लखनऊ: राजधानी का ट्रैफिक लखनऊ पुलिस के लिए हमेशा से चुनौती रहा है. वर्ष 2020 की शुरुआत में राजधानी में कमिश्नरी सिस्टम लागू किया गया था, जिसके बाद ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर करने के लिए कई प्रयास शुरू किए गए. लोगों से ट्रैफिक नियमों का सही से पालन कराने के लिए बड़े पैमाने पर चालान काटे गए. वर्ष 2020 में अब तक 6,21,883 चालान काटे गए हैं. ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, वर्ष 2019 में 3,41,028 चालान काटे गए थे. वर्ष 2020 में अब तक 7,87,0 8,884 शमन शुल्क प्राप्त हुआ है. वहीं वर्ष 2019 में काटे गए चालान के तहत 9,50,5 4,895 रुपए शमन शुल्क प्राप्त हुआ था.
वर्ष 2019 की अपेक्षा वर्ष 2020 में कम प्राप्त हुआ शमन शुल्क
वर्ष 2019 और 2020 में किए गए चालान और प्राप्त शमन शुल्क की तुलना करें तो वर्ष 2020 में वर्ष 2019 की अपेक्षा अधिक चालान काटे गए हैं, लेकिन वर्ष 2019 की अपेक्षा वर्ष 2020 में कम शमन शुल्क प्राप्त हुआ है. राजस्व के मामलों में देखें तो वर्ष 2019 वर्ष 2020 से आगे रहा है भले ही वर्ष 2020 में अधिक चालान काटे गए हैं.
लॉकडाउन के चलते नहीं जमा हुआ शमन शुल्क
एडीसीपी ट्रैफिक पूर्णेन्दु सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2020 में ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इस क्रम में बड़ी संख्या में चालान काटे गए हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से अधिक चालान होने के बावजूद भी वर्ष 2020 में कम शमन शुल्क प्राप्त हुआ है.
ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर करने के लिए लगातार हो रहे प्रयास
एडीसीपी ट्रैफिक पूर्णेन्दु सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. राजधानी लखनऊ में कमिश्नर सिस्टम लगने के बाद आधुनिक उपकरणों की मदद से भी लोगों के चालान काटे जा रहे हैं. वाहन चालकों को जागरूक किया जा रहा है, जिससे कि ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाए रखा जा सके.
ट्रैफिक व्यवस्था में हुआ सुधार
अधिकारियों का कहना है कि बीते कुछ महीनों में किए गए प्रयासों के तहत राजधानी लखनऊ की ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर हुई है. ट्रैफिक पुलिस द्वारा किए जा रहे हैं. लगातार काटे जा रहे चालन का नतीजा है कि लोगों में हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने की आदत पड़ रही है. हालांकि, अभी भी नो पार्किंग, रेड लाइट वायलेशन, लेफ्ट टर्न को लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है.