लखनऊ: यूपी में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान जारी है. मंगलवार को प्रदेश में 12 लाख से अधिक डोज लगाई गईं. 18 वर्ष से ऊपर की 83.20 फीसद आबादी को पहली डोज लग गई है. वहीं 43.95 फीसद आबादी को दूसरी डोज लग गई. वहीं यूपी में वैक्सीन से वंचित रहे लोगों को घर-घर खोज की जा रही है. पहली और दूसरी डोज से छूटे लोगों की लिस्ट बनाकर वैक्सीन की डोज लगाई जा रही है. ऐसे ही दिव्यांग और निराश्रित लोगों को भी वैक्सीन की डोज देने के निर्देश दिए गए हैं.
ऑन द स्पॉट पंजीकरण
यूपी में क्षेत्रों को क्लस्टर में बांटकर दोबारा टीकाकरण शुरू किया गया. इसमें दूसरी डोज लगाने के काम पर भी जोर दिया जा रहा है. इसमें फिक्स बूथ के अलावा कैम्प और घर-घर वैक्सीन की ड्राइव चलाई जा रही है. जिन इलाकों में क्लस्टर बनाकर पहली डोज लगाई गई है. उन क्षेत्रों में अब दूसरी डोज भी लगाई जा रही है. मौके पर ही पंजीकरण हो रहा है.
दूसरी डोज का आंकड़ा 6.55 के करोड़ पार
मंगलवार को 16, 419 केंद्रों पर टीकाकरण शुरू किया गया है. इसमें 16,353 सरकारी व 66 निजी केंद्र बनाए गए हैं. यूपी में वैक्सीन की कुल डोज अब 18 करोड़ 86 लाख से ज्यादा लग गईं हैं. वहीं दूसरी डोज लेने वालों की तादाद 6 करोड़ 55 लाख पार कर गई है. पहली डोज 12 करोड़ 30 लाख से ज्यादा को लगी.
31 दिसम्बर तक सभी को पहली डोज लगाने का लक्ष्य
राज्य में पहले चार से पांच लाख लोगों को रोज वैक्सीन लगाई जाती थी. जून के दूसरे सप्ताह से हर रोज 6 लाख टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया. वहीं 21 जून से हेल्थ टीम ने आठ लाख तक रोज डोज लगाना शुरू किया. ऐसे में जून में एक करोड़ डोज लगाने का लक्ष्य 24 दिन में हासिल कर लिया गया. जुलाई में हर रोज 10 लाख डोज लगाने का लक्ष्य तय किया गया. मगर, केंद्र सरकार से पर्याप्त मात्रा में डोज नहीं मिली. ऐसे में हर रोज 10 लाख वैक्सीन नहीं लग पाईं. वहीं 3 अगस्त को प्रदेश में मेगा कैम्प लगाए गए. शहर से लेकर गांव तक ऑन द स्पॉट पंजीकरण कर टीकाकरण किया गया. इस दौरान 29 लाख 50 से अधिक को टीका लगाया गया. वहीं 16 अगस्त को 23 लाख 67 हजार से अधिक को टीका लगाया गया. 27 अगस्त को 'बिग वैक्सीनेशन डे' मनाया गया. इसमें 11 हजार से ज्यादा केंद्र बनाए गए. इसमें 30 लाख 686 डोज लगाने के रिकॉर्ड बना. अगस्त में दो करोड़ वैक्सीन लगाने का लक्ष्य पूरा किया गया. इसके बाद 6 सितम्बर को 33 लाख 42 हजार 360 को डोज लगी. सितम्बर में 3 करोड़ वैक्सीन लगाने का लक्ष्य था. मगर इस दौरान एक करोड़ 55 लाख ही डोज ही लग सकीं. वहीं अब 31 दिसम्बर तक सभी को पहली डोज लगाने का लक्ष्य तय किया गया है.
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