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इन्वेस्टर समिट के बाद उत्तर प्रदेश में बन रहे मोबाइल उपकरण, निर्यात में भी आगे

योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में निवेश का माहौल बना हुआ है. यही कारण है कि इन्वेस्टर समिट के माध्यम से तमाम MOU हुए. अब उनको धरातल उतारा जा रहा है. मोबाइल उपकरण के उत्पादन और निर्यात में यूपी अग्रणी हो रहा है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 18, 2023, 2:14 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में निवेश का बेहतर माहौल बना है और हाल के दिनों में हुए इन्वेस्टर समिट जैसे आयोजनों के माध्यम से जो MOU प्रस्ताव हुए थे अब वह धीरे-धीरे धरातल की तरफ तेजी से उतर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में कई मोबाइल कंपनियों के मोबाइल उपकरण बनाए जा रहे हैं और इन सब मोबाइल उपकरणों का निर्यात भी तेजी से हो रहा है. निर्यात के मामले में उत्तर प्रदेश अग्रणी भूमिका का निर्वहन कर रहा है. इससे देश दुनिया में उत्तर प्रदेश का नाम हो रहा है. आंकड़ों के मुताबिक 40% मोबाइल से जुड़े कॉम्पोनेंट उत्तर प्रदेश में बना रहे हैं और इनका तेजी से निर्यात किया जा रहा है.

एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन मंत्री राकेश सचान का दावा.
एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन मंत्री राकेश सचान का दावा.


दरअसल उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर तैयार हुआ माहौल अपने आप में कई मिसाल पैदा कर रहा है. उत्तर प्रदेश में सैमसंग, लावा, ओप्पो, वीवो जैसी बड़ी मोबाइल कंपनियों के बड़ी मात्रा में न सिर्फ मोबाइल बन रहे हैं, बल्कि मोबाइल से जुड़े तमाम अन्य डिस्प्ले व अन्य कंपोनेंट बनाने का काम किया जा रहा है. सैमसंग में नोएडा में अपना प्लांट लगाया है और कई अन्य कंपनियों की तरफ से भी मोबाइल डिस्प्ले यूनिट कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग का काम किया जा रहा है. अकेले सिर्फ अगर सैमसंग कंपनी की बात की जाए तो करीब 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है. नोएडा में सबसे बड़ी मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना की गई है. जो मोबाइल उपकरणों सहित तमाम अन्य मोबाइल से जुड़े कंपोनेंट का निर्माण किया जा रहा है और यह सब निर्यात के मामले में भी काफी आगे है. आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में करीब 10 करोड़ मोबाइल बनाने का काम किया जा रहा है. इससे काफी संख्या में युवाओं को रोजगार भी दिया गया है.

यूपी में निवेश का माहौल.
यूपी में निवेश का माहौल.


आंकड़ों की बात की जाए तो करीब उत्तर प्रदेश से मोबाइल और डिस्प्ले के साथ ही अन्य कंपोनेंट की निर्यात के मामले में 40 फ़ीसदी हिस्सेदारी अकेले उत्तर प्रदेश की है. देश दुनिया के तमाम सारे मार्केट में यूपी के मोबाइल कंपोनेंट की धूम मची हुई है और 40 फ़ीसदी निर्यात सिर्फ अकेले उत्तर प्रदेश से हो रहा है. उत्तर प्रदेश मोबाइल डिस्प्ले व अन्य कॉम्पोनेंट की मैन्युफैक्चरिंग के मामले में सबसे बड़ा निर्यातक बनकर सामने आया है. सैमसंग के अलावा वीवो ओप्पो और लावा के मोबाइल हैंडसेट डिस्प्ले व अन्य कंपोनेंट बनाने का काम तेजी से चल रहा है और मोबाइल इंडस्ट्री के मामले में उत्तर प्रदेश काफी अग्रणी भूमिका निभा रहा है.


मोबाइल कॉम्पोनेंट के निर्माण की बात करें उत्तर प्रदेश में तो करीब 55% हिस्सेदारी अकेले उत्तर प्रदेश की है. मोबाइल कॉम्पोनेंट्स का उत्पादन अकेले उत्तर प्रदेश में करीब 55% के आसपास हो रहा है. उत्तर प्रदेश देश में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स का सबसे बड़ा निर्यातक बनकर सामने आया है. जिसकी 15% के करीब उत्तर प्रदेश में खपत हो रही है. 40% के करीब इसका निर्यात किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन व मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी हुई करीब 200 छोटी बड़ी कंपनियां कार्यरत है. साथ ही उत्तर प्रदेश में करीब 30 स्पेशल इकोनामिक जोन व 40 आईटी व आईटीईएस पार्क हैं, जहां पर मैन्युफैक्चरिंग का काम तेजी से किया जा रहा है.








यह भी पढ़ें : निकाय चुनाव के बाद शुरू होगी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की तैयारी, धरातल पर उतरेंगे 10 लाख करोड़ के प्रस्ताव

यूपी में 58 हजार करोड़ की परियोजनाओं की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का खाका तैयार

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में निवेश का बेहतर माहौल बना है और हाल के दिनों में हुए इन्वेस्टर समिट जैसे आयोजनों के माध्यम से जो MOU प्रस्ताव हुए थे अब वह धीरे-धीरे धरातल की तरफ तेजी से उतर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में कई मोबाइल कंपनियों के मोबाइल उपकरण बनाए जा रहे हैं और इन सब मोबाइल उपकरणों का निर्यात भी तेजी से हो रहा है. निर्यात के मामले में उत्तर प्रदेश अग्रणी भूमिका का निर्वहन कर रहा है. इससे देश दुनिया में उत्तर प्रदेश का नाम हो रहा है. आंकड़ों के मुताबिक 40% मोबाइल से जुड़े कॉम्पोनेंट उत्तर प्रदेश में बना रहे हैं और इनका तेजी से निर्यात किया जा रहा है.

एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन मंत्री राकेश सचान का दावा.
एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन मंत्री राकेश सचान का दावा.


दरअसल उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर तैयार हुआ माहौल अपने आप में कई मिसाल पैदा कर रहा है. उत्तर प्रदेश में सैमसंग, लावा, ओप्पो, वीवो जैसी बड़ी मोबाइल कंपनियों के बड़ी मात्रा में न सिर्फ मोबाइल बन रहे हैं, बल्कि मोबाइल से जुड़े तमाम अन्य डिस्प्ले व अन्य कंपोनेंट बनाने का काम किया जा रहा है. सैमसंग में नोएडा में अपना प्लांट लगाया है और कई अन्य कंपनियों की तरफ से भी मोबाइल डिस्प्ले यूनिट कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग का काम किया जा रहा है. अकेले सिर्फ अगर सैमसंग कंपनी की बात की जाए तो करीब 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है. नोएडा में सबसे बड़ी मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना की गई है. जो मोबाइल उपकरणों सहित तमाम अन्य मोबाइल से जुड़े कंपोनेंट का निर्माण किया जा रहा है और यह सब निर्यात के मामले में भी काफी आगे है. आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में करीब 10 करोड़ मोबाइल बनाने का काम किया जा रहा है. इससे काफी संख्या में युवाओं को रोजगार भी दिया गया है.

यूपी में निवेश का माहौल.
यूपी में निवेश का माहौल.


आंकड़ों की बात की जाए तो करीब उत्तर प्रदेश से मोबाइल और डिस्प्ले के साथ ही अन्य कंपोनेंट की निर्यात के मामले में 40 फ़ीसदी हिस्सेदारी अकेले उत्तर प्रदेश की है. देश दुनिया के तमाम सारे मार्केट में यूपी के मोबाइल कंपोनेंट की धूम मची हुई है और 40 फ़ीसदी निर्यात सिर्फ अकेले उत्तर प्रदेश से हो रहा है. उत्तर प्रदेश मोबाइल डिस्प्ले व अन्य कॉम्पोनेंट की मैन्युफैक्चरिंग के मामले में सबसे बड़ा निर्यातक बनकर सामने आया है. सैमसंग के अलावा वीवो ओप्पो और लावा के मोबाइल हैंडसेट डिस्प्ले व अन्य कंपोनेंट बनाने का काम तेजी से चल रहा है और मोबाइल इंडस्ट्री के मामले में उत्तर प्रदेश काफी अग्रणी भूमिका निभा रहा है.


मोबाइल कॉम्पोनेंट के निर्माण की बात करें उत्तर प्रदेश में तो करीब 55% हिस्सेदारी अकेले उत्तर प्रदेश की है. मोबाइल कॉम्पोनेंट्स का उत्पादन अकेले उत्तर प्रदेश में करीब 55% के आसपास हो रहा है. उत्तर प्रदेश देश में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स का सबसे बड़ा निर्यातक बनकर सामने आया है. जिसकी 15% के करीब उत्तर प्रदेश में खपत हो रही है. 40% के करीब इसका निर्यात किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन व मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी हुई करीब 200 छोटी बड़ी कंपनियां कार्यरत है. साथ ही उत्तर प्रदेश में करीब 30 स्पेशल इकोनामिक जोन व 40 आईटी व आईटीईएस पार्क हैं, जहां पर मैन्युफैक्चरिंग का काम तेजी से किया जा रहा है.








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