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लखनऊ:  प्रदेश में देर से आएगा मानसून, ये है वजह - weather news

प्रचंड पड़ रही गर्मी से लोगों का हाल बेहाल है. लगातार बढ़ रहे तामपान के कारण लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पछुआ हवाओं के चलने की वजह से मौसम में लगातार गर्मी बढ़ती जा रही है. यह गर्मी अभी आगे आने वाले लगभग एक हफ्ते तक और बढ़ेगी.

ईटीवी भारत से बातचीत करते डॉ. ध्रुव सेन सिंह.
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Published : Jun 11, 2019, 8:09 PM IST

लखनऊ : यूपी में प्रचंड गर्मी पड़ रही है और इसका असर लोगों की जीवनशैली पर भी पड़ रहा है. दिन प्रतिदिन बढ़ते पारे के कारण लोगों को घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो यह पारा अभी और बढ़ेगा और मानसून के जल्दी आने की संभावना भी नहीं दिख रही है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते डॉ. ध्रुव सेन सिंह.


आने वाला मौसम का हाल और लगातार पारे के बढ़ने के कारण पर लखनऊ विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. ध्रुव सेन सिंह ने ईटीवी संवाददाता ने बातचीत की.

  • डॉ. ध्रुव सेन के मुताबिक पछुआ हवाओं के चलने की वजह से मौसम में लगातार गर्मी बढ़ती जा रही है. यह गर्मी अभी आगे आने वाले लगभग एक हफ्ते तक और बढ़ेगी.
  • डॉ. सिंह ने बताया कि समर सोल्स्टिस की वजह से दिन लंबा होता है. इस वजह से सूर्य की किरणें ज्यादा देर तक धरती पर पड़ती है और तापक्रम भी इसी वजह से बढ़ता चला जाता है.
  • मानसून 20 जून के बाद आएगा जो कि लगभग एक हफ्ते की देरी से आ रहा है. यह भी सिर्फ एक संभावना है. ऐसा भी हो सकता है कि मानसून को आने में थोड़ा और वक्त लग जाए.
  • डॉ. सिंह ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पहले तापक्रम नहीं बढ़ता था, यदि आप अभी भी किसी पेड़ के नीचे खड़े हो जाएं तो आपको आपके आसपास के तापमान से 2 से 3 डिग्री तापमान कम लगेगा
  • उन्होंने कहा कि पेड़ ने केवल सूर्य की किरणों को रोकते हैं, बल्कि ठंडी हवाओं का भी जरिया होते हैं. ऐसे में जरूरी है कि अपने आसपास अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और उन्हें बड़ा होने दें.

लखनऊ : यूपी में प्रचंड गर्मी पड़ रही है और इसका असर लोगों की जीवनशैली पर भी पड़ रहा है. दिन प्रतिदिन बढ़ते पारे के कारण लोगों को घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो यह पारा अभी और बढ़ेगा और मानसून के जल्दी आने की संभावना भी नहीं दिख रही है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते डॉ. ध्रुव सेन सिंह.


आने वाला मौसम का हाल और लगातार पारे के बढ़ने के कारण पर लखनऊ विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. ध्रुव सेन सिंह ने ईटीवी संवाददाता ने बातचीत की.

  • डॉ. ध्रुव सेन के मुताबिक पछुआ हवाओं के चलने की वजह से मौसम में लगातार गर्मी बढ़ती जा रही है. यह गर्मी अभी आगे आने वाले लगभग एक हफ्ते तक और बढ़ेगी.
  • डॉ. सिंह ने बताया कि समर सोल्स्टिस की वजह से दिन लंबा होता है. इस वजह से सूर्य की किरणें ज्यादा देर तक धरती पर पड़ती है और तापक्रम भी इसी वजह से बढ़ता चला जाता है.
  • मानसून 20 जून के बाद आएगा जो कि लगभग एक हफ्ते की देरी से आ रहा है. यह भी सिर्फ एक संभावना है. ऐसा भी हो सकता है कि मानसून को आने में थोड़ा और वक्त लग जाए.
  • डॉ. सिंह ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पहले तापक्रम नहीं बढ़ता था, यदि आप अभी भी किसी पेड़ के नीचे खड़े हो जाएं तो आपको आपके आसपास के तापमान से 2 से 3 डिग्री तापमान कम लगेगा
  • उन्होंने कहा कि पेड़ ने केवल सूर्य की किरणों को रोकते हैं, बल्कि ठंडी हवाओं का भी जरिया होते हैं. ऐसे में जरूरी है कि अपने आसपास अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और उन्हें बड़ा होने दें.
Intro:लखनऊ गर्मी अपना प्रकोप प्रचंड रूप से दिखला रही है और इसका असर लोगों की जीवनशैली पर भी पड़ता जा रहा है दिन प्रतिदिन बढ़ता पारा लोगों को घर से बाहर निकलना मुश्किल कर रहा है ऐसे में मौसम विज्ञानियों की मानें तो यह पारा अभी और बढ़ेगा और मानसून के आने की जल्दी आने की संभावना भी नहीं दिख रही।


Body:वीओ1 आने वाला मौसम का हाल जानने और गर्मियों में पारे के लगातार बढ़ने के कारण को जाने के लिए हमने लखनऊ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ ध्रुव सेन सिंह से बात की डॉ ध्रुव सेन के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ गणित पछुआ हवाओं के चलने की वजह से मौसम में लगातार गर्मी बढ़ती जा रही है यह गर्मी अभी आगे आने वाले लगभग एक हफ्ते तक और बढ़ेगी। डॉ सिंह कहते हैं कि समर सोल्स्टिस की वजह से दिन लंबा होता है। इस वजह से सूर्य की किरणें ज्यादा देर तक धरती पर पड़ती है और तापक्रम भी इसी वजह से बढ़ता चला जाता है। मानसून आने के सवाल पर डॉ सिंह कहते हैं कि मानसून 20 जून के बाद आएगा जो कि लगभग एक हफ्ते की देरी से आ रहा है और यह भी सिर्फ एक संभावना है ऐसा भी हो सकता है कि मानसून को आने में थोड़ा और वक्त लग जाए। डॉ सिंह कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि पहले तापक्रम नहीं बढ़ता था। यदि आप अभी भी किसी पेड़ के नीचे खड़े हो जाएं तो आपको आपके आसपास के तापमान से 2 से 3 डिग्री तापमान कम लगेगा क्योंकि वह सूर्य की किरणों को न केवल रोकता है बल्कि ठंडी हवाओं का भी जरिया होता है। ऐसे में जरूरी है कि अपने आसपास अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और उन्हें बड़ा होने दें। इन पेड़ों में कनेरिया गुड़हल के फूल के बजाय घने छायादार वृक्ष होने वाले पौधों को लगाया जाए ताकि यह मजबूती से खड़े भी रहे और वर्षों तक चले भी।


Conclusion:मौसम पर बातचीत करते हुए ईटीवी भारत संवादाता के साथ डॉक्टर ध्रुव सेन सिंह का वन टू वन। रामांशी मिश्रा
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