लखनऊः अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने कहा कि 2012 के घोषणापत्र में अल्पसंख्यक इलाकों में पुलिस भर्ती के लिए विशेष कैंप आयोजित करने का वादा किया था. लेकिन अखिलेश सरकार इससे पूरी तरह से पलट गई. दो हजार के करीब अल्पसंख्यक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फेसबुक लाइव के माध्यम से ये सवाल उठाया था.
मुलायम, अखिलेश ने किया मुस्लिमों से धोखा
उन्होंने कहा कि इसी तरह 2007 में भी मुलायम सिंह यादव की सरकार में तीन हजार पुलिस भर्ती निकली थी. जिसमें 2,400 लोग सिर्फ मुख्यमंत्री की अपनी जाति के थे. मुसलमानों के लिए उस भर्ती में भी कोई जगह नहीं थी. इसी तरह 2013 में 2400 भर्ती निकली थी. जिसमें 2000 लोग अखिलेश यादव के सजातीय लोग लिए गए. 20 फीसदी मुस्लिम आबादी के बावजूद इसकी अनदेखी की गई. शाहनवाज़ आलम फेसबुक लाइव के माध्यम से बताया कि किस तरह सच्चर कमेटी के आने के बाद में अल्पसंख्यक मंत्रालय का गठन किया गया. 2006 और 2010 के बीच केंद्र सरकार की नौकरियों में अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों की भागीदारी में तीन फीसदी का इजाफा हुआ और ये आंकड़ा 10.18 फीसदी तक पहुंच गया है.
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अखिलेश से पूछे तीन सवाल
उन्होंने कहा कि हर रविवार को फेसबुक लाइव के जरिये होने वाले स्पीक अप माइनोरिटी के तहत पूर्व सीएम अखिलेश यादव से तीन सवाल पूछे गए. जिसमें सपा ने मुसलमानों की विशेष भर्ती के लिए कहां-कहां कैम्प आयोजित किए गए?. एसपी सरकार में विभिन्न विभागों में हुई करीब 4 लाख भर्ती में मुसलमानों की संख्या कितनी थी?. साल 2013 में हुई पुलिस की 2,400 भर्ती में 2000 यादव भर्ती हुए जबकि इनमें मुसलमानों की संख्या न के बराबर रही, ऐसा क्यों किया गया? ऐसे अभी कई और सवाल हैं, जिन्हें समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव और पार्टी सुप्रिमो अखिलेश यादव को देने होंगे.