लखनऊ: राजधानी सहित अन्य निकायों को साफ-सुथरा बनाने और कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था को बेहतर करने के उद्देश्य से नगर विकास मंत्री ने बड़ा फैसला लिया है. आईटीसी कंपनी के साथ एक एमओयू साइन किया गया है, जिसके अंतर्गत कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था व्यवस्थित ढंग से संचालित की जा सकेगी. कूड़ा निकालने के स्थान पर ही उसे निस्तारित करने के लिए काम होगा. खास बात यह है कि करीब 400 मास्टर ट्रेनर्स तकनीक से लैस किए जाएंगे, जो लोगों को इस बारे में जागरूक करेंगें.
नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन की पहल पर शहरी निकायों और कस्बों को साफ-सुथरा बनाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए आईटीसी, इंडियन डेवलपमेंट सेंटर (आईडीसी) और नगर विकास विभाग के बीच एक समझौता हुआ है. इसके तहत कई काम किए जाएंगे और स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाया जाएगा. इसके साथ ही कुछ विशेषज्ञ जुड़े रहेंगे, जो करीब 400 मास्टर ट्रेनर्स को ट्रेंड करेंगे.
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इसके बाद ये लोगों में जागरूकता फैलाएंगे. साथ ही कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था को व्यवस्थित करने का काम करेंगे. ये लोग साफ-सफाई के काम को भी आगे बढ़ाएंगे और लोगों को जागरूक करेंगे. उत्तर प्रदेश सरकार के अमृत मिशन के अंतर्गत चयनित 60 कस्बों में और राज्य स्तर पर अपशिष्ट प्रबंधन व निस्तारण का कार्य विशेषज्ञों की देखरेख में संपादित किया जाएगा. इसके साथ ही करीब 400 मास्टर ट्रेनर्स को तकनीकी ज्ञान से लैस किया जाएगा.
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नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया कि आईटीसी कंपनी के साथ हुए करार के माध्यम से अब कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था को बेहतर करने का काम किया जाएगा. हमारी कोशिश है कि कूड़ा जहां से निकलता है, वहीं पर उसका निस्तारण कर दिया जाए. इससे कूड़ा उठाने की व्यवस्था में अनावश्यक परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ेगी. ऐसा सिस्टम इजाद किया जा रहा है कि कॉलोनियों के स्तर पर ही यह कूड़ा उठाने की व्यवस्था हो सके. इसके लिए तमाम स्तरों पर काम होगा.