पलामू: जिला प्रशासन की पहल पर आठ महीने के बाद एक लड़की अपने परिजनों को मिल पाई है. छह महीनों तक वह लड़की अस्पताल में रही, बाद में वह प्रशासनिक निगरानी में उज्ज्वला केंद्र में रही. लड़की उतर प्रदेश के एटा के नंदगांव की रहने वाली थी. लॉकडाउन के दौरान मार्च के अंतिम सप्ताह में वह पलामू पहुंच गई थी. मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण अधिकारियों को वह कुछ बता नहीं पाती थी. बीमार और मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण उसे मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में रखा गया था. इलाज के बाद ठीक होने के बाद उसे उज्ज्वला केंद्र में रखा गया था.
एडीसी ने की पहल, खुद से मोबाइल नंबर को खंगाला
पलामू के एनडीसी शैलेश कुमार मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल के प्रशासनिक पदाधिकारी भी है. वे लगातार लड़की के स्वाथ्य की मॉनिटरिंग कर रहे, लड़की उन्हें सिर्फ ऐटा और नंदगांव जगह का नाम बता पाती थी. अपना नाम छोटी और पति का नाम नंद किशोर बताया. एनडीसी शैलेश कुमार ने ऐटा के स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर नंदगांव के कुछ लोगों का नंबर लिया. उसके बाद छोटी कर घर का पता चल पाया, इससे पहले ECI के वेबसाइट से नंदगांव के वोटरलिस्ट को भी उन्होंने चेक किया था.
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परिजनों को सौंपी गई छोटी, परिजन थे बेहद खुश
आठ महीने बाद परिजनों से मिलने के बाद छोटी बेहद खुश थी. छोटी को प्रशिक्षु आईएएस दिलीप कुमार सिंह शेखावत, एनडीसी शैलेश कुमार, डीएसडब्ल्यूओ आफताब आलम ने परिजनों को सौंपा. आईएएस दिलीप कुमार सिंह शेखावत ने ईटीवी भारत को बताया कि पलामू जिला प्रशासन ने बेहतरीन पहल की है. वहीं परिजनों ने कहा कि छोटी के पिता नही है, जिस कारण मां का रो-रोकर बुरा हाल था.