लखनऊः राजधानी में विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद जैसे ही आचार संहिता हटी बिजली विभाग एक्शन मोड में आ गया है. विभाग ने 10 हजार से ऊपर के बिजली बिल के बकायेदारों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है. बिजली विभाग ने पिछले छह महीने से बकायेदारों के कनेक्शन नहीं काटे थे. लेकिन अब ऐसे बकायेदारों पर डंडा चलना शुरू हो गया है. 95 हजार करोड़ का घाटा पूरा करने को बिजली विभाग ने वसूली अभियान का डंडा चलाया है. इसके अलावा बिजली बिलों के संशोधन में हुए घोटाले को लेकर कार्रवाई की भी तैयारी शुरू हो गई है.
उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज के निर्देश पर प्रदेश भर में बिजली बिल के बकायेदारों से वसूली करने और कनेक्शन काटने का अभियान शुरू करा दिया गया है. सभी डिवीजनों को पहले ही मैसेज जारी कर दिया गया था. बड़े बकायेदारों के कनेक्शन काटने की कार्रवाई भी शुरू हो गई है. लखनऊ में भी बिजली विभाग की ओर से अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें एक ही दिन में एक लाख से अधिक बिजली बिल के बकायेदारों में से 800 बकायेदारों के कनेक्शन काट दिये गये.
बिजली विभाग की ओर से सभी अधिकारियों को बकायेदारों की लिस्ट सौंप दी गई है और अब कार्रवाई भी शुरू हो गई है. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन 95 हजार करोड़ रुपये के घाटे में चल रहा है. ऐसे में होली से पहले राजस्व वसूली का अभियान तेजी से चलाया जा रहा है.
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इसके अलावा गोमती नगर डिवीजन में बिजली बिल घोटाले में कार्रवाई की भी तैयारी की जा रही है. कई इंजीनियरों के इस घोटाले में फंसने की आशंका है. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने सोशल ऑडिट के आदेश दे दिये हैं. वर्तमान मुख्य अभियंता विपिन जैन को जांच सौंपी गई है. जांच में बिजली बिलों में हेराफेरी का मामला सामने आ चुका है. नये सिरे से सोशल ऑडिट के आदेश हो गये हैं और अब इस जांच में जो भी इंजीनियर फंसेंगे उन्हें कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा.
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