लखनऊः बांदा जेल में चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध न कराए जाने को लेकर मुख्तार अंसारी द्वारा दी गई अर्जी पर एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने बांदा के जेल अधीक्षक को निर्देश दिया है. कोर्ट ने निर्देश दिया कि मुख्तार अंसारी को जेल मैनुअल व सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुक्रम में चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें.
उल्लेखनयी है कि बांदा जेल से 28 मार्च को पेशी पर आए मुख्तार अंसारी ने जेल अधिकारियों की शिकायत करते हुए एक अर्जी भी अदालत में दी थी. जिसमें कहा गया था कि उसके स्वास्थ्य से संबंधित दवाएं एवं मेडिकल परीक्षण जेल में नहीं किया जा रहा है. इसके अलावा जेल अधिकारियों की लापरवाही के चलते ही उन्हें कोरोना बीमारी हो गई थी. बीमारी के बावजूद उनका समुचित इलाज नहीं किया गया. मुख्तार अंसारी ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि वह 60 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक है व पूर्व विधायक होने व ग्रेजुएट होने कारण बी क्लास की सुविधा पाने के अधिकारी है. इसके बावजूद न तो उन्हें दवा दी जा रही हैं और न ही उनके अधिवक्ताओं को उनसे मिलने दिया जा रहा है.
इसे भी पढ़ें-जेल कर्मियों पर हमले के मामले में मुख्तार अंसारी पर आरोप तय
अदालत ने मंगलवार को अर्जी पर विस्तृत आदेश पारित करते हुए जेल अधीक्षक बांदा को निर्देश दिया है कि वह मुख्तार अंसारी के परिजनों एवं वकीलों को जेल मैनुअल के अनुसार मुलाकात कराना सुनिश्चित करें तथा नियमानुसार समुचित सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए. अदालत ने मुख्तार अंसारी की उस मांग को स्वीकार करने से मना कर दिया है, जिसमें समस्त न्यायिक कार्यवाही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कराए जाने का अनुरोध किया गया था. अदालत ने कहा है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की कार्यवाही कराना न्यायालय के विवेक पर निर्भर है. अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि जेल से सीसीटीवी फुटेज मंगाए जाने के बाबत यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि मुख्तार अंसारी को सीसीटीवी फुटेज की क्या आवश्यकता है और किस समय का फुटेज चाहिए. ऐसी दशा में यह मांग भ्रामक होने के कारण स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है.