लखनऊ: ऑनलाइन क्लास के दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय(लविवि) के शिक्षकों के साथ अभद्रता का मामला सामने आया है. जिसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में कमेटी बनाकर जांच शुरू कर दी है. दरअसल, कोरोना संक्रमण होने की वजह से इस समय कक्षा का संचालन ऑनलाइन ही हो रहा है. ऑनलाइन क्लास के दौरान बीते दिनों एक छात्र की आईडी से एक छात्रा और 2 शिक्षक और 2 शिक्षकाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी लिखी गई थी
सूत्रों के अनुसार, हिंदी के शिक्षकों ने इस मामले पर शिकायत करने के लिए कुलपति से मुलाकात की थी और उनसे इस मामले में कार्रवाई करने की भी मांग की गई थी. वहीं कुलपति ने इस मामले में समिति बनाकर जांच कराने का निर्देश भी दे दिया है. दूसरी ओर आरोपी छात्र की ओर से अपनी आईडी का दुरुपयोग कराने के लिए पुलिस में एफआइआर भी दर्ज कराई गई है. मामला साइबर क्राइम से जुड़ा हुआ है इसलिए लखनऊ विश्वविद्यालय की जांच समिति आगे नहीं बढ़ पा रही है.
इस मामले के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय में एक आंतरिक शिकायत समिति का गठन भी किया है. समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर शीला मिश्रा की सिफारिश पर छह सदस्यों का नाम फाइनल किया गया है. कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने इस का आदेश जारी कर दिया है. समिति में लोक प्रशासन विभाग के डॉक्टर श्रद्धा चंद्रा, बायो केमिस्ट्री विभाग की डॉक्टर कुसुम सिंह यादव, इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म के डॉ. अमर कुमार तिवारी, रिसर्च स्कॉलर आदित्य कुमारी, एंपलाई मनीष कुमार वाल्मीकि और एडवोकेट प्रज्ञमती गुप्ता को रखा गया है. यह समिति विद्यालय की सभी शिकायतों की सुनवाई करने के बाद अब अपनी जांच रिपोर्ट पेश करेगी.
लखनऊ: ऑनलाइन क्लास के दौरान लविवि के शिक्षक साथ हुई अभद्रता
लखनऊ विश्वविद्यालय(लविवि) के शिक्षकों के साथ ऑनलाइन अभद्रता का मामला सामने आया है. जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन ने एक कमेटी गठित कर मामले की जांच के निर्देश दिए हैं.
लखनऊ: ऑनलाइन क्लास के दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय(लविवि) के शिक्षकों के साथ अभद्रता का मामला सामने आया है. जिसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में कमेटी बनाकर जांच शुरू कर दी है. दरअसल, कोरोना संक्रमण होने की वजह से इस समय कक्षा का संचालन ऑनलाइन ही हो रहा है. ऑनलाइन क्लास के दौरान बीते दिनों एक छात्र की आईडी से एक छात्रा और 2 शिक्षक और 2 शिक्षकाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी लिखी गई थी
सूत्रों के अनुसार, हिंदी के शिक्षकों ने इस मामले पर शिकायत करने के लिए कुलपति से मुलाकात की थी और उनसे इस मामले में कार्रवाई करने की भी मांग की गई थी. वहीं कुलपति ने इस मामले में समिति बनाकर जांच कराने का निर्देश भी दे दिया है. दूसरी ओर आरोपी छात्र की ओर से अपनी आईडी का दुरुपयोग कराने के लिए पुलिस में एफआइआर भी दर्ज कराई गई है. मामला साइबर क्राइम से जुड़ा हुआ है इसलिए लखनऊ विश्वविद्यालय की जांच समिति आगे नहीं बढ़ पा रही है.
इस मामले के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय में एक आंतरिक शिकायत समिति का गठन भी किया है. समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर शीला मिश्रा की सिफारिश पर छह सदस्यों का नाम फाइनल किया गया है. कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने इस का आदेश जारी कर दिया है. समिति में लोक प्रशासन विभाग के डॉक्टर श्रद्धा चंद्रा, बायो केमिस्ट्री विभाग की डॉक्टर कुसुम सिंह यादव, इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म के डॉ. अमर कुमार तिवारी, रिसर्च स्कॉलर आदित्य कुमारी, एंपलाई मनीष कुमार वाल्मीकि और एडवोकेट प्रज्ञमती गुप्ता को रखा गया है. यह समिति विद्यालय की सभी शिकायतों की सुनवाई करने के बाद अब अपनी जांच रिपोर्ट पेश करेगी.