लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को वर्षा जल संरक्षण को लेकर आयोजित भूजल सप्ताह कार्यक्रम का समापन किया. इस दौरान लोकभवन में आयोजित इस कार्यक्रम में सबकी निगाहें जल शक्ति विभाग के राज्य मंत्री दिनेश खटीक पर टिकी रहीं. कार्यक्रम में विभाग के अन्य मंत्री तो पहुंचे, लेकिन राज्य मंत्री दिनेश खटीक नहीं पहुंचे. इस दौरान कार्यक्रम में तरह-तरह की चर्चाएं होती रहीं.
गौरतलब है कि राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने योगी सरकार से नाराजगी के चलते पिछले दिनों इस्तीफा दे दिया था. बीते गुरुवार को ही उन्होंने सीएम योगी से मुलाकात कर अपनी समस्याओं को उनके सामने रखा था. सीएम योगी ने भी उनकी समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया था. इसके बाद माना जा रहा था कि जलशक्ति विभाग के आज के इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह समेत दोनों राज्य मंत्री दिनेश खटीक और रामकेश निषाद पहुंचेंगे.
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, रामकेश निषाद तो मौजूद रहे. लेकिन राज्य मंत्री दिनेश खटीक नहीं पहुंचे. इसको लेकर कार्यक्रम में तमाम तरह की चर्चाएं होती रहीं. हालांकि सूत्रों का कहना है कि उनकी नाराजगी दूर हो गई है. फिलहाल किसी जरूरी काम से मेरठ जाने के चलते वो कार्यक्रम में नहीं पहुंचे हैं. फिर भी अगर किसी तरह की कोर-कसर बाकी है तो खुद बखुद सामने आ जाएगा.
इधर भूजल समापन सप्ताह कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्षा जल संचयन के क्षेत्र में सराहनीय काम करने वालों को सम्मानित किया. सीएम योगी और जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने जल संचयन एवं संरक्षण को लेकर जन जागरूकता और महत्वपूर्ण कार्यों के लिए छात्र अच्युत त्रिपाठी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. इस मौके पर लखनऊ से 550 ग्राम पंचायतों में भूजल रथ भेजा गया.
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इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि जल है तो जीवन है. इस भाव को समझते सभी हैं, लेकिन जो उपाय करने चाहिए उसमें चूक जाते हैं. अलग-अलग कालखण्डों में इसके लिए कार्य किए गए. पहले तालाब और कुआं खुदवाने के काम होते थे, नदियों में गंदगी न करने की बात कही जाती थी. नदियों को हम पवित्र मानते हैं. गंगा को मां का स्थान दिया गया है. गंगा के लिए बीच के कालखंडों में कोई कार्य नहीं हुए. प्रधानमंत्री मोदी ने इसके लिए कार्य शुरू किए. हमने भी विगत 5 वर्षों में इस दिशा में काम किया. आज हमारी पेयजल सिंचाई की आवश्यकता बढ़ी है.
सीएम योगी ने कहा भूगर्भीय जल संरक्षण को लेकर हमारे सामने चुनौती थी. पिछले 5 वर्षों में हमने 60 से अधिक नदियों को पुनर्जीवित किया है. जो नदियां लुप्त हो चुकी थीं, हमने अंतर्विभागीय समन्वय बनाकर जनसहभागिता के जरिए उन्हें पुनर्जीवित किया है. हम अमृत सरोवर बना रहे हैं. आजादी के अमृत वर्ष में ये कार्य शुरू किए गए हैं. हर जनपद में ग्रामीण, नगरीय क्षेत्रों में 75-75 अमृत सरोवर बनाने के काम शुरू किया गया है. सीएम ने कहा कि हमारे पास ग्राउंड वॉटर भी है और सरफेस वॉटर भी. लेकिन उनके संरक्षण के लिए जो कार्य करने चाहिए थे वो नहीं हुए. लिहाजा डार्क जोन की संख्या बढ़ती गई.
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