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लखनऊ में मुख्तार अंसारी की 3 करोड़ की जमीन कुर्क, चचेरे भाई के नाम से थी संपत्ति

बुधवार को लखनऊ में मुख्तार अंसारी की 3 करोड़ की जमीन कुर्क (Mukhtar Ansari land attached in Lucknow) की गयी. यह प्रॉपर्टी उसके चचरे भाई के नाम पर थी.

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लखनऊ में मुख्तार अंसारी की 3 करोड़ की जमीन कुर्क
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Published : Apr 13, 2023, 6:31 AM IST

लखनऊ: बाहुबली मुख्तार अंसारी के चचेरे भाई मंसूर अंसारी की लखनऊ के न्यू हैदराबाद में स्थित 65 लाख रुपये की सम्पत्ति गैंगस्टर एक्ट के तहत बुधवार को कुर्क (Mukhtar Ansari land attached in Lucknow) कर दी गई. करीब तीन हजार वर्ग फीट की ये सम्पत्ति मंसूर, उसकी पत्नी आबिदा और पिता खुर्ददुल अंसारी के नाम थी, जिसे गाजीपुर पुलिस ने कुर्क की है.

गाजीपुर एसपी ने कुर्की के दिए थे आदेश: गाजीपुर पुलिस के मुताबिक, IS 191 गैंगलीडर मुख्तार अंसारी उसके चचेरे भाई मंसूर अंसारी, चाचा खुर्शेदुल हक अंसारी व मंसूर की पत्नी आविदा अंसारी की 65 लाख 45 हजार 110 रुपये की अचल संपत्ति को कुर्क किया गया. इसको लेकर बीते 20 मार्च को एसपी गाजीपुर ने गैंगस्टर एक्ट 14 (1) के तहत कुर्क करने के निर्देश दिए थे.


चाचा, चचेरे भाई के नाम मुख्तार ने खरीदी थी जमीन: गाजीपुर पुलिस के मुताबिक, माफिया मुख्तार अंसारी ने अपने चाचा खुर्शेदुल हक अंसारी, चचेरे भाई मंसूर और उसकी पत्नी आबिदा अंसारी के नाम से लखनऊ में वार्ड काल्विन कॉलेज मोहल्ला न्यू हैदराबाद डॉक्टर वैजनाथ रोड लखनऊ में 65 लाख 45 हजार 110 रुपये कीमत की जमीन खरीदी थी. इसकी वर्तमान में कीमत लगभग 3 करोड़ 50 लाख रुपये है. इस संपत्ति को बुधवार को कुर्क कर दी गई.


मुख्तार के काले साम्राज्य को किया गया निस्तानबूत: बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के भी साम्राज्य को योगी सरकार ने ढहा दिया है. साल 2005 से देश की अलग अलग जेलों में बंद मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में कुल 59 मुकदमे दर्ज है. इनमें 20 ऐसे केस है, जो कोर्ट में विचाराधीन है. अब तक 3 मामलों में माफिया को सजा सुनाई जा चुकी है.

माफिया के सहयोगियों व उसके गुर्गों पर हुई कार्रवाई की बात करें, तो अब तक 282 गुर्गों पर यूपी पुलिस कार्रवाई कर चुकी है, इनमें कुल 143 मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं. 176 मुख्तार के गुर्गों और उसके गैंग ISI191 के सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है. योगी सरकार की कार्रवाई से दहशत आकर 15 गुर्गों ने सरेंडर भी किया था. 167 असलहों के लाइसेंस रद्द किए गए है, तो 66 के खिलाफ गुंडा एक्ट व 126 के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की गई थी.

मुख्तार के गैंग को मिट्टी में मिला चुकी है योगी सरकार: यही नहीं योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान मुख्तार के 6 गुर्गों पर एनएसए लगाया गया. 70 की हिस्ट्रीशीट खोली गई है, तो 40 को जिलाबदर किया गया है. मुख्तार के 5 गुर्गों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है. योगी सरकार ने मुख्तार और उसके कुनबे की लगभग 5 अरब 72 करोड़ की संपत्ति को या तो जब्त किया ही या फिर उस पर बुल्डोजर चलाया गया. यही नही मुख्तार एंड कंपनी पर हुई कार्रवाई से उसके अवैध धंधों से कमाए जाने वाले 2 अरब 12 करोड़ का भी नुकसान हुआ.

ये भी पढ़ें- ऑनर किलिंग मामले में पिता की जमानत अर्जी खारिज, High Court ने कहा, किसी को जीवन छीनने का अधिकार नहीं

लखनऊ: बाहुबली मुख्तार अंसारी के चचेरे भाई मंसूर अंसारी की लखनऊ के न्यू हैदराबाद में स्थित 65 लाख रुपये की सम्पत्ति गैंगस्टर एक्ट के तहत बुधवार को कुर्क (Mukhtar Ansari land attached in Lucknow) कर दी गई. करीब तीन हजार वर्ग फीट की ये सम्पत्ति मंसूर, उसकी पत्नी आबिदा और पिता खुर्ददुल अंसारी के नाम थी, जिसे गाजीपुर पुलिस ने कुर्क की है.

गाजीपुर एसपी ने कुर्की के दिए थे आदेश: गाजीपुर पुलिस के मुताबिक, IS 191 गैंगलीडर मुख्तार अंसारी उसके चचेरे भाई मंसूर अंसारी, चाचा खुर्शेदुल हक अंसारी व मंसूर की पत्नी आविदा अंसारी की 65 लाख 45 हजार 110 रुपये की अचल संपत्ति को कुर्क किया गया. इसको लेकर बीते 20 मार्च को एसपी गाजीपुर ने गैंगस्टर एक्ट 14 (1) के तहत कुर्क करने के निर्देश दिए थे.


चाचा, चचेरे भाई के नाम मुख्तार ने खरीदी थी जमीन: गाजीपुर पुलिस के मुताबिक, माफिया मुख्तार अंसारी ने अपने चाचा खुर्शेदुल हक अंसारी, चचेरे भाई मंसूर और उसकी पत्नी आबिदा अंसारी के नाम से लखनऊ में वार्ड काल्विन कॉलेज मोहल्ला न्यू हैदराबाद डॉक्टर वैजनाथ रोड लखनऊ में 65 लाख 45 हजार 110 रुपये कीमत की जमीन खरीदी थी. इसकी वर्तमान में कीमत लगभग 3 करोड़ 50 लाख रुपये है. इस संपत्ति को बुधवार को कुर्क कर दी गई.


मुख्तार के काले साम्राज्य को किया गया निस्तानबूत: बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के भी साम्राज्य को योगी सरकार ने ढहा दिया है. साल 2005 से देश की अलग अलग जेलों में बंद मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में कुल 59 मुकदमे दर्ज है. इनमें 20 ऐसे केस है, जो कोर्ट में विचाराधीन है. अब तक 3 मामलों में माफिया को सजा सुनाई जा चुकी है.

माफिया के सहयोगियों व उसके गुर्गों पर हुई कार्रवाई की बात करें, तो अब तक 282 गुर्गों पर यूपी पुलिस कार्रवाई कर चुकी है, इनमें कुल 143 मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं. 176 मुख्तार के गुर्गों और उसके गैंग ISI191 के सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है. योगी सरकार की कार्रवाई से दहशत आकर 15 गुर्गों ने सरेंडर भी किया था. 167 असलहों के लाइसेंस रद्द किए गए है, तो 66 के खिलाफ गुंडा एक्ट व 126 के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की गई थी.

मुख्तार के गैंग को मिट्टी में मिला चुकी है योगी सरकार: यही नहीं योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान मुख्तार के 6 गुर्गों पर एनएसए लगाया गया. 70 की हिस्ट्रीशीट खोली गई है, तो 40 को जिलाबदर किया गया है. मुख्तार के 5 गुर्गों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है. योगी सरकार ने मुख्तार और उसके कुनबे की लगभग 5 अरब 72 करोड़ की संपत्ति को या तो जब्त किया ही या फिर उस पर बुल्डोजर चलाया गया. यही नही मुख्तार एंड कंपनी पर हुई कार्रवाई से उसके अवैध धंधों से कमाए जाने वाले 2 अरब 12 करोड़ का भी नुकसान हुआ.

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