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अगर आपने ये डिवाइस लगा ली तो घर में नहीं होगी चोरी, अनजान की एंट्री पर बज उठेगा अलार्म, कीमत सिर्फ 150 रुपये - MEERUT YOUTH MADE UNIQUE DISCOVERY

वेस्ट मेटेरियल की मदद से मेरठ के युवा ने खास इनफार्मेशन सिक्योरिटी डिवाइस बनाकर बना दिया इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड

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राहुल को सम्मानित करते लोग (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 19, 2025, 5:31 PM IST

मेरठ: यूपी के मेरठ के एक युवा राहुल ने घर में बेकार पड़े कुछ सामान और चार स्वीच की मदद से 16 पासवर्ड वाली एक ऐसा सिक्योरिटी सिस्टम बना डाला है. जिसकी मदद से न सिर्फ घर को सुरक्षित किया जा सकता है, बल्कि घर के साथ-साथ इसे जहां भी इस्तेमाल में लाया जाएगा. वहां किसी भी तरह से अगर कोई सेंधमारी का प्रयास नहीं कर पाएगा. इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी इस डिवास का नाम दर्ज किया गया.

जिले के नंगला सेखू गांव के रहने वाले राहुल सैन ने अपने हुनर से न सिर्फ अपने परिवार बल्कि जिले का भी नाम देशभर में रौशन किया है. राहुल ने एक बेहद ही खास डिवाइस तैयार की है, ये खास डिवाइस घर में पड़े वेस्ट मेटेरियल से ईजाद की गई है, जिसे स्मार्ट इनफार्मेशन सिक्योरिटी सिस्टम का नाम दिया गया है. इसे तैयार करने में महज 150 रुपये का खर्च आया है. इस हुनर के लिए राहुल का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस में भी दर्ज कर लिया गया है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते राहुल (Video Credit; ETV Bharat)

बता दें कि राहुल ने मेरठ कॉलेज से पोस्टग्रेजुएशन किया है, आईटीआई से तकनीकी ज्ञान भी हासिल किया है. अब इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज हो गया है. साथ ही अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन व मेजबानी में भारत, नेपाल, इंडोनेशिया, वियतनाम और मलेशिया के प्रतिनिधियों ने सम्मानित किया है.

ये डिवाइस तब काम करेगी जब कोई बंद मकान, फैक्ट्री या अन्य परिसर में प्रवेश करने की कोशिश करेगा. कोई अनजान व्यक्ति किसी भी तरह की घटना वहां करेगा, तो तुरंत कैमरा एक्टिव हो जाएगा, लाइट जलेगी, पड़ोसी और अगर गार्ड रूम वहां नजदीक में है तो वहां सूचना भेज देगा. इसमें अनेक पासवर्ड भी डाले गये हैं जिससे कोई और इस सुरक्षा को न भेद सके.

राहुल का दावा है कि इसे बड़े स्तर पर भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है. जिसमें देश की सीमा के लिए भी कहीं भी आतंकवादी घुसपैठियों को इसके उपयोग के बाद आसानी से पकड़ में लाया जा सकेगा.

ईटीवी भारत से बातचीत में राहुल ने बताया कि डिजिटल पासवर्ड को तो आसानी से कई बार लोग पकड़ लेते हैं, हैकर्स भी कुछ ही घंटों की मशक्कत के बाद पासवर्ड हैक कर सकते हैं. इसीलिए राहुल ने सामान्य सी दिखने वाले अलग अलग चार ऑन ऑफ स्वीच का प्रयोग करके ऐसा खास पासवर्ड बना डाला जिसको कोई पकड़ ही नहीं सकता. अब अगर कोई भी व्यक्ति चाहे वह उस संस्थान या परिवार से ही जुड़ा क्यों न हो, किसी ने भी स्वीच को बिना पासवर्ड जाने दबाया तो वह पकड़ में आ जाएगा. जो स्मार्ट इनफार्मेशन सिस्टम वहां लगा है, वह उस शख्स की गलती को तत्काल पकड़ लेगा और वहां प्रकाश तो फैल जाएगा, सीसीटीवी कैमरे भी काम करने लगेगा साथ ही आसानी से कई ऐसे बदलाव वहां होंगे जिससे घुसपैठिये के लिए उस सुरक्षा को भेदना मुश्किल हो जाएगा.

राहुल का कहना है कि उनसे काफी लोग संपर्क भी कर रहे हैं, नेपाल के भी कुछ लोगों ने उनसे संपर्क किया है कि वह अपने डिवाइस पर आगे के काम के लिए मेरे साथ जुड़ जाए, लेकिन वह ऐसा करना नहीं चाहते. राहुल ने बताया कि वह उनके घर में जो सामान खराब पड़ा था उसमें से खराब फोन, मोबाइल चार्जर, घंटी, ऑन ऑफ स्विच (चिटकनी), प्लास्टिक बॉक्स, चुंबक, सेट टॉप बॉक्स की वायर, प्लग, अलग-अलग कुछ कंडेनसर, एलईडी बल्ब, खराब मोबाईल का कैमरा, लोहे की पत्ती, एल्यूमिनियम का तार, पेन आदि.

अपनी इस उपलब्धि पर राहुल का कहना है कि वह ये सम्मान पाने के बाद गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं और अब आगे भविष्य में वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करने के लिए लगातार प्रयत्नशील हैं.

यह भी पढ़ें : गुमशुदा अजगर की तलाश; लंबाई 30 फीट, रंग गेहुंआ, मेरठ में खोज लाने वाले को इनाम के पोस्टर लगे

मेरठ: यूपी के मेरठ के एक युवा राहुल ने घर में बेकार पड़े कुछ सामान और चार स्वीच की मदद से 16 पासवर्ड वाली एक ऐसा सिक्योरिटी सिस्टम बना डाला है. जिसकी मदद से न सिर्फ घर को सुरक्षित किया जा सकता है, बल्कि घर के साथ-साथ इसे जहां भी इस्तेमाल में लाया जाएगा. वहां किसी भी तरह से अगर कोई सेंधमारी का प्रयास नहीं कर पाएगा. इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी इस डिवास का नाम दर्ज किया गया.

जिले के नंगला सेखू गांव के रहने वाले राहुल सैन ने अपने हुनर से न सिर्फ अपने परिवार बल्कि जिले का भी नाम देशभर में रौशन किया है. राहुल ने एक बेहद ही खास डिवाइस तैयार की है, ये खास डिवाइस घर में पड़े वेस्ट मेटेरियल से ईजाद की गई है, जिसे स्मार्ट इनफार्मेशन सिक्योरिटी सिस्टम का नाम दिया गया है. इसे तैयार करने में महज 150 रुपये का खर्च आया है. इस हुनर के लिए राहुल का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस में भी दर्ज कर लिया गया है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते राहुल (Video Credit; ETV Bharat)

बता दें कि राहुल ने मेरठ कॉलेज से पोस्टग्रेजुएशन किया है, आईटीआई से तकनीकी ज्ञान भी हासिल किया है. अब इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज हो गया है. साथ ही अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन व मेजबानी में भारत, नेपाल, इंडोनेशिया, वियतनाम और मलेशिया के प्रतिनिधियों ने सम्मानित किया है.

ये डिवाइस तब काम करेगी जब कोई बंद मकान, फैक्ट्री या अन्य परिसर में प्रवेश करने की कोशिश करेगा. कोई अनजान व्यक्ति किसी भी तरह की घटना वहां करेगा, तो तुरंत कैमरा एक्टिव हो जाएगा, लाइट जलेगी, पड़ोसी और अगर गार्ड रूम वहां नजदीक में है तो वहां सूचना भेज देगा. इसमें अनेक पासवर्ड भी डाले गये हैं जिससे कोई और इस सुरक्षा को न भेद सके.

राहुल का दावा है कि इसे बड़े स्तर पर भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है. जिसमें देश की सीमा के लिए भी कहीं भी आतंकवादी घुसपैठियों को इसके उपयोग के बाद आसानी से पकड़ में लाया जा सकेगा.

ईटीवी भारत से बातचीत में राहुल ने बताया कि डिजिटल पासवर्ड को तो आसानी से कई बार लोग पकड़ लेते हैं, हैकर्स भी कुछ ही घंटों की मशक्कत के बाद पासवर्ड हैक कर सकते हैं. इसीलिए राहुल ने सामान्य सी दिखने वाले अलग अलग चार ऑन ऑफ स्वीच का प्रयोग करके ऐसा खास पासवर्ड बना डाला जिसको कोई पकड़ ही नहीं सकता. अब अगर कोई भी व्यक्ति चाहे वह उस संस्थान या परिवार से ही जुड़ा क्यों न हो, किसी ने भी स्वीच को बिना पासवर्ड जाने दबाया तो वह पकड़ में आ जाएगा. जो स्मार्ट इनफार्मेशन सिस्टम वहां लगा है, वह उस शख्स की गलती को तत्काल पकड़ लेगा और वहां प्रकाश तो फैल जाएगा, सीसीटीवी कैमरे भी काम करने लगेगा साथ ही आसानी से कई ऐसे बदलाव वहां होंगे जिससे घुसपैठिये के लिए उस सुरक्षा को भेदना मुश्किल हो जाएगा.

राहुल का कहना है कि उनसे काफी लोग संपर्क भी कर रहे हैं, नेपाल के भी कुछ लोगों ने उनसे संपर्क किया है कि वह अपने डिवाइस पर आगे के काम के लिए मेरे साथ जुड़ जाए, लेकिन वह ऐसा करना नहीं चाहते. राहुल ने बताया कि वह उनके घर में जो सामान खराब पड़ा था उसमें से खराब फोन, मोबाइल चार्जर, घंटी, ऑन ऑफ स्विच (चिटकनी), प्लास्टिक बॉक्स, चुंबक, सेट टॉप बॉक्स की वायर, प्लग, अलग-अलग कुछ कंडेनसर, एलईडी बल्ब, खराब मोबाईल का कैमरा, लोहे की पत्ती, एल्यूमिनियम का तार, पेन आदि.

अपनी इस उपलब्धि पर राहुल का कहना है कि वह ये सम्मान पाने के बाद गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं और अब आगे भविष्य में वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करने के लिए लगातार प्रयत्नशील हैं.

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