लखनऊ: सरोजिनी नायडू के जन्म दिवस से प्रारंभ हुए एक मिलियन मीटर (1000 किमी) मार्च का समापन 2 मार्च को हो गया. यह मार्च रेड ब्रिगेड की ओर से शुरू किया गया था.
सरोजिनी नायडू के जन्म दिवस पर शुरू हुई थी यात्रा
18 दिवसीय (13 फरवरी-2 मार्च) यात्रा का समापन 2 मार्च को सरोजिनी नायडू पार्क, हजरतगंज में स्थित सरोजिनी नायडू की प्रतिमा पर हुआ. सरोजिनी नायडू के जन्म दिन पर राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित है.
लोकप्रिय बनाने की हो रही है कोशिश
रेड ब्रिगेड ने आजाद भारत में पहली बार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सरोजिनी नायडू के जन्म स्थान, गोल्डन थ्रेसहोल्ड, हैदराबाद, पर राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया. पिछले चार वर्षों से विभिन्न तरह के कार्यकम से राष्ट्रीय महिला दिवस को लोकप्रिय बनाने की कोशिश रेड ब्रिगेड की ओर से की जा रही है.
महिलाओं की भूमिका
इस यात्रा के दौरान स्वतंत्रता के लिए संघर्ष में महिलाओं की भूमिकाओं को गांव-गांव में उजागर किया गया. यात्रा में दो दर्जन से अधिक लड़कियां भी शामिल हुईं. इस यात्रा में लखनऊ मेट्रो, सेव द चिल्ड्रेन, अमरेन फाउंडेशन, ब्रेकथ्रू प्रमुख सहयोगी संस्थाएं शामिल थीं. यात्रा के दौरान गांवों में 1000 से अधिक महिलाओं और लड़कियों को सेल्फ डिफेंस और डिजिटल साक्षरता का प्रशिक्षण दिया गया.
सरोजिनी नायडू के निर्वाण दिवस पर मिलियन मीटर मार्च का हुआ समापन
राजधानी लखनऊ में रेड ब्रिगेड की ओर से राष्ट्रीय महिला दिवस पर शुरू किये गए एक मिलियन मीटर मार्च का दो मार्च को समापन हो गया. यह समापन सरोजिनी नायडू के निर्वाण दिवस पर हुआ. इस यात्रा के प्रारंभ का सरोजिनी नायडू के जन्म दिवस यानि 13 फरवरी से हुआ था.
लखनऊ: सरोजिनी नायडू के जन्म दिवस से प्रारंभ हुए एक मिलियन मीटर (1000 किमी) मार्च का समापन 2 मार्च को हो गया. यह मार्च रेड ब्रिगेड की ओर से शुरू किया गया था.
सरोजिनी नायडू के जन्म दिवस पर शुरू हुई थी यात्रा
18 दिवसीय (13 फरवरी-2 मार्च) यात्रा का समापन 2 मार्च को सरोजिनी नायडू पार्क, हजरतगंज में स्थित सरोजिनी नायडू की प्रतिमा पर हुआ. सरोजिनी नायडू के जन्म दिन पर राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित है.
लोकप्रिय बनाने की हो रही है कोशिश
रेड ब्रिगेड ने आजाद भारत में पहली बार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सरोजिनी नायडू के जन्म स्थान, गोल्डन थ्रेसहोल्ड, हैदराबाद, पर राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया. पिछले चार वर्षों से विभिन्न तरह के कार्यकम से राष्ट्रीय महिला दिवस को लोकप्रिय बनाने की कोशिश रेड ब्रिगेड की ओर से की जा रही है.
महिलाओं की भूमिका
इस यात्रा के दौरान स्वतंत्रता के लिए संघर्ष में महिलाओं की भूमिकाओं को गांव-गांव में उजागर किया गया. यात्रा में दो दर्जन से अधिक लड़कियां भी शामिल हुईं. इस यात्रा में लखनऊ मेट्रो, सेव द चिल्ड्रेन, अमरेन फाउंडेशन, ब्रेकथ्रू प्रमुख सहयोगी संस्थाएं शामिल थीं. यात्रा के दौरान गांवों में 1000 से अधिक महिलाओं और लड़कियों को सेल्फ डिफेंस और डिजिटल साक्षरता का प्रशिक्षण दिया गया.