लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार दुग्ध विकास के क्षेत्र में आगामी पांच वर्षों में 1000 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश को नन्द बाबा दुग्ध मिशन के जरिए दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाएगी. इसके लिए गांवों में दुग्ध सहकारी समितियों की तरफ से दुग्ध उत्पादकों को गांवों में ही उनके दूध के उचित मूल्य पर विक्रय की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. यह बातें उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग मंत्री धर्मपाल सिंह ने नन्द बाबा दुग्ध मिशन कार्यालय के उद्घाटन अवसर पर कहीं. उन्होंने मंगलवार को किसान बाजार में दुग्ध विकास पोर्टल का लोकार्पण किया और नन्द बाबा मिशन के लोगो का अनावरण भी किया.
कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि नन्द बाबा मिशन के अन्तर्गत दुग्ध उत्पादकों को बाहरी प्रदेशों से स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायों की खरीद के लिए दुग्ध उत्पादकों के गौवंशीय पशुओं में नस्ल सुधार के लिए प्रगतिशील पशुपालकों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. प्रदेश स्तर पर गोपालन का डाटाबेस बनाया जाएगा. नन्द बाबा दुग्ध मिशन के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों के संचालन के लिए प्रदेश स्तर पर मुख्य सचिव और जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समितियां गठित की गई हैं.
मिशन के अन्तर्गत दुग्ध उत्पादकों/गौपालकों के लिए गौवंशीय पशु रोग, स्वास्थ्य परीक्षण किट और प्रजनन टेस्ट किट/दुग्ध अपमिश्रण टेस्टिंग किट दिए जाने का भी प्रावधान किया गया है. मिशन के अन्तर्गत दुग्ध उत्पादक कृषकों को टोटल मिक्सड राशन मेकिंग के लिए अनुदान/प्रोत्साहन दिए जाने का प्रस्ताव है. अपर मुख्य सचिव डाॅ. रजनीश दुबे ने कहा कि प्रदेश में डेयरी सेक्टर में नवीन उद्योगों में निवेश की अपार संभावना है. इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए डेयरी सेक्टर के लिए उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास व दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 बनी है. दुग्ध आयुक्त एवं मिशन निदेशक शशि भूषण लाल सुशील ने कहा कि दुग्ध क्षेत्र में 25 प्रतिशत से अधिक वार्षिक वृद्धि में यह मिशन सहायक होगा.
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