लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मोहम्मद अली जिन्ना वाले बयान पर विवाद खड़ा हो गया है. अखिलेश यादव के इस बयान से सियासत गरमा गई है. जिसके बाद से लगातार उनकी आलोचना हो रही है. इसके चलते आज सोमवार को लोग सड़क पर उतर आए और सपा मुखिया अखिलेश यादव का पुतला फूंका.
आपको बता दें कि पटेल समाज के कुछ लोग सोमवार को बीजेपी नेताओं के साथ लखनऊ के हजरतगंज चौराहे पर पहुंचे. हजरतगंज स्थित सरदार पटेल की प्रतिमा के पास कई लोग इकट्ठा हुए. जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी के बैनर तले उन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव का पुतला फूंका. वहीं इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव ने सरदार पटेल की मोहम्मद अली जिन्ना से तुलना की है.
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने ऐसा करके पूरी पटेल बिरादरी का अपमान किया है. जिसके खिलाफ पूरा समाज लामबंद है और बड़ा आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आज से इस आंदोलन की शुरुआत पुतला दहन के साथ कर दी गई है. वहीं उन्होंने आगाह किया कि जब तक अखिलेश यादव इस मामले में माफी नहीं मांग लेते, तब तक आंदोलन चलता रहेगा और उग्र रूप लेता जाएगा. वहीं इस पूरे मामले के दौरान मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा.
बता दें कि पुतला दहन उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य अवनीश कुमार सिंह के निगरानी में हुआ. इस दौरान मौके पर मौजूद कई प्रदर्शनकारियों ने सपा मुखिया अखिलेश यादव के विरोध में नारेबाजी की. इसके बाद विधान परिषद सदस्य अवनीश कुमार सिंह ने कहा कि सरदार पटेल के साथ इस तरह से जिन्ना का नाम जोड़ा जाना अखिलेश यादव की ओछी मानसिकता का परिचायक है. उनको अपने इस कृत्य के लिए हर हाल में माफी मांगनी होगी.
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आपको बता दें कि रविवार को हरदोई में विजय रथ लेकर पहुंचे समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि सरदार पटेल, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्था में पढ़कर बैरिस्टर बन कर लौटे थे. एक ही जगह पर पढ़ाई लिखाई की. वह बैरिस्टर बने और देश को उन्होंने आजादी दिलाई. अगर उन्हें किसी भी तरह का संघर्ष करना पड़ा होगा तो वह पीछे नहीं हटे. एक विचारधारा जिसने पाबंदी लगाई. अगर किसी ने पाबंदी लगाई थी तो लौह पुरुष सरदार पटेल ने पाबंदी लगाने का काम किया था. आज जो देश की बात कर रहे हैं वह हमें और आपको जाति और धर्म में बांटने की बात कर रहे हैं. अगर हम जाति और धर्म में बंट जाएंगे तो हमारे देश का क्या होगा. दुनिया में हमारे देश की सबसे बड़ी पहचान यही है.
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