लखनऊ/इंदौरः स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर लगातार चार बार नंबर एक पर आया है. इंदौर की स्वच्छता को देखते हुए उत्तरप्रदेश के अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण के शुभारंभ के साथ ही श्री राम की नगरी को स्वच्छ रखने की कवायद शुरू हो गई है. इस क्रम में अयोध्या नगर निगम और आईआईएम इंदौर ने करार किया है. जहां दोनों ने मिलकर अयोध्या को इंदौर की तरह उत्तर प्रदेश की सबसे स्वच्छ नगरी बनाने का बीड़ा उठाया है. जिसको लेकर लेकर आईआईएम और अयोध्या नगर निगम के बीच एमओयू साइन किया गया है.
उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या को पर्यटन नगरी बनाने जा रही है. इसके अलावा अयोध्या को राज्य की सबसे स्वच्छ नगरी भी बनाई जाए, इसके लिए वहां इंदौर का स्वच्छता मॉडल लागू करने की तैयारी भी की गई है. लिहाजा एमओयू के तहत आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रोफेसर हिमांशु राय और अयोध्या नगर निगम के आयुक्त विशाल सिंह ने हाल ही में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर दस्तखत किए हैं.
श्रीराय ने बताया कि इंदौर की तरह ही अयोध्या को स्वच्छ रखने की भी तैयारियां की गई हैं. लिहाजा स्वच्छता के इंदौर मॉडल के सर्वश्रेष्ठ उपायों को अपनाते हुए अयोध्या में अलग-अलग गतिविधियां शुरू की जाएगी. उत्तरप्रदेश के इस शहर को धार्मिक पर्यटन के अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके लिए केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के तहत सूचना, शिक्षा और संचार की योजना बनाई जाएगी.
इंदौर में मिलेगी अयोध्या के अधिकारियों को ट्रेनिंग
दरअसल अयोध्या में स्वच्छता मॉडल लागू करने के लिए इंदौर में अयोध्या नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा. हिमांशु राय ने बताया अयोध्या में इस करार को अमली जामा पहनाने का काम 14 जनवरी को मकर संक्रांति से स्वच्छता मॉडल पर काम शुरू हो जाएगा. इंदौर का सस्ता मॉडल देश भर में स्वच्छता के लिए एक नजीर बन गया है. इसकी वजह देश की स्वच्छता रैंकिंग में 2017, 2018 2019 और 2020 में इंदौर पहले नंबर पर आया है. लिहाजा देश के कई शहरों के नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों के अलावा जनप्रतिनिधि इंदौर के स्वच्छता मॉडल को अपने राज्यों में लागू करने की बात कह चुके हैं.
अब जबकि अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण होने जा रहा है तो इंदौर की तरह अयोध्या को स्वच्छ रखने के लिए वहां इंदौर के मॉडल की ही मदद ली जा रही है. हालांकि अयोध्या नगर निगम में अभी इस आशय को लेकर नगर निगम अथवा जिला प्रशासन से संपर्क नहीं किया है