लखनऊ: प्रदेश में चोटिल खिलाड़ियों के इलाज में बेहतरी के लिए 3 साल से काम कर रहे केजीएमयू के स्पोर्ट्स मेडिसिन डिपार्टमेंट ने पिछले साल जागरूकता के मकसद से उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन (यूपीओए) के साथ एमओयू किया. इसके बाद आज केजीएमयू स्पोर्ट्स मेडिसिन डिपार्टमेंट ने कई बड़े सरकारी संस्थानों से एमओयू किया है ताकि उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों का राज्य में ही बेहतर इलाज और पुर्नवास हो सके.
केजीएमयू में हुए एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश खेल निदेशालय, उत्तर प्रदेश पुलिस स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड, भारतीय खेल प्राधिकरण क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ के साथ फ्रंटियर हेडक्वार्टर एसएसबी लखनऊ के साथ केजीएमयू स्पोर्ट्स मेडिसिन डिपार्टमेंट ने एमओयू साइन किया.
भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष और उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन के भी महासचिव डॉ. आनन्देश्वर पाण्डेय ने इस अवसर पर राज्य सरकार से मांग की कि स्पोर्ट्स मेडिसिन डिपार्टमेंट को प्रदेश में एक्सीलेंस सेंटर के तौर पर विकास किया जाए ताकि हमारे खिलाड़ी इससे ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित हो सके.
केजीएमयू स्पोर्ट्स मेडिसिन डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आशीष कुमार के अनुसार अभी हमारे राज्य के खिलाड़ी इलाज के लिए दिल्ली व बड़े राज्य जाते है. अब उन्हें लखनऊ में ही रियायती दरों पर उच्चस्तरीय इलाज व पुर्नवास की सुविधा मिलेगी. उन्होंने बताया कि उनके यहां चोट के ऑपरेशन के साथ ओपीडी का भी संचालन होता है और यहां ह्यूमन परफारर्मेंस लैब भी है.
इस अवसर पर यूपी पुलिस स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड के आईजी आशुतोष कुमार, साईं क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ के कार्यकारी निदेशक संजय सारस्वत, फ्रंटियर हेडक्वार्टर एसएसबी लखनऊ के डीआईजी अभिषेक पाठक, केजीएमयू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. विपिन पुरी (आर्म्स फोर्स मेडिकल सर्विस के पूर्व डायरेक्टर जनरल), भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष डॉ. आनन्देश्वर पाण्डेय और लखनऊ ओलंपिक एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष सैयद रफत भी मौजूद थे.
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