लखनऊ: राजधानी लखनऊ के दुबग्गा स्थित एक निजी अस्पताल में सोमवार को इलाज के दौरान गर्भवती महिला व गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई. महिला व शिशु की मौत से गुस्साए परिजनों ने इलाज में कोताही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया और अस्पताल में तोड़फोड़ की. पीड़ित परिजनों की शिकायत पर पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने आरोपों के आधार पर जांच शुरू कर दी है.
दुबग्गा के बेगरिया स्थित अवध विहार कॉलोनी निवासी सलमा खातून (30) को रविवार शाम प्रसव पीड़ा हुई. परिजन शाम करीब चार बजे गर्भवती को लेकर स्थानीय निजी अस्पताल पहुंचे. इमरजेंसी में डॉक्टरों ने गर्भवती को भर्ती कर लिया. पति मुनीश का आरोप है कि पत्नी को ऑपरेशन थिएटर ले जाने में लापरवाही बरती गई. आरोप है कि सलमा स्ट्रेचर से गिर पड़ी. इससे रक्तस्राव होने लगा. डॉक्टरों ने समुचित इलाज उपलब्ध नहीं कराया. बहुत कहने पर डॉक्टर खून चढ़ाने को राजी हुए. इसके एवज में 5 हजार रुपये अलग से जमा कराए. पति का दावा है कि ऑपरेशन थिएटर में काफी देर पत्नी तड़पती रही और रक्तस्राव भी होता रहा है. काफी देर बाद महिला डॉक्टर मौके पर आईं.
पति मुनीश का आरोप है कि समुचित इलाज के अभाव में पत्नी की सांसें थम गईं. नाराज परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया. अरोप है कि कर्मचारियों ने अभद्रता शुरू कर दी. ऐसे में तीमारदारों ने अस्पताल में तोड़-फोड़ शुरू कर दी. रिसेप्शन की खिड़की व दरवाजे पर लगा कांच तोड़ दिया. मेज, कुर्सी और गमले आदि भी तोड़ दिए. तोड़फोड़ की घटना में सुशील नाम के मरीज को कांच लग गया. एक तीमारदार भी चोटिल हो गया है.
मुनीश का आरोप है कि डॉक्टरों ने मौत की समय पर जानकारी भी नहीं दी. इलाज में लापरवाही बरती गई. इसकी वजह से जच्चा और बच्चा की सांसें थम गई हैं. शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी सिंह का कहना है कि अभी शिकायत नहीं मिली है. घटना गंभीर है. जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
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