लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 10वीं और 12वीं की कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के प्रमोशन का फैसला लिया जा चुका है. इन हालातों में अब छात्रों को अंक कैसे बांटे जाए? यह एक अहम सवाल है. छात्रों को अंक देने का फार्मूला तलाशने के लिए सोमवार को माध्यमिक शिक्षा विभाग की एक अहम बैठक आयोजित की गई. बैठक में उच्च अधिकारियों के साथ प्रदेश के कई सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों के प्रिंसिपल भी मौजूद रहे. इस दौरान सभी की ओर से अंक देने के फार्मूले के संबंध में अपने सुझाव रखे गए.
यह सुझाव आए सामने
- इंटरमीडिएट के परीक्षाफल के लिए यह सुझाव दिया गया कि हाईस्कूल में प्राप्त प्रतिशत, कक्षा-11 के अर्द्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा, कक्षा-12 की प्री बोर्ड परीक्षा को सम्मिलित करते हुए अंकों का निर्धारण किया जाए.
- सर्वोदय इंटर कॉलेज फतेहपुर के प्रिंसिपल जवाहर सिंह राठौर ने यह सुझाव दिया कि हाईस्कूल परीक्षा के लिए कक्षा-9 की वार्षिक परीक्षा और कक्षा-10 की प्री बोर्ड परीक्षा अथवा अर्द्धवार्षिक परीक्षा के अंकों को सम्मिलित कर परीक्षाफल बनाया जाए.
- अभिभावक संघ, फतेहपुर के अध्यक्ष आत्माराम ने हाईस्कूल परीक्षाफल के लिए कक्षा-10 का प्री बोर्ड तथा कक्षा-9 की वार्षिक परीक्षा के अंकों को आधार बनाने का सुझाव रखा.
- हिन्दू मुस्लिम इंटर कॉलेज, दुर्गास्थान, गाजीपुर के जियारत हुसैन ने सुझाव दिया गया कि यदि कोई छात्र परीक्षा देना चाहता है, तो उसे सुधार का अवसर दिया जाय और परीक्षा केन्द्र जिला मुख्यालय के राजकीय इंटर कॉलेज में बनाया जाए.
- हंसनगर इंटर कॉलेज, मुरादनगर की प्रिंसिपल डॉक्टर सुखपाल सिंह तोमर ने यह सुझाव दिया कि जो छात्र किन्हीं कारणों से प्री बोर्ड अथवा अर्द्धवार्षिक परीक्षा में अनुपस्थित रहे हैं, उन्हें न्यूनतम उत्तीर्ण अंक प्रदान कर दिया जाए.
आप भी ईमेल से भेज सकते हैं अपना सुझाव
चर्चा के दौरान अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने शिक्षाविद्, शिक्षकों, अभिभावकों और आम जनमानस से भी अंकों के निर्धारण के विषय में अपने सुझाव देने की अपील की. बोर्ड की तरफ से ईमेल आईडी upboardexamination2021@gmail.com पर आपके सुझाव मांगे हैं. छात्र-छात्राएं भी परीक्षाफल और अंक निर्धारण की प्रक्रिया के सम्बन्ध में ई-मेल पर अपने सुझाव दे सकते हैं.
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यह निर्देश किए जारी
- जब तक औपचारिक रूप से विद्यालयों में कक्षाएं प्रारम्भ नहीं हो जाती, तब तक ऑनलाइन माध्यम से कक्षाओं का संचालन किया जाए.
- जिला विद्यालय निरीक्षक अपने जनपद के समस्त विद्यालयों के साथ निरन्तर संवाद स्थापित करते रहें और ऑनलाइन कक्षाओं का पर्यवेक्षण नियमित रूप से करते रहें.
- समस्त मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक अपने मण्डल के जनपदों में संचालित होने वाली ऑनलाइन कक्षाओं का नियमित अनुश्रवण करते रहेंगे.
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यह भी रहे मौजूद
अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित वीडियो कान्फ्रेसिंग में विशेष सचिव उदय भानु त्रिपाठी, विशेष सचिव जय शंकर दुबे, शिक्षा निदेशक विनय कुमार पाण्डेय सहित शासन एवं विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे.