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लखनऊ: सकुशल सम्पन्न हुआ मोहर्रम का जुलूस

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दसवीं मोहर्रम यानी कि यौमे आशूरा पर जुलूस की शक्ल में अकीदतमंदों ने मातम और मजलिस का एहतमाम किया, जिसमें शिया समुदाय के लोग बड़ी तादाद में शरीक हुए.

सम्पन्न हुआ मोहर्रम का जुलूस.
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Published : Sep 10, 2019, 7:02 PM IST

लखनऊ: पूरी दुनिया के साथ अजादारी का केंद्र कहे जाने वाले अदब के शहर लखनऊ में रसूल अल्लाह के नवासे इमाम हुसैन की शहादत का गम बड़ी ही अकीदत और एहतराम के साथ मनाया गया. जिसमें सैकड़ों मातमी अंजुमनों ने नोहे के साथ मातम करके कर्बला के बहत्तर शहीदों को श्रद्धांजलि पेश की.

जानकारी देते एसएसपी.

लखनऊ में मनाया गया मोहर्रम-

  • लखनऊ में दसवीं मोहर्रम यानी कि यौमे आशूरा पर जुलूस निकाला गया.
  • जिसमे अकीदतमंदों ने मातम और मजलिस का एहतमाम किया.
  • जिसमें शिया समुदाय के लोग बड़ी तादाद में शरीक हुए.
  • जुलूस अपने निर्धारित समय से पुराने लखनऊ स्तिथ नाजिम साहब इमामबाड़े से चल कर तालकटोरा स्तिथ कर्बला पर समाप्त हुआ.
  • रिवायत के मुताबिक यौमे आशूरा यानी दसवीं मोहर्रम को इमाम हुसैन को उनके 72 साथियों के साथ बेरहमी से शहीद कर दिया गया था.
  • इसमें उनका 6 महीने का बेटा अली असगर भी शामिल था जिसकी याद में अजादार आज भी 1400 साल बाद उनकी शहादत का गम मनाते है.
  • वहीं इस दौरान जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने भी कड़े बंदोबस्त कर रखे थे.
  • जमीन से लेकर आसमान तक सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन की मदद से जुलूस पर निगरानी की गई.

ये भी पढ़ें:- मथुरा में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पशु मेले की तैयारियों का लिया जायजा

लखनऊ: पूरी दुनिया के साथ अजादारी का केंद्र कहे जाने वाले अदब के शहर लखनऊ में रसूल अल्लाह के नवासे इमाम हुसैन की शहादत का गम बड़ी ही अकीदत और एहतराम के साथ मनाया गया. जिसमें सैकड़ों मातमी अंजुमनों ने नोहे के साथ मातम करके कर्बला के बहत्तर शहीदों को श्रद्धांजलि पेश की.

जानकारी देते एसएसपी.

लखनऊ में मनाया गया मोहर्रम-

  • लखनऊ में दसवीं मोहर्रम यानी कि यौमे आशूरा पर जुलूस निकाला गया.
  • जिसमे अकीदतमंदों ने मातम और मजलिस का एहतमाम किया.
  • जिसमें शिया समुदाय के लोग बड़ी तादाद में शरीक हुए.
  • जुलूस अपने निर्धारित समय से पुराने लखनऊ स्तिथ नाजिम साहब इमामबाड़े से चल कर तालकटोरा स्तिथ कर्बला पर समाप्त हुआ.
  • रिवायत के मुताबिक यौमे आशूरा यानी दसवीं मोहर्रम को इमाम हुसैन को उनके 72 साथियों के साथ बेरहमी से शहीद कर दिया गया था.
  • इसमें उनका 6 महीने का बेटा अली असगर भी शामिल था जिसकी याद में अजादार आज भी 1400 साल बाद उनकी शहादत का गम मनाते है.
  • वहीं इस दौरान जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने भी कड़े बंदोबस्त कर रखे थे.
  • जमीन से लेकर आसमान तक सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन की मदद से जुलूस पर निगरानी की गई.

ये भी पढ़ें:- मथुरा में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पशु मेले की तैयारियों का लिया जायजा

Intro:पूरी दुनिया के साथ अजादारी का केंद्र कहे जाने वाले अदब के शहर लखनऊ में रसूल अल्लाह के नवासे इमाम हुसैन की शहादत का गम बड़ी ही अकीदत व एहतराम के साथ मनाया गया जिसमें सैकड़ों मातमी अंजुमनों ने नोहे के साथ मातम करके कर्बला के बहत्तर शहीदों को श्रधंजलि पेश की।


Body:लखनऊ में दसवीं मोहर्रम यानी कि यौमे आशूरा पर जुलूस की शक्ल में अकीदतमंदों ने मातम और मजलिस का एहतमाम किया जिसमें शिया समुदाय के लोग बड़ी तादाद में शरीक हुए। जुलूस अपने निर्धारित समय से पुराने लखनऊ स्तिथ नाज़िम साहब इमामबाड़े से चल कर तालकटोरा स्तिथ कर्बला पर समाप्त हुआ।
रिवायत के मुताबिक यौमे आशूरा यानी दसवीं मोहर्रम को इमाम हुसैन को उनके 72 साथियों के साथ बेरहमी से शहीद कर दिया गया था जिसमें उनका 6 महीने का बेटा अली असगर भी शामिल था जिसकी याद में अज़ादार आज भी 1400 साल बाद उनकी शहादत का गम मनाते है और सोगवार माहौल में मातम करते है। वहीं इस दौरान जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने भी कड़े बंदोबस्त कर रखे थे ज़मीन से लेकर आसमान तक सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन की मदद से जुलूस पर निगरानी की गई।


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