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राजकीय सम्मान के साथ मोतीलाल वोरा का अंतिम संस्कार आज, वरिष्ठ नेता रहेंगे मौजूद - मोतीलाल वोरा का अंतिम संस्कार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली. मंगलवार को दुर्ग में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. मोतीलाल वोरा के निधन पर छत्तीसगढ़ सरकार ने तीन दिवस का राजकीय शोक घोषित किया है.

motilal vora will be cremated
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा
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Published : Dec 21, 2020, 9:34 PM IST

Updated : Dec 22, 2020, 6:33 AM IST

रायपुर/लखनऊ कांग्रेस के वेटरन लीडर मोतीलाल वोरा के निधन से सियासी गलियारों में शोक की लहर है. सोमवार को दिल्ली के निजी अस्पताल में मोतीलाल वोरा का निधन हो गया. वह 92 साल के थे. मोतीलाल वोरा का मंगलवार को दुर्ग में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा. मोतीलाल वोरा के निधन पर छत्तीसगढ़ सरकार ने तीन दिवस का राजकीय शोक घोषित किया है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार सुबह 9.30 बजे मोतीलाल वोरा का पार्थिव शरीर दिल्ली से रायपुर लाया जाएगा. रायपुर के राजीव भवन में मोतीलाल वोरा का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. जहां प्रदेश के नेता और कार्यकर्ता उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देंगे. इसके बाद वोरा के पार्थिव शरीर को दुर्ग ले जाया जाएगा. जहां दोपहर 12.30 बजे से शाम 4 बजे तक उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. इसके बाद शाम 4.30 बजे मोतीलाल वोरा का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.

पढ़ें-कांग्रेस के कद्दावर नेता मोतीलाल वोरा का निधन, पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने जताया शोक

मोतीलाल वोरा के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी मोतीलाल वोरा के अंतिम संस्कार में शामिल हो सकते हैं.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, मोतीलाल वोरा के निधन से कांग्रेस पार्टी के हर एक नेता, हर एक कार्यकर्ता को व्यक्तिगत तौर पर दुःख महसूस हो रहा है. वह कांग्रेस की विचारधारा के प्रति निष्ठा, समर्पण और धैर्य के प्रतीक थे. 92 साल की उम्र में भी हर मीटिंग में उनकी मौजूदगी रही, हर निर्णय पर उन्होंने अपने विचार खुलकर प्रकट किए.

पढ़ें: कांग्रेस के 'खजांची' ने दुनिया को कहा अलविदा, ऐसा रहा पत्रकारिता से लेकर राजनीति का सफर

आज दुःख भरे दिल से उन्हें अलविदा कहते हुए यह महसूस हो रहा है कि परिवार के एक बड़े बुजुर्ग सदस्य चले गए हैं. हम सब उन्हें बहुत याद करेंगे. उनके अलावा कांग्रेस नेता जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने भी ट्वीट कर वोरा के निधन पर शोक व्यक्त किया.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक व्यक्त किया

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शोक व्यक्त किया है.सीएम शिवराज सिंह ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लोगों ने अपना प्रिय मुख्यमंत्री खो दिया.

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी जताया शोक

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मोतीलाल वोरा के निधन पर दुख व्यक्त किया है. कमलनाथ में ट्वीट कर लिखा है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ है. उन्होंने जीवन पर्यंत विभिन्न पदों पर रहकर कांग्रेस की सेवा की और कांग्रेस की मजबूती के लिए काम किया. 1 दिन पूर्व भी उनका 93 वां जन्मदिन था. परिवार के प्रति शोक संवेदनाएं ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दे.

पढ़ें-कांग्रेस के सीनियर लीडर और थिंक टैंक मोतीलाल वोरा ने खेली लंबी सियासी पारी, पाई-पाई का भी रखते थे हिसाब

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने व्यक्त किया दुख

भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी मोतीलाल वोरा के निधन पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने लिखा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व राज्यसभा सांसद मोतीलाल वोरा के निधन पर मेरी गहरी संवेदनाएं. ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें एवं शोक संतप्त परिजनों को यह आघात सहने की शक्ति दें.

कांग्रेस पार्टी ने जताया दुख

कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट किया, कांग्रेस परिवार के वरिष्ठ सदस्य पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के निधन पर सादर श्रद्धांजलि. केंद्रीय मंत्री से लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री तक जनहित ही वोरा जी के जीवन का उद्देश्य रहा. कांग्रेस के प्रति उनके लगाव, जुनून, उत्साह, समर्पण को सदैव याद किया जाएगा.

पढ़ें-मोतीलाल वोरा के कई किस्से हैं मशहूर, ऐसे मिली थी मध्यप्रदेश के सत्ता की चाबी

वोरा छह बार मध्य प्रदेश में विधायक चुने गए

मोतीलाल वोरा 1972 से 1990 तक छह बार मध्य प्रदेश में विधायक चुने गए. इसके बाद 1993 से 1996 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के पद पर रहे. 1998 में वोरा 12वीं लोकसभा के सदस्य चुने गए. मोतीलाल वोरा 2000 से 2018 तक लगातार पार्टी के कोषाध्यक्ष बने रहे. 1968 में समाजवादी पार्टी के सदस्य थे. दुर्ग म्युनिस्पिल कमेटी के सदस्य बने. 1972 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक बने. अर्जुन सिंह की कैबिनेट में वह शिक्षा मंत्री बने.

रायपुर/लखनऊ कांग्रेस के वेटरन लीडर मोतीलाल वोरा के निधन से सियासी गलियारों में शोक की लहर है. सोमवार को दिल्ली के निजी अस्पताल में मोतीलाल वोरा का निधन हो गया. वह 92 साल के थे. मोतीलाल वोरा का मंगलवार को दुर्ग में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा. मोतीलाल वोरा के निधन पर छत्तीसगढ़ सरकार ने तीन दिवस का राजकीय शोक घोषित किया है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार सुबह 9.30 बजे मोतीलाल वोरा का पार्थिव शरीर दिल्ली से रायपुर लाया जाएगा. रायपुर के राजीव भवन में मोतीलाल वोरा का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. जहां प्रदेश के नेता और कार्यकर्ता उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देंगे. इसके बाद वोरा के पार्थिव शरीर को दुर्ग ले जाया जाएगा. जहां दोपहर 12.30 बजे से शाम 4 बजे तक उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. इसके बाद शाम 4.30 बजे मोतीलाल वोरा का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.

पढ़ें-कांग्रेस के कद्दावर नेता मोतीलाल वोरा का निधन, पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने जताया शोक

मोतीलाल वोरा के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी मोतीलाल वोरा के अंतिम संस्कार में शामिल हो सकते हैं.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, मोतीलाल वोरा के निधन से कांग्रेस पार्टी के हर एक नेता, हर एक कार्यकर्ता को व्यक्तिगत तौर पर दुःख महसूस हो रहा है. वह कांग्रेस की विचारधारा के प्रति निष्ठा, समर्पण और धैर्य के प्रतीक थे. 92 साल की उम्र में भी हर मीटिंग में उनकी मौजूदगी रही, हर निर्णय पर उन्होंने अपने विचार खुलकर प्रकट किए.

पढ़ें: कांग्रेस के 'खजांची' ने दुनिया को कहा अलविदा, ऐसा रहा पत्रकारिता से लेकर राजनीति का सफर

आज दुःख भरे दिल से उन्हें अलविदा कहते हुए यह महसूस हो रहा है कि परिवार के एक बड़े बुजुर्ग सदस्य चले गए हैं. हम सब उन्हें बहुत याद करेंगे. उनके अलावा कांग्रेस नेता जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने भी ट्वीट कर वोरा के निधन पर शोक व्यक्त किया.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक व्यक्त किया

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शोक व्यक्त किया है.सीएम शिवराज सिंह ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लोगों ने अपना प्रिय मुख्यमंत्री खो दिया.

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी जताया शोक

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मोतीलाल वोरा के निधन पर दुख व्यक्त किया है. कमलनाथ में ट्वीट कर लिखा है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ है. उन्होंने जीवन पर्यंत विभिन्न पदों पर रहकर कांग्रेस की सेवा की और कांग्रेस की मजबूती के लिए काम किया. 1 दिन पूर्व भी उनका 93 वां जन्मदिन था. परिवार के प्रति शोक संवेदनाएं ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दे.

पढ़ें-कांग्रेस के सीनियर लीडर और थिंक टैंक मोतीलाल वोरा ने खेली लंबी सियासी पारी, पाई-पाई का भी रखते थे हिसाब

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने व्यक्त किया दुख

भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी मोतीलाल वोरा के निधन पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने लिखा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व राज्यसभा सांसद मोतीलाल वोरा के निधन पर मेरी गहरी संवेदनाएं. ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें एवं शोक संतप्त परिजनों को यह आघात सहने की शक्ति दें.

कांग्रेस पार्टी ने जताया दुख

कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट किया, कांग्रेस परिवार के वरिष्ठ सदस्य पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के निधन पर सादर श्रद्धांजलि. केंद्रीय मंत्री से लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री तक जनहित ही वोरा जी के जीवन का उद्देश्य रहा. कांग्रेस के प्रति उनके लगाव, जुनून, उत्साह, समर्पण को सदैव याद किया जाएगा.

पढ़ें-मोतीलाल वोरा के कई किस्से हैं मशहूर, ऐसे मिली थी मध्यप्रदेश के सत्ता की चाबी

वोरा छह बार मध्य प्रदेश में विधायक चुने गए

मोतीलाल वोरा 1972 से 1990 तक छह बार मध्य प्रदेश में विधायक चुने गए. इसके बाद 1993 से 1996 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के पद पर रहे. 1998 में वोरा 12वीं लोकसभा के सदस्य चुने गए. मोतीलाल वोरा 2000 से 2018 तक लगातार पार्टी के कोषाध्यक्ष बने रहे. 1968 में समाजवादी पार्टी के सदस्य थे. दुर्ग म्युनिस्पिल कमेटी के सदस्य बने. 1972 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक बने. अर्जुन सिंह की कैबिनेट में वह शिक्षा मंत्री बने.

Last Updated : Dec 22, 2020, 6:33 AM IST
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