लखनऊ: राजधानी लखनऊ में 'नन्दौली की होली' का इंतजार सभी को रहता है. यह इंतजार इसलिए नहीं कि यहां पर खूब अबीर और गुलाल उड़ाए जाएंगे, बल्कि इसलिए रहता है कि यहां होलिका दहन पर मिर्गी रोग को खत्म करने की दवा दी जाती है, जिसका इंतजार सभी को बेसब्री से रहता है.
दरअसल राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकास खंडक्षेत्र के नन्दौली गांव में होलिका दहन पर पूरे देश से मिर्गी जैसे गंभीर रोग की दवा लेने के लिए मरीज आते हैं. मान्यता है कि यहां की दवा से मिर्गी का रोग पूरी तरह से समाप्त हो जाता है. दवा देने की यह प्रथा यहां सदियों से चली आ रही है. पूरे देश में जब होलिका दहन की तैयारी होती है तो नन्दौली गांव में देश के कोने-कोने से लोग मिर्गी रोग के इलाज के लिए सुबह से ही लाइन में लग जाते हैं.
होलिका दहन से पहले लोगों को यहां पर मुफ्त में मिर्गी जैसे गंभीर रोग की दवा दी जाती है, जिसका सेवन होलिका दहन के समय बीमार व्यक्ति के द्वारा किया जाता है. घड़े में पानी भर के होलिका के सात चक्कर लगाने के बाद उसी घड़े के पानी से बीमार व्यक्ति को नहलाया जाता है. उसके बाद प्राकृतिक जड़ी बूटियों से तैयार की गई दवा मिर्गी से ग्रसित रोगी को दी जाती है. हजारों की संख्या में रोगी और उनके परिजन दूर-दूर से यहां इलाज के लिए आते हैं.
प्राकृतिक औषधि देने वाले बृजेश चंद्र सिंह ने बताया कि यह प्रथा सदियों से चली आ रही है और पीढ़ियों से वह इसी तरह हर साल बीमार लोगों को मुफ्त में जड़ी बूटियों से बनी दवा देते हैं. बृजेश का कहना है कि देश के कई राज्यों से लोग यहां दवा लेने के लिए आते हैं. यह दवा होलिका दहन के समय रोगियों को दी जाती है, जिससे उनका पूरा रोग समाप्त हो जाता है. दूर-दूर सेअपनी आस्था और विश्वास को लेकर मिर्गी जैसे गंभीर रोग की दवा लेने के लिए आए लोगों का कहना है कि यहां की दवा से मिर्गी रोग पूरी तरहसे जड़ से समाप्त हो जाता है.