लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार भले ही राज्य में ऑक्सीजन और वेंटीलेटर की उपलब्धता के लाख दावे कर रही हो, बावजूद इसके लगातार राजधानी लखनऊ में बड़ी संख्या में मरीज अस्पतालों और अस्पताल के परिसर में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर बेड ना मिलने के कारण मर रहे हैं. यही कारण है कि राजधानी के श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों पर इन मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को लंबी-लंबी लाइनें लगानी पड़ रही है.
कोरोना मृतकों की संखया ने बढ़ाई चिंता
राजधानी में शुक्रवार रात आए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 3958 मरीज संक्रमित पाये गये, जबकि 37 मरीजों की संक्रमण से मौत हो गई. वहीं, जमीनी हकीकत पर नजर डाली जाए तो राजधानी लखनऊ के भैंसा कुंड गुलाला घाट, आलमबाग के बैकुंठ धाम सहित कई श्मशान घाटों पर 150 से अधिक डेड बॉडी शुक्रवार रात को आई, जिनका अंतिम संस्कार पूरी रात चलता रहा.
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'नगर निगम में चलाएं सैनिटाइजेशन अभियान'
राजधानी में लगातार बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए नगर आयुक्त अजय द्विवेदी के नेतृत्व में शुक्रवार को सैनिटाइजेशन अभियान चलाया गया. इस अभियान के अंतर्गत महिला आयोग, मानवाधिकार सूचना आयोग, निर्माण निगम इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान और लखनऊ विकास प्राधिकरण सहित 220 से अधिक भवनों को सैनिटाइज किया गया. नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि इस अभियान में 3500 से अधिक कर्मचारियों को लगाया गया है, जो लगातार गली-मोहल्लों में जाकर सैनिटाइजेशन का काम कर रहे हैं.