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इस गांव में होलिका दहन पर दी जाती है मिर्गी की दवा, जड़ से खत्म होता है रोग

राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकास खंड क्षेत्र के नन्दौली गांव में होलिका दहन पर मिर्गी जैसे गंभीर रोग की दवा दी जाती है. मिर्गी रोग की दवा लेने के लिए लोग दूर-दूर से नंन्दौली गांव आते हैं.

होलिका दहन पर मरीजों को दी जाती है दवा.
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Published : Mar 21, 2019, 3:57 AM IST

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में 'नन्दौली की होली' का इंतजार सभी को रहता है. यह इंतजार इसलिए नहीं कि यहां पर खूब अबीर और गुलाल उड़ाए जाएंगे, बल्कि इसलिए रहता है कि यहां होलिका दहन पर मिर्गी रोग को खत्म करने की दवा दी जाती है, जिसका इंतजार सभी को बेसब्री से रहता है.

दरअसल राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकास खंडक्षेत्र के नन्दौली गांव में होलिका दहन पर पूरे देश से मिर्गी जैसे गंभीर रोग की दवा लेने के लिए मरीज आते हैं. मान्यता है कि यहां की दवा से मिर्गी का रोग पूरी तरह से समाप्त हो जाता है. दवा देने की यह प्रथा यहां सदियों से चली आ रही है. पूरे देश में जब होलिका दहन की तैयारी होती है तो नन्दौली गांव में देश के कोने-कोने से लोग मिर्गी रोग के इलाज के लिए सुबह से ही लाइन में लग जाते हैं.

जानकारी देते मरीज के साथ आए परिजन.

होलिका दहन से पहले लोगों को यहां पर मुफ्त में मिर्गी जैसे गंभीर रोग की दवा दी जाती है, जिसका सेवन होलिका दहन के समय बीमार व्यक्ति के द्वारा किया जाता है. घड़े में पानी भर के होलिका के सात चक्कर लगाने के बाद उसी घड़े के पानी से बीमार व्यक्ति को नहलाया जाता है. उसके बाद प्राकृतिक जड़ी बूटियों से तैयार की गई दवा मिर्गी से ग्रसित रोगी को दी जाती है. हजारों की संख्या में रोगी और उनके परिजन दूर-दूर से यहां इलाज के लिए आते हैं.

प्राकृतिक औषधि देने वाले बृजेश चंद्र सिंह ने बताया कि यह प्रथा सदियों से चली आ रही है और पीढ़ियों से वह इसी तरह हर साल बीमार लोगों को मुफ्त में जड़ी बूटियों से बनी दवा देते हैं. बृजेश का कहना है कि देश के कई राज्यों से लोग यहां दवा लेने के लिए आते हैं. यह दवा होलिका दहन के समय रोगियों को दी जाती है, जिससे उनका पूरा रोग समाप्त हो जाता है. दूर-दूर सेअपनी आस्था और विश्वास को लेकर मिर्गी जैसे गंभीर रोग की दवा लेने के लिए आए लोगों का कहना है कि यहां की दवा से मिर्गी रोग पूरी तरहसे जड़ से समाप्त हो जाता है.

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में 'नन्दौली की होली' का इंतजार सभी को रहता है. यह इंतजार इसलिए नहीं कि यहां पर खूब अबीर और गुलाल उड़ाए जाएंगे, बल्कि इसलिए रहता है कि यहां होलिका दहन पर मिर्गी रोग को खत्म करने की दवा दी जाती है, जिसका इंतजार सभी को बेसब्री से रहता है.

दरअसल राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकास खंडक्षेत्र के नन्दौली गांव में होलिका दहन पर पूरे देश से मिर्गी जैसे गंभीर रोग की दवा लेने के लिए मरीज आते हैं. मान्यता है कि यहां की दवा से मिर्गी का रोग पूरी तरह से समाप्त हो जाता है. दवा देने की यह प्रथा यहां सदियों से चली आ रही है. पूरे देश में जब होलिका दहन की तैयारी होती है तो नन्दौली गांव में देश के कोने-कोने से लोग मिर्गी रोग के इलाज के लिए सुबह से ही लाइन में लग जाते हैं.

जानकारी देते मरीज के साथ आए परिजन.

होलिका दहन से पहले लोगों को यहां पर मुफ्त में मिर्गी जैसे गंभीर रोग की दवा दी जाती है, जिसका सेवन होलिका दहन के समय बीमार व्यक्ति के द्वारा किया जाता है. घड़े में पानी भर के होलिका के सात चक्कर लगाने के बाद उसी घड़े के पानी से बीमार व्यक्ति को नहलाया जाता है. उसके बाद प्राकृतिक जड़ी बूटियों से तैयार की गई दवा मिर्गी से ग्रसित रोगी को दी जाती है. हजारों की संख्या में रोगी और उनके परिजन दूर-दूर से यहां इलाज के लिए आते हैं.

प्राकृतिक औषधि देने वाले बृजेश चंद्र सिंह ने बताया कि यह प्रथा सदियों से चली आ रही है और पीढ़ियों से वह इसी तरह हर साल बीमार लोगों को मुफ्त में जड़ी बूटियों से बनी दवा देते हैं. बृजेश का कहना है कि देश के कई राज्यों से लोग यहां दवा लेने के लिए आते हैं. यह दवा होलिका दहन के समय रोगियों को दी जाती है, जिससे उनका पूरा रोग समाप्त हो जाता है. दूर-दूर सेअपनी आस्था और विश्वास को लेकर मिर्गी जैसे गंभीर रोग की दवा लेने के लिए आए लोगों का कहना है कि यहां की दवा से मिर्गी रोग पूरी तरहसे जड़ से समाप्त हो जाता है.

Intro:वैसे तो हम सब रंगो के त्यौहार होली का बेसब्री से इंतजार करते हैं। ठीक वैसे ही कुछ लोग जो मिर्गी जैसे गंभीर रोग से ग्रसित है "नन्दौली की होली" का इंतजार करते हैं। राजधानी लखनऊ से लगभग 45 किलोमीटर दूर नन्दौली गांव में होलिका दहन पर पूरे भारत से मिर्गी जैसे गंभीर रोग की दवा लेने लोग आते हैं। मान्यता है कि यहां की दवा से मिर्गी का रोग पूरी तरह से समाप्त हो जाता है दवा देने की यह प्रथा सदियों से चली आ रही है।


Body:जहां एक तरफ पूरे भारत में होलिका दहन की तैयारी हो रही होती है वहीं दूसरी तरफ राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज खंड विकास क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नन्दौली गांव में भारत के कोने कोने से लोग अपने रोग के इलाज के लिए सुबह से ही लाइन में लग जाते हैं।

होलिका दहन से पहले लोगों को यहां पर मुफ्त में मिर्गी जैसे गंभीर रोग की दवा दी जाती है। जिसका सेवन होलिका दहन के समय बीमार व्यक्ति के द्वारा किया जाता है। घड़े में पानी भर के होलिका के सात चक्कर लगाने के बाद उसी घड़े के पानी से बीमार व्यक्ति को नहलाया जाता है उसके बाद प्राकृतिक जड़ी बूटियों से तैयार की गई दवा मिर्गी से ग्रसित रोगी को दी जाती है।
हजारों की संख्या में रोगी और उनके परिजन दूर दूर से इलाज के लिए आते हैं।

कोमल वर्मा (प्रयागराज)
मनोज कुमार (लखीमपुरखीरी)
नागपंचमी कन्नौजिया (लखनऊ)
सुनीता (लालगंज)

प्राकृतिक औषधि देने वाले बृजेश चंद्र सिंह ने बताया कि यह प्रथा सदियों से चली आ रही है और पीढ़ियों से वह इसी तरह हर साल बीमार लोगों को मुफ्त में जड़ी बूटियों से बनी दवा देते हैं उनका कहना है कि भारत के कई राज्यों से लोग दवा लेने के लिए आते हैं और यह दवा होलिका दहन के समय रोगियों को दी जाती है जिससे उनका पूरा रोग समाप्त हो जाता है।

बृजेश चंद्र सिंह (औषदि वितरक)

पीटीसी- योगेश मिश्रा


Conclusion:दूर-दूर से लोग अपनी आस्था और विश्वास को लेकर नन्दौली गांव में मिर्गी जैसे गंभीर रोग की दवा लेने आते हैं लोगों का कहना है कि यहां की दवा से रोग पूरी तरीके से जड़ से समाप्त हो जाता है।

योगेश मिश्रा लखनऊ

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