दिल्ली/ नई दिल्ली: अयोध्या भूमि विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, अब बस कुछ ही दिनों में आने वाला है. इससे पहले केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को अपने आवास पर मुस्लिम धर्मगुरु और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेताओं के साथ बैठक की.
मान्य होगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सेक्रेटरी कमाल फारुकी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी नेताओं के बीच में यह समझौता हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वह सभी को मान्य होगा और कोई इसका विरोध नहीं करेगा.
अयोध्या फैसले से पहले केंद्रीय मंत्री नकवी के घर अहम बैठक, शांति बनाए रखने की अपील
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसला आने से पहले मंगलवार को केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर संघ की बैठक आयोजित हुई. बैठक में शामिल सभी नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की बात कही है.
दिल्ली/ नई दिल्ली: अयोध्या भूमि विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, अब बस कुछ ही दिनों में आने वाला है. इससे पहले केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को अपने आवास पर मुस्लिम धर्मगुरु और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेताओं के साथ बैठक की.
मान्य होगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सेक्रेटरी कमाल फारुकी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी नेताओं के बीच में यह समझौता हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वह सभी को मान्य होगा और कोई इसका विरोध नहीं करेगा.
Body:मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सेक्रेटरी कमाल फारुकी ने कहा कि नकवी के अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी नेताओं के बीच में यह समझौता हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आए वह सभी को मान्य होगा और कोई इसका विरोध नहीं करेगा।
ईटीवी भारत द्वारा जब कमाल फारुकी से यह पूछा गया कि 1 नवंबर को आरएसएस द्वारा बुलाई गई बैठक में भी अयोध्या विवाद को लेकर चर्चा होनी थी उसमें आप क्यों नहीं शामिल हुए तो उन्होंने कहा कि यह बैठक अल्पसंख्यक मंत्री द्वारा बुलाई गई थी ना की किसी एक धर्म विशेष द्वारा।
हज कमेटी के पूर्व चेयरमैन कैसर शमीम ने बैठक के बाद कहा कि आरएसएस के नेताओं की इस बैठक में आना बेहतर रहा और उन्होंने भी एक आवाज में जो फैसला आएगा उसका स्वागत करने की बात कही है।
शिया धर्मगुरु कल्बे जावाद ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि इस बैठक में यह फैसला हुआ है कि जितने भी इमाम और धर्मगुरु है वह अपने अपने इलाके की मस्जिदों एवं दरगाह व इमामबाड़ा में जाकर आपसी सौहार्द बनाए रखने की अपील करेंगे।
सैयद नसीर उद्दीन चिश्ती ने कहा कि या बैठक सफल रही और सभी ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत करने पर सहमति जताई।
Conclusion:बता दें कि अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी द्वारा बुलाई गई इस बैठक में भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन मौलाना अब्दुल समी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर तारिक मंसूर, शिया धर्मगुरु मौलाना मोहसिन तक़्वी, मौलाना जलाल हैदर नक्वी कारी अब्दुल रहमान हाशमी राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन गय्यरूल हसन रिजवी दरगाह अजमेर शरीफ से अमीन पठान, पार्लियामेंट मस्जिद के इमाम मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी, जमीअत उलमा ई हिंद के जनरल सेक्रेटरी मौलाना महमूद मदनी के साथ ही साथ आर एस एस के कृष्ण गोपाल और रामलाल भी इस बैठक में शामिल हुए।