लखनऊ: जिले के व्यापारियों ने सुरक्षा के हिसाब से शहर की बाजारों को खोलने की मांग की है. व्यापारियों का कहना है कि पहले की अपेक्षा अब संक्रमण घटने लगा है. कारोबारियों ने मंशा जाहिर करते हुए सरकार से मांग की है कि सख्त नियमों के साथ बाजारों को खोलने की अनुमति दी जाए.
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बाजार बंदी के बाद सरकार ने लिया निर्णय
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की भीषण तबाही के बीच कारोबारियों ने 13 अप्रैल को सभी बाजारों को बंद कर दिया था. कारोबारियों की स्वैच्छिक बाजार बंदी के बाद कई दिन बीतने के बाद सरकार द्वारा कर्फ्यू लगाया गया. 1 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है. शहर की सभी बाजारे बंद हैं. इन बाजारों में कपड़ा, लोहा, सीमेंट, इलेक्ट्रिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, सर्राफा बाजार के अलावा ऑटोमोबाइल और स्टेशनरी की दुकानें हैं. कारोबारियों ने इन बाजारों को कानूनों के साथ खोलने की मांग की है.
लखनऊ व्यापार मंडल समेत कई संगठनों ने बाजार खोलने की मांगी अनुमति
लखनऊ व्यापार मंडल के वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्रा ने बताया कि व्यापारियों द्वारा स्वैच्छिक रूप से बाजार को बंद करने का निर्णय लिया गया था. उन्होंने बताया कि काफी दिन बीत चुके हैं. इन बाजारों को खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए. उत्तर प्रदेश कपड़ा व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष अशोक मोतियानी ने कहा कोरोना से संबंधित स्थितियां अब कंट्रोल में आ चुकी हैं. उन्होंने कहा कि भले ही कोरोना के सरकारी आंकड़े कंट्रोल में है, मगर फिर भी हमें एहतियात बरतनी है. सावधानी के साथ बाजारों को खोला जाना चाहिए.
संक्रमण रोकने में कारोबारियों की इच्छा शक्ति हुई कामयाब
नाका व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतपाल सिंह ने इच्छा जाहिर करते हुए कहा है कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार पहले से काफी कम हुई है. अब बाजारों को चरणबद्ध तरीके से खोला जाना चाहिए. चौक सर्राफा बाजार के विनोद महेश्वरी ने बाजारों को खोलने की मांग की है. इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के अनुराग रस्तोगी ने संक्रमण को रोकने के लिए व्यापारी समाज खुद ही सामने आया था. अब बाजारों को खोलने का सही समय आ गया है. फिर भी बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग और निर्देशों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.