लखनऊः राजधानी और नोएडा में दलित महापुरुषों के स्मारक और पार्क नौ नवंबर से खुल जाएंगे. अब दर्शक आसानी से बसपा स्मारकों में निर्मित दलित महापुरुषों के दर्शन कर सकेंगे. अनलॉक होने के बाद एलडीए के पार्क तो खुल गए मगर सैनिटाइजर की खरीदारी न होने से स्मारक, पार्क नहीं खुल सके थे. बीते दिनों इससे संबंधित खबर ईटीवी भारत पर प्रकाशित होने के बाद प्राधिकरण प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लिया और सैनिटाइजर की खरीदारी को अनुमति प्रदान की. इसके बाद बुधवार को स्मारकों, पार्कों को खोलने का आदेश दिया गया है.
सैनिटाइजर की खरीदारी न होने से बंद थे स्मारक
बसपा शासन में लखनऊ में पांच और नोएडा में एक स्मारक और पार्क बनाए गए थे. पिछले माह अनलॉक में सभी स्मारकों को खोलने का आदेश हुआ था. लखनऊ विकास प्राधिकरण के सभी पार्कों को खोल दिया गया, लेकिन दलित महापुरुषों के स्मारक नहीं खुल सके. स्मारक, पार्क संरक्षण समिति के एक अधिकारी ने बताया कि सैनिटाइजर की खरीद न होने से स्मारक नहीं खुल सके हैं. पूरे मामले की जानकारी होने के बाद डीएम और कार्यवाहक उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने संज्ञान लिया और तत्काल पत्रावली अनुमोदित कर दी. वहीं प्रबंधक प्रशासन स्मारक संरक्षण समिति अभिनव सिंह की ओर से आदेश भी जारी किए गए.
अब तक लाखों का नुकसान
इन स्मारकों, पार्कों की देखरेख और साफ-सफाई के लिए करीब 6000 कर्मचारियों की तैनाती है. औसतन एक पार्क में एक हजार कर्मचारी लगे हैं. इसके अलावा सुरक्षा के लिए अलग से स्मारक सुरक्षा वाहिनी है. दर्शकों के आने से इनके पास कोई काम नहीं है. वहीं सात महीने से बंद होने पर अब तक लाखों का नुकसान हो चुका है.
ये हैं प्रमुख पार्क
- डॉ.भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल गोमती नगर
- डॉ.भीमराव अंबेडकर गोमती म्यूजिकल फाउन्टेन उद्यान
- मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल, पुरानी जेल रोड
- मान्यवर कांशीराम ग्रीन ईको गार्डेन, पुरानी जेल रोड
- बौद्ध विहार शांति उपवन, कानपुर रोड
- स्मृति उपवन, आशियाना
- राष्ट्रीय दलित चेतना स्थल, नोएडा