच्चाई यह है कि राजधानी के कई बड़े नालों की सफाई अभी तक शुरू नहीं हो पाई है.
मुख्यमंत्री आवास के सामने से निकलने वाले नाले में गंदगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आवास 5 कालिदास मार्ग के सामने से निकलने वाले नाले की सच्चाई यह है कि अभी भी नाले में तमाम तरह की गंदगी बड़ी मात्रा में है. प्लास्टिक और अन्य तरह का कचरा जमा है. नालों के किनारों में भारी मात्रा में गंदगी देखी जा सकती है.
इससे कुछ आगे चलने पर जियामऊ के सामने से गुजरने वाले नाले की हकीकत तो पूरे नगर निगम प्रशासन के कामकाज के तंत्र पर सवाल खड़े करती है. यहां से गुजरने वाला नाला पूरी तरह से चोक है और काफी मात्रा में कूड़ा कचरा प्लास्टिक पूरी तरह से नाले को बाधित कर रहा है. यहां से पानी भी नहीं निकल पा रहा.
लोगों की नाला साफ कराने की मांग
जिले के रहने वाले जय कुमार का कहना है कि नाला सफाई के काम को गंभीरता से करना होगा, तभी जलभराव की समस्या से छुटकारा मिल सकेगा. अभी तमाम नाले पूरी तरह से गंदे हैं और नालों में कूड़ा कचरा देखा जा सकता है. नगर निगम के अधिकारियों से मांग है कि जल्द से जल्द नाला साफ हो, जिससे आवागमन में लोगों को राहत मिल सके.
अपर नगर आयुक्त ने किया सफाई का दावा
अमित कुमार, अपर नगर आयुक्त लखनऊ ने बताया कि जिले के सभी छोटे-बड़े नालों की सफाई कराई जा रही है. 8 जून तक सभी नालों की सफाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और सभी नालें साफ कराए जा रहे हैं. नाला सफाई अभियान में नगर निगम के कर्मचारी युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं, जिससे मानसून में जलभराव की समस्या न हो.
इसके अलावा राजधानी लखनऊ के कई नालों की सच्चाई देखी गई तो पता चला कि तमाम जगहों पर कूड़ा करकट और गंदगी से नाले पूरी तरह से भरे पड़े हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर यही हालत रहा और नगर निगम के अफसरों ने अभियान नहीं चलाया तो मानसून के समय लखनऊ के तमाम इलाकों में जलभराव होगा. नालों से पानी निकलने में समस्या होगी.