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KGMU में शिक्षक भर्ती घपले की जांच को विधायक ने लिखा पत्र - केजीएमयू में शिक्षक भर्ती घपला

केजीएमयू में शिक्षक (KGMU teacher recruitment ) भर्ती में बड़े घपले का आरोप है. यहां नियमों को ताक पर रखकर बेटों-चहेतों को नौकरी बांटी गई है. ऐसे में मेधावियों का भविष्य चौपट हो रहा है. लिहाजा, पहले आरटीआई एक्टिविस्ट ने मामले की शिकायत राज्यपाल-मुख्यमंत्री से की. अब एक विधायक ने पत्र लिखकर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा से धांधली की जांच की मांग की.

लखनऊ विश्वविद्यालय.
लखनऊ विश्वविद्यालय.
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Published : Mar 27, 2021, 11:59 PM IST

लखनऊ: केजीएमयू के करीब 43 विभागों में लगभग 230 पदों पर शिक्षक भर्ती (KGMU teacher recruitment ) चल रही है. महीनों से मेडिकल संकाय में शिक्षक भर्ती के साक्षात्कार चल रहे हैं. दंत संकाय के शिक्षकों के इंटरव्यू अगले माह से हैं. उधर नव नियुक्त शिक्षिकों के नाम सार्वजनिक होते ही भर्ती विवादों के घेरे में आ गई. सबसे बड़ा धांधली का आरोप प्लास्टिक सर्जरी विभाग में शिक्षक भर्ती में लगा. इसमें सरकारी कॉलेज से सुपर स्पेशयलिटी डिग्री हासिल करने वाले मेधावियों को दरकिनार कर दिया गया.

जांच के लिए विधायक ने लिखा पत्र.
जांच के लिए विधायक ने लिखा पत्र.

बछरावां विधायक रामनरेश यादव ने जांच के लिए लिखा पत्र

नेपाल से प्राइवेट डिग्री लेकर आए केजीएमयू के एक बड़े अफसर के बेटे को शिक्षक पद पर नियुक्त कर दिया गया है. ऐसे ही रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग में शिक्षक भर्ती में एक वरिष्ठ शिक्षक के चहेते को नौकरी देने का आरोप है. आलम यह है कि दूसरे विभाग का अनुभव लगाने वाले अभ्यर्थी को स्क्रीनिंग कमेटी ने साक्षात्कार के लिए वैध कर दिया. अभ्यर्थी का इंटरव्यू होकर ज्वॉइन करा दिया है. ऐसे में मेरठ के सर्वेन्द्र चौहान ने एक मार्च को मुख्यमंत्री और राज्यपाल से शिकायत की है. आठ मार्च को अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा ने केजीएमयू के रजिस्ट्रार से मामले पर रिपोर्ट तलब की. अब रायबरेली के बछरावां विधायक रामनरेश यादव में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को शिक्षक भर्ती और समूह-ग में पूर्व में हुई भर्ती के मामले की जांच के लिए पत्र लिखा.

यह उठ रहे सवाल

-प्लास्टिक सर्जरी में एमसीएच कोर्स की पढ़ाई होती है. ऐसे में डीएनबी कोर्स करने वाला शिक्षक छात्रों को सुपर स्पेशयलिटी एमसीएच कोर्स कैसे पढ़ाएगा.
-आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों ने सरकार द्वारा आयोजित एमबीबीएस-एमएस और एमसीएच प्रवेश परीक्षा में नेशनल लेवल मेरिट हासिल कर सरकारी कॉलेज से पढ़ाई की. मगर, उनका चयन नहीं हुआ
-वहीं नेपाल के प्राइवेट कॉलेज से एमबीबीएस व डायरेक्ट केरल के प्राइवेट कॉलेज से 6 साल का डीएनबी कोर्स करने वाले अफसर के बेटे का चयन हो गया.
-खास बात यह भी है कि चयन से बाहर किया गया एक अभ्यर्थी एम्स ऋषिकेश में शिक्षक पद पर है. उसे भी नेपाली डिग्री वाले अफसर के बेटे के आगे नकार दिया गया.
-यही नहीं केजीएमयू से पास आउट, वहीं से सीनियर रेजीडेंट करने वाले भी अभ्यर्थी को नकार दिया गया. ऐसे में हताश मेधावी भी अब मामले की जांच की मांग कर रहे हैं.
-प्लास्टिक सर्जरी में एमसीएच डिग्री वालों को बाहर, डीएनबी वाले को अंदर
-रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग में चहेते के लिए दूसरे विभाग का अनुभव प्रमाण पत्र मान्य.

लखनऊ: केजीएमयू के करीब 43 विभागों में लगभग 230 पदों पर शिक्षक भर्ती (KGMU teacher recruitment ) चल रही है. महीनों से मेडिकल संकाय में शिक्षक भर्ती के साक्षात्कार चल रहे हैं. दंत संकाय के शिक्षकों के इंटरव्यू अगले माह से हैं. उधर नव नियुक्त शिक्षिकों के नाम सार्वजनिक होते ही भर्ती विवादों के घेरे में आ गई. सबसे बड़ा धांधली का आरोप प्लास्टिक सर्जरी विभाग में शिक्षक भर्ती में लगा. इसमें सरकारी कॉलेज से सुपर स्पेशयलिटी डिग्री हासिल करने वाले मेधावियों को दरकिनार कर दिया गया.

जांच के लिए विधायक ने लिखा पत्र.
जांच के लिए विधायक ने लिखा पत्र.

बछरावां विधायक रामनरेश यादव ने जांच के लिए लिखा पत्र

नेपाल से प्राइवेट डिग्री लेकर आए केजीएमयू के एक बड़े अफसर के बेटे को शिक्षक पद पर नियुक्त कर दिया गया है. ऐसे ही रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग में शिक्षक भर्ती में एक वरिष्ठ शिक्षक के चहेते को नौकरी देने का आरोप है. आलम यह है कि दूसरे विभाग का अनुभव लगाने वाले अभ्यर्थी को स्क्रीनिंग कमेटी ने साक्षात्कार के लिए वैध कर दिया. अभ्यर्थी का इंटरव्यू होकर ज्वॉइन करा दिया है. ऐसे में मेरठ के सर्वेन्द्र चौहान ने एक मार्च को मुख्यमंत्री और राज्यपाल से शिकायत की है. आठ मार्च को अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा ने केजीएमयू के रजिस्ट्रार से मामले पर रिपोर्ट तलब की. अब रायबरेली के बछरावां विधायक रामनरेश यादव में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को शिक्षक भर्ती और समूह-ग में पूर्व में हुई भर्ती के मामले की जांच के लिए पत्र लिखा.

यह उठ रहे सवाल

-प्लास्टिक सर्जरी में एमसीएच कोर्स की पढ़ाई होती है. ऐसे में डीएनबी कोर्स करने वाला शिक्षक छात्रों को सुपर स्पेशयलिटी एमसीएच कोर्स कैसे पढ़ाएगा.
-आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों ने सरकार द्वारा आयोजित एमबीबीएस-एमएस और एमसीएच प्रवेश परीक्षा में नेशनल लेवल मेरिट हासिल कर सरकारी कॉलेज से पढ़ाई की. मगर, उनका चयन नहीं हुआ
-वहीं नेपाल के प्राइवेट कॉलेज से एमबीबीएस व डायरेक्ट केरल के प्राइवेट कॉलेज से 6 साल का डीएनबी कोर्स करने वाले अफसर के बेटे का चयन हो गया.
-खास बात यह भी है कि चयन से बाहर किया गया एक अभ्यर्थी एम्स ऋषिकेश में शिक्षक पद पर है. उसे भी नेपाली डिग्री वाले अफसर के बेटे के आगे नकार दिया गया.
-यही नहीं केजीएमयू से पास आउट, वहीं से सीनियर रेजीडेंट करने वाले भी अभ्यर्थी को नकार दिया गया. ऐसे में हताश मेधावी भी अब मामले की जांच की मांग कर रहे हैं.
-प्लास्टिक सर्जरी में एमसीएच डिग्री वालों को बाहर, डीएनबी वाले को अंदर
-रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग में चहेते के लिए दूसरे विभाग का अनुभव प्रमाण पत्र मान्य.

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