लखनऊ: कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा कि 27 जून 1857 को 167 मछुआरों को कानपुर में फांसी दी गई थी. 27 जून को बलिदान दिवस और क्रांति दिवस मनाते हैं. उन्होंने कहा कि कानपुर के सत्ती चौरा घाट के विकास को लेकर सरकार ध्यान दें. कहा कि हमारी जातियों को सम्मान न मिलने पर कांग्रेस की भूमिका है. सपा सरकार ने 2013 में जनजाति का अधिकार छीना है. पिछड़ी जाति से अखिलेश यादव ने निकाला है जो बहुत ही निंदनीय है. 27 जून को कानपुर के सत्ती चौरा घाट पर निषाद कुंभ का आयोजन किया जाएगा. महाजनसंपर्क अभियान की शुरुआत पूर्वाचल से करेंगे.
मंत्री निषाद ने रविवार को पत्रकारों से कहा कि 70 साल में केंद्र की मोदी सरकार ने हमारे पत्र को गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि महा जनसंपर्क अभियान में हमलोग गांव-गांव जाएंगे. आरक्षण को लेकर महाजनसंपर्क अभियान चलाएंगे. पिछली सरकारों में ज्ञापन दिए जाने पर हम लोगों को जेल भेज दिया जाता था. कहा कि बीजेपी सरकार ने हमारी मांगो को गंभीरता से लिया है. 2024 से पहले केंद्र सरकार हमारी जाति को आरक्षण देने का काम करे.
मंत्री निषाद ने कहा कि हमारी पार्टी का मुख्य एजेंडा ही आरक्षण लागू करवाना है. मंत्री निषाद ने कहा कि कांग्रेस ने आरक्षण की फाइल ही गायब करवा दी थी. इसका बदला हमारे समाज के लोग लेंगे और कांग्रेस को 2024 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर सबक सिखाएंगे. मंत्री संजय निषाद ने कहा कि 27 जून को निषाद पार्टी द्वारा कानपुर के सत्ती चौरा घाट पर बलिदान दिवस और प्रदेश स्तरीय निषाद महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कई प्रदेशों के लोग आएंगे. बताया कि 193 जातियां आजादी के 05 साल 16 दिन बाद 31 अगस्त 1952 में आजाद हुई थी, जिनको डिनोटिफाइड ट्राइब्स एक्ट के तहत आजाद करवाया गया था किन्तु आजादी के बाद भी इन जातियों ने पूर्व की सरकारों का दंश झेला है.
उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी का गठन पिछड़े, वंचितो और शोषितों के हक-हकूक को दिलवाने के लिए हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रदेश कमेटी ने सर्वसम्मति से आरक्षण पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि मझवार आरक्षण निषाद समेत 17 उपजातियों का सवैंधानिक अधिकार है, और आरक्षण के मुद्दे पर निषाद पार्टी कटिबद्ध है. प्रदेश कमेटी द्वारा निर्णय लिया गया है कि 27 जून सतीचौरा शहीद दिवस के उपलक्ष्य में निषाद पार्टी अपना आरक्षण के मुद्दे पर रुख को स्पष्ट कर, 28 जून से प्रदेशभर में आरक्षण महासम्पर्क अभियान चलाएगी. प्रदेश के सभी जनपदों और विधानसभाओं में मछुआ समाज की मझवार आरक्षण पर राय पूछी जाएगी.