लखनऊ: मशहूर शायर मुनव्वर राना का लखनऊ के एसजीपीजीआई में इंतकाल हो गया. मुनव्वर राना देश के मशहूर शायर थे तो वहीं उनका विवादों से भी लगातार गहरा नाता रहा. अपने बयानों को लेकर मुनव्वर राना हमेशा विवादों से घिरे रहे. मुनव्वर राना की बेटी सुमैया राना जब राजनीति में आईं, उसके बाद से मुनव्वर राना विवादों से गिरते चले गए. केंद्र सरकार द्वारा लिए गए CAA और एनआरसी कानून को लेकर लखनऊ में प्रदर्शन हुआ तो मुनव्वर की बेटी सुमैया भी इस प्रदर्शन में शामिल हुई थी और प्रदर्शन को सही ठहराया था. उनकी बेटी के खिलाफ एफआईआर भी हुई. तब उन्होंने कई सवाल खड़े किए थे.
किसान आंदोलन के दौरान मुनव्वर का एक विवादित बयान काफी चर्चा में रहा था. उन्होंने कहा था, संसद को गिराकर खेत बना दो, इस मुल्क के कुछ लोगों को रोटी तो मिलेगी. अब ऐसे ही बदलेगा किसानों का मुकद्दर, सेठों के बनाए हुए गोदाम जला दो, मैं झूठ के दरबार में सच बोल रहा हूं, गर्दन को उड़ाओ या मुझे जिंदा जला दो, इस शेर के बाद कई बड़े नेताओं और कवियों ने इसकी निंदा की थी.
विवाद बढ़ते देख राना ने यह ट्वीट डिलीट कर दिया था. 2020 में फ्रांस के कार्टून विवाद में एक महिला टीचर की गला दबाकर हत्या की गई थी. इसको भी राना ने सही ठहराया था और कहा था कि आपका मजहब आपकी मां की तरह होता है, मुसलमान को निशाना बनाकर चिढ़ाने के लिए ऐसा कार्टून बनाया गया है. यह तर्क देते हुए मुनव्वर ने कहा था कि किसी को इतना भी मजबूर नहीं करना चाहिए कि वह कत्ल करने पर मजबूर हो जाए. हालांकि बयान के बाद उन्होंने अपनी सफाई भी पेश की थी.
इसी प्रकार 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर योगी आदित्यनाथ और भाजपा सरकार दोबारा आएगी तो मैं उत्तर प्रदेश से पलायन कर जाऊंगा. हालांकि, सरकार बनने के बाद मुनव्वर राना शांत रहे. देश में 2020-21 में जब एनआरसी को लेकर देश भर में आंदोलन चल रहा था तब भी मुनव्वर राना बयान देने से पीछे नहीं रहे. उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार को टारगेट करते हुए कहा था कि आप उत्तर प्रदेश में डर लगने लगा है. उन्होंने कहा भाजपा पूरे देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहती है.
मुनव्वर राना यही नहीं रुके, देश की सर्वोच्च अदालत पर भी अंगुली उठाई. राना अयोध्या राम मंदिर को लेकर आये फैसले पर सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उस वक्त भी राना ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर भी आरोप लगा दिए थे. उन्होंने कहा था कि अयोध्या की विवादित जमीन पर फैसला सुनाए जाने में हिंदुओं का पक्ष लिया गया है. वह लगातार विवादों में भी बने रहते थे.
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