लखनऊ: अयोध्या के तहसील सोहावल के रौनाही में सरकार की ओर से 5 एकड़ जमीन वक्फ बोर्ड की ओर से स्वीकार किए जाने के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड अब 5 मार्च को अहम बैठक करने जा रहा है. सुन्नी वक्फ बोर्ड इस बैठक में वक्फ अभिलेखों से बाबरी मस्जिद को डिलीट करने के साथ ही इसका प्रमाण सुप्रीम कोर्ट और सरकार को भेजेगा, जिस पर सभी सदस्यों के हस्ताक्षर होने हैं.
लखनऊ: यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की 5 मार्च को अहम बैठक
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में सुन्नी वक्फ बोर्ड अहम बैठक करने जा रहा है, जिसके तहत वह बाबरी मस्जिद के लिए ट्रस्ट का गठन करेगा. वहीं इस बैठक में सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य इमरान माबूद और एडवोकेट अब्दुल रज्जाक सुन्नी वक्फ बोर्ड के इस फैसले से नाखुश है.
सुन्नी वक्फ बोर्ड करेगा बैठक
लखनऊ: अयोध्या के तहसील सोहावल के रौनाही में सरकार की ओर से 5 एकड़ जमीन वक्फ बोर्ड की ओर से स्वीकार किए जाने के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड अब 5 मार्च को अहम बैठक करने जा रहा है. सुन्नी वक्फ बोर्ड इस बैठक में वक्फ अभिलेखों से बाबरी मस्जिद को डिलीट करने के साथ ही इसका प्रमाण सुप्रीम कोर्ट और सरकार को भेजेगा, जिस पर सभी सदस्यों के हस्ताक्षर होने हैं.
मीटिंग से दो सदस्य कर सकते हैं किनारा
वक्फ बोर्ड की 5 मार्च को होने वाली इस अहम बैठक में सुन्नी वक्फ बोर्ड के 2 सदस्य किनारा कर सकते हैं. सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य इमरान माबूद और एडवोकेट अब्दुल रज्जाक सुन्नी वक्फ बोर्ड के इस फैसले से नाखुश हैं और प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर नहीं करने का मन बनाए हैं. हालांकि सुन्नी वक्फ बोर्ड के बाकी सदस्य हस्ताक्षर करने के पक्ष में है और बैठक में हिस्सा लेने का भी इरादा कर रहे है.
ट्रस्ट के गठन का भी हो सकता है एलान
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत यूपी सरकार की ओर से अयोध्या के रौनाही में 5 एकड़ जमीन पर होने वाले निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड एक ट्रस्ट का गठन करने जा रहा है. राम मंदिर निर्माण के लिए बने ट्रस्ट की तर्ज पर ही सुन्नी वक्फ बोर्ड एक ट्रस्ट बनाएगा जो जमीन पर मस्जिद के साथ होने वाले अन्य निर्माण की रूपरेखा के साथ उसके रखरखाव का काम देखेगा. सूत्रों की मानें तो 5 मार्च को होने वाली मीटिंग में ट्रस्ट को लेकर भी अहम बातचीत होनी है, जिसके बाद मीडिया में ट्रस्ट को लेकर एलान और उसके स्वरूप के बारे में वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर अहमद फारूकी घोषणा कर सकते है.
मीटिंग से दो सदस्य कर सकते हैं किनारा
वक्फ बोर्ड की 5 मार्च को होने वाली इस अहम बैठक में सुन्नी वक्फ बोर्ड के 2 सदस्य किनारा कर सकते हैं. सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य इमरान माबूद और एडवोकेट अब्दुल रज्जाक सुन्नी वक्फ बोर्ड के इस फैसले से नाखुश हैं और प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर नहीं करने का मन बनाए हैं. हालांकि सुन्नी वक्फ बोर्ड के बाकी सदस्य हस्ताक्षर करने के पक्ष में है और बैठक में हिस्सा लेने का भी इरादा कर रहे है.
ट्रस्ट के गठन का भी हो सकता है एलान
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत यूपी सरकार की ओर से अयोध्या के रौनाही में 5 एकड़ जमीन पर होने वाले निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड एक ट्रस्ट का गठन करने जा रहा है. राम मंदिर निर्माण के लिए बने ट्रस्ट की तर्ज पर ही सुन्नी वक्फ बोर्ड एक ट्रस्ट बनाएगा जो जमीन पर मस्जिद के साथ होने वाले अन्य निर्माण की रूपरेखा के साथ उसके रखरखाव का काम देखेगा. सूत्रों की मानें तो 5 मार्च को होने वाली मीटिंग में ट्रस्ट को लेकर भी अहम बातचीत होनी है, जिसके बाद मीडिया में ट्रस्ट को लेकर एलान और उसके स्वरूप के बारे में वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर अहमद फारूकी घोषणा कर सकते है.