लखनऊ : राजधानी लखनऊ में स्थित एसजीपीजीआई में आयुष विभाग खुलने जा रहा है. संस्थान में (एलोपैथ) के साथ ही आयुर्वेद और प्राचीन भारतीय चिकित्सा तकनीक से मरीजों का उपचार होगा. इस बाबत मुख्य सचिव व संस्थान के अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद मिश्रा ने संस्थान निदेशक को एम्स नई दिल्ली के मॉडल का अध्ययन करके यह जल्द से जल्द विभाग शुरू करने के निर्देश दिए हैं. इसी क्रम में पीजीआई संस्थान की इमरजेंसी में 75 बेड से बढ़ाकर 210 बेड करने की तैयारी चल रही है. गुरुवार को शासन में हुई पीजीआई के शासी निकाय की बैठक में कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है.
पीजीआई के कई प्रस्तावों को मंजूरी : मुख्य सचिव व संस्थान के अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद मिश्रा की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई बैठक में शासी निकाय ने सुपर स्पेशलिटी विभागों में डॉक्टरों की भर्ती एवं विभिन्न संवर्ग के कर्मचारियों के मुद्दों पर संस्थान के कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. इसके बाद अब ट्रॉमा एनेस्थीसिया और इंटेन्सिव केयर में पीडीसीसी पाठ्यक्रम की पढ़ाई होगी. संस्थान जल्द ही एनएएसी मान्यता के लिए आवेदन करेगा.
नए साल से इमरजेंसी में हो जाएंगे 210 बेड : पीजीआई की इमरजेंसी में बेड़ की कमी की वजह से मरीज को वापस लौटना पड़ता है और कई मरीजों की इलाज समय पर नहीं हो पाने से मौत भी हो जाती है. जिसको देखते हुए पीजीआई प्रशासन ने नए साल (2024) में एसजी पीजीआई की इमरजेंसी मेडिसिन में 75 से बढ़ाकर 210 बेड पर मरीजों को इलाज करने की तैयारी हो रही हैं. शासी निकाय ने स्वास्थ्य विभाग से 32 सामान्य ड्यूटी चिकित्सा अधिकारियों (जीडीएमओ) की प्रतिनियुक्ति को मंजूरी दी है. इससे इमरजेंसी में मरीजों को 24 घंटे बेहतर उपचार और सुविधाएं मिलेंगी. बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थसारथी सेन शर्मा, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह, पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमान समेत अन्य मौजूद रहे.
डायबिटिक फुट मैनेजमेंट : राजधानी लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान का एंडोक्राइन सर्जरी विभाग 25 नवंबर को डायबिटिक फुट मैनेजमेंट पर एक दिवसीय सीएमई का आयोजन करने जा रहा है. यह सीएमई मेडिसिन, सर्जरी, ऑर्थोपेडिक सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, एंडोक्रिनोलॉजी और एंडोक्राइन सर्जरी सहित विभिन्न विशिष्टताओं के युवा डॉक्टरों को शिक्षित करेगा. सीएमई में राष्ट्रीय स्तर के वक्ता अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे. इस अवसर पर दिल्ली से डब्ल्यूडीएफ/डीएफएसआई- राष्ट्रीय घाव देखभाल परियोजना के क्षेत्रीय समन्वयक डॉ. अशोक दामिर, हुबली, कर्नाटक से डॉ. सुनील कारी, वरिष्ठ सलाहकार मधुमेह पैर सर्जन, मधुमेह अंग बचाव विभाग के एचओडी, डॉ. सुरेश पुरोहित मधुमेह देखभाल चिकित्सक, हाइपोबेरिक मेडिसिन मुंबई व अन्य विशेषज्ञ डायबिटिक फुट के प्रबंधन पर चर्चा करेंगे.