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कोरोना का कहर: अब तक 25 से ज्यादा सचिवालय कर्मचारियों की हुई मौत - कोरोना के मामले

देश और प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. सरकार तैयारियां जोर-शोर से कर रही है, लेकिन ये तैयारियां नाकाफी साबित हो रहीं हैं. ऐसे में सामने आया है कि राजधानी लखनऊ में सचिवालय में कार्यरत कई कर्मचारियों की जान कोरोना के कारण गई है. उत्तर प्रदेश सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र कहते हैं कि कोरोना काल में सचिवालय परिवार को बहुत बड़ी क्षति पहुंची है.

कोरोना का कहर
कोरोना का कहर
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Published : May 3, 2021, 3:37 PM IST

लखनऊ: कोरोना रूपी काल ने किसी भी क्षेत्र को नहीं छोड़ा है. हर दिन अपनों को गंवाने से लोगों का दिल टूट रहा है. पहले कभी ऐसा नहीं हुआ जब इस तरह से लोग अपनों को लगातार खो रहे हों. उत्तर प्रदेश सचिवालय भी इस महामारी से अछूता नहीं रहा है. कोरोना के कारण अभी तक सचिवालय के 25 से अधिक लोग मौत के मुंह में समा गए हैं. जिसके चलते सचिवालय कर्मचारियों में डर समाया हुआ है.

सचिवालय आने से लगता है डर
उत्तर प्रदेश सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र कहते हैं कि कोरोना काल में सचिवालय परिवार को बहुत बड़ी क्षति पहुंची है. सचिवालय के इतिहास में कभी इस तरह से नहीं देखने को मिला कि इतने छोटे अंतराल में इतनी बड़ी संख्या में लोग साथ छोड़ कर चले गए हों. अब तो सचिवालय आने से भी डर लग रहा है. सचिवालय में काम करने वाले लोग भी एक तरह से कोरोना वॉरियर्स हैं.

इसे भी पढ़ें-यूपी 4 करोड़ से ज्यादा कोरोना टेस्ट करने वाला देश का पहला राज्य बना

मृत कर्मियों को मिले 50 लाख मुआवजा
उन्होंने कहा कि यह सभी कर्मचारी शासन का काम कर रहे हैं. ऐसे कर्मचारी जिन्होंने कोरोना के कारण अपनी जान गवांई है, उनके लिए सरकार को 50 लाख रुपये मुआवजे का एलान करना चाहिए. इसके साथ ही सचिवालय में वही अनुभाग खोले जाएं जिनकी अपरिहार्य सेवाएं हैं, बाकी किसी को ना बुलाया जाए. लगातार कोरोना संक्रमण की स्थिति बढ़ रही है. विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं कि मई में इसकी गति और बढ़ेगी. लोगों की जिंदगी सर्वोपरि है. सरकार को इसका ध्यान रखना चाहिए.
इनकी हुई कोरोना से मौत

समीक्षा अधिकारी मनीष मिश्रा, पीएस मुकेश साहू, मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के ड्राइवर, पीएस कृष्णा अग्रवाल, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के पीएस कल्याण सिंह, चालक बसंत मिश्रा, अनुसेवक दिनेश कुमार श्रीवास्तव, सहायक समीक्षा अधिकारी सुषमा, पीएस राजेंद्र प्रसाद यादव, समीक्षा अधिकारी विश्व प्रकाश, पीएस आरडी विमल, समीक्षा अधिकारी राकेश चंद्र सोनी, राघवेंद्र, मुख्य रक्षक, रामकरण यादव, राधेश्याम, समीक्षा अधिकारी सुनील कुमार श्रीवास्तव, सहायक समीक्षा अधिकारी संजय कुमार सिंह, अनुसेवक मनोज कुमार कुमार, समाज कल्याण के विनोद तिवारी, आरआई, विजय शंकर त्रिपाठी, पीएस ओम प्रकाश, वित्त आयोग के संजय सिंह, वित्त विभाग के इंद्रजीत मौर्य, समीक्षा अधिकारी फजल अली, विधान भवन रक्षक अरविंद यादव, समीक्षा अधिकारी वीरेंद्र करमचंदानी, राजेंद्र कुमार, संयुक्त सचिव गिरीश चंद्र, संयुक्त सचिव अशोक कुमार, समीक्षा अधिकारी ज्ञान प्रकाश सरोज.

सेवानिवृत्त कर्मियों की भी गई जान
इसके अलावा सेवानिवृत्त समीक्षा अधिकारी कमलेश कुमार निगम, गोपाल बहादुर भटनागर, कन्हैयालाल त्रिपाठी, रिटायर्ड एसओ उमाकांत साहू, पीएस परशुराम गुप्ता, पीके राऊत और रिटायर्ड समीक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार पांडे को कोरोना रूपी काल निगल गया है.

लखनऊ: कोरोना रूपी काल ने किसी भी क्षेत्र को नहीं छोड़ा है. हर दिन अपनों को गंवाने से लोगों का दिल टूट रहा है. पहले कभी ऐसा नहीं हुआ जब इस तरह से लोग अपनों को लगातार खो रहे हों. उत्तर प्रदेश सचिवालय भी इस महामारी से अछूता नहीं रहा है. कोरोना के कारण अभी तक सचिवालय के 25 से अधिक लोग मौत के मुंह में समा गए हैं. जिसके चलते सचिवालय कर्मचारियों में डर समाया हुआ है.

सचिवालय आने से लगता है डर
उत्तर प्रदेश सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र कहते हैं कि कोरोना काल में सचिवालय परिवार को बहुत बड़ी क्षति पहुंची है. सचिवालय के इतिहास में कभी इस तरह से नहीं देखने को मिला कि इतने छोटे अंतराल में इतनी बड़ी संख्या में लोग साथ छोड़ कर चले गए हों. अब तो सचिवालय आने से भी डर लग रहा है. सचिवालय में काम करने वाले लोग भी एक तरह से कोरोना वॉरियर्स हैं.

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मृत कर्मियों को मिले 50 लाख मुआवजा
उन्होंने कहा कि यह सभी कर्मचारी शासन का काम कर रहे हैं. ऐसे कर्मचारी जिन्होंने कोरोना के कारण अपनी जान गवांई है, उनके लिए सरकार को 50 लाख रुपये मुआवजे का एलान करना चाहिए. इसके साथ ही सचिवालय में वही अनुभाग खोले जाएं जिनकी अपरिहार्य सेवाएं हैं, बाकी किसी को ना बुलाया जाए. लगातार कोरोना संक्रमण की स्थिति बढ़ रही है. विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं कि मई में इसकी गति और बढ़ेगी. लोगों की जिंदगी सर्वोपरि है. सरकार को इसका ध्यान रखना चाहिए.
इनकी हुई कोरोना से मौत

समीक्षा अधिकारी मनीष मिश्रा, पीएस मुकेश साहू, मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के ड्राइवर, पीएस कृष्णा अग्रवाल, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के पीएस कल्याण सिंह, चालक बसंत मिश्रा, अनुसेवक दिनेश कुमार श्रीवास्तव, सहायक समीक्षा अधिकारी सुषमा, पीएस राजेंद्र प्रसाद यादव, समीक्षा अधिकारी विश्व प्रकाश, पीएस आरडी विमल, समीक्षा अधिकारी राकेश चंद्र सोनी, राघवेंद्र, मुख्य रक्षक, रामकरण यादव, राधेश्याम, समीक्षा अधिकारी सुनील कुमार श्रीवास्तव, सहायक समीक्षा अधिकारी संजय कुमार सिंह, अनुसेवक मनोज कुमार कुमार, समाज कल्याण के विनोद तिवारी, आरआई, विजय शंकर त्रिपाठी, पीएस ओम प्रकाश, वित्त आयोग के संजय सिंह, वित्त विभाग के इंद्रजीत मौर्य, समीक्षा अधिकारी फजल अली, विधान भवन रक्षक अरविंद यादव, समीक्षा अधिकारी वीरेंद्र करमचंदानी, राजेंद्र कुमार, संयुक्त सचिव गिरीश चंद्र, संयुक्त सचिव अशोक कुमार, समीक्षा अधिकारी ज्ञान प्रकाश सरोज.

सेवानिवृत्त कर्मियों की भी गई जान
इसके अलावा सेवानिवृत्त समीक्षा अधिकारी कमलेश कुमार निगम, गोपाल बहादुर भटनागर, कन्हैयालाल त्रिपाठी, रिटायर्ड एसओ उमाकांत साहू, पीएस परशुराम गुप्ता, पीके राऊत और रिटायर्ड समीक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार पांडे को कोरोना रूपी काल निगल गया है.

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