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गवाही के लिए नहीं आने पर कोर्ट सख्त, दो दारोगा और तीन सिपाहियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी - भाजपा विधायक धीरेंद्र बहादुूर सिंह

राजधानी में एमपी एमएलए कोर्ट ने दो सब इंस्पेक्टर और तीन सिपाहियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है. राजधानी के हसनगंज थाना से जुड़ा यह 30 साल पुराना मामला है. इसमें भाजपा विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह भी अभियुक्त हैं.

एमपी एमएलए कोर्ट
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Published : Oct 25, 2021, 10:48 PM IST

लखनऊ : एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने दो सब इंस्पेक्टर और तीन सिपाहियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है. दरअसल छात्र आंदोलन में दुकानों को बंद कराने के दौरान पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमला करने के एक मामले में गवाही के लिए एसआई विजय प्रताप सिंह, नरेश कुमार और सिपाही रामकृष्ण वर्मा, हरिराम व एचसी जयपाल सिंह के न आने पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है. इसके पूर्व भी कोर्ट इनके खिलाफ वारंट जारी करने का आदेश दे चुकी है. उक्त मामले में अन्य अभियुक्तों के साथ रायबरेली के सरेनी से भाजपा विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह भी अभियुक्त हैं.


कोर्ट ने इसके साथ ही अभियोजन को अपना साक्ष्य प्रस्तुत करने का सशर्त अंतिम अवसर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि अगली तारीख पर अभियोजन अपना साक्ष्य प्रस्तुत करने में असफल रहता है तो अभियोजन का साक्ष्य समाप्त कर अभियुक्तों का बयान दर्ज करने की कार्यवाही की जाएगी.

राजधानी के थाना हसनगंज से संबंधित यह मामला 30 साल पुराना है. 22 अगस्त, 1991 को इस मामले की एफआईआर लखनऊ विश्वविद्यालय के तत्कालीन चौकी इंचार्ज विजय प्रताप सिंह ने दर्ज कराई थी. इस मामले में लविवि के तत्कालीन छात्र नेताओं के साथ ही वर्तमान में रायबरेली की सरेनी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह भी अभियुक्त हैं. मामले की अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी.

इसे भी पढ़ें - सीधी भर्ती से नियुक्त और प्रोन्नति पाने वाले सहायक आयुक्तों में भेद नहीं: हाईकोर्ट

लखनऊ : एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने दो सब इंस्पेक्टर और तीन सिपाहियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है. दरअसल छात्र आंदोलन में दुकानों को बंद कराने के दौरान पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमला करने के एक मामले में गवाही के लिए एसआई विजय प्रताप सिंह, नरेश कुमार और सिपाही रामकृष्ण वर्मा, हरिराम व एचसी जयपाल सिंह के न आने पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है. इसके पूर्व भी कोर्ट इनके खिलाफ वारंट जारी करने का आदेश दे चुकी है. उक्त मामले में अन्य अभियुक्तों के साथ रायबरेली के सरेनी से भाजपा विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह भी अभियुक्त हैं.


कोर्ट ने इसके साथ ही अभियोजन को अपना साक्ष्य प्रस्तुत करने का सशर्त अंतिम अवसर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि अगली तारीख पर अभियोजन अपना साक्ष्य प्रस्तुत करने में असफल रहता है तो अभियोजन का साक्ष्य समाप्त कर अभियुक्तों का बयान दर्ज करने की कार्यवाही की जाएगी.

राजधानी के थाना हसनगंज से संबंधित यह मामला 30 साल पुराना है. 22 अगस्त, 1991 को इस मामले की एफआईआर लखनऊ विश्वविद्यालय के तत्कालीन चौकी इंचार्ज विजय प्रताप सिंह ने दर्ज कराई थी. इस मामले में लविवि के तत्कालीन छात्र नेताओं के साथ ही वर्तमान में रायबरेली की सरेनी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह भी अभियुक्त हैं. मामले की अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी.

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