लखनऊ : प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. नर्सिंग व पैरामेडिकल की परीक्षा में पारदर्शिता व ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए नियमों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है. सीसीटीवी की निगरानी में परीक्षा कराई जा रही है. सभी मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग की पढ़ाई शुरू करने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है. उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि अच्छे नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ तैयार करने के लिए शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. मानकों के खिलाफ चलने वाले संस्थानों को बंद किया जाएगा. गुणवत्ता से किसी भी दशा में समझौता नहीं किया जाएगा. इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अफसरों के माध्यम से सभी नर्सिंग कॉलेजों को निर्देशित किया जा चुका है. सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए है.
सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हो रही परीक्षा : उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन निरामया: के अंतर्गत नर्सिंग-पैरामेडिकल की शिक्षा में उच्च स्तरीय बदलाव के लिए परीक्षा प्रक्रिया को और सख्त बनाया जा रहा है. परीक्षा की निगरानी बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए गए हैं. परीक्षाओं की निगरानी सीसीटीवी से कराई जा रही है. प्रदेश भर के कॉलेज (परीक्षा केंद्रों) में 550 सीसीटीवी कैमरों लगाए गए हैं. इनकी निगरानी में तकरीबन 73 हजार छात्रों की परीक्षा देते वक्त निगरानी हुई है. परीक्षा में पारदर्शिता व ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए और भी कदम उठाए जा रहे हैं. नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की परीक्षा के छह सप्ताह के भीतर परिणाम घोषित किया जाएगा. जिसके बाद मरीज पंजीकरण कराकर अस्पतालों में सेवा दे सकेंगे. परीक्षा के परिणाम में किसी भी दशा में लेटलतीफी नहीं होगी.
इलाज में गलती की आशंका कम होगी : बृजेश पाठक ने कहा कि गुणवत्तापरक नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाॅफ तैयार होने का सीधा फर्क इलाज पर पड़ेगा. मरीजों को फायदा होगा. इलाज में नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की तरफ से गलती होने की आशंका कम होगी. बेहतर इलाज से मरीज जल्द ठीक होंगे.
Medical examination under CCTV surveillance : 73 हजार छात्रों ने सीसीटीवी के निगरानी में दी परीक्षा, डिप्टी सीएम ने कही यह बात - Medical Education Department
यूपी के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा है कि अच्छे नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाॅफ करने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है. ताकि प्रदेशवासियों को बेहतर और समय पर उचित इलाज मिल सके है. इसके लिए सीसीटीवी की निगरानी में मेडिकल एग्जाम (Medical examination under CCTV surveillance) कराए जा रहे हैं. इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अफसरों के माध्यम से सभी नर्सिंग कॉलेजों को निर्देशित किया जा चुका है
लखनऊ : प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. नर्सिंग व पैरामेडिकल की परीक्षा में पारदर्शिता व ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए नियमों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है. सीसीटीवी की निगरानी में परीक्षा कराई जा रही है. सभी मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग की पढ़ाई शुरू करने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है. उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि अच्छे नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ तैयार करने के लिए शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. मानकों के खिलाफ चलने वाले संस्थानों को बंद किया जाएगा. गुणवत्ता से किसी भी दशा में समझौता नहीं किया जाएगा. इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अफसरों के माध्यम से सभी नर्सिंग कॉलेजों को निर्देशित किया जा चुका है. सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए है.
सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हो रही परीक्षा : उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन निरामया: के अंतर्गत नर्सिंग-पैरामेडिकल की शिक्षा में उच्च स्तरीय बदलाव के लिए परीक्षा प्रक्रिया को और सख्त बनाया जा रहा है. परीक्षा की निगरानी बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए गए हैं. परीक्षाओं की निगरानी सीसीटीवी से कराई जा रही है. प्रदेश भर के कॉलेज (परीक्षा केंद्रों) में 550 सीसीटीवी कैमरों लगाए गए हैं. इनकी निगरानी में तकरीबन 73 हजार छात्रों की परीक्षा देते वक्त निगरानी हुई है. परीक्षा में पारदर्शिता व ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए और भी कदम उठाए जा रहे हैं. नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की परीक्षा के छह सप्ताह के भीतर परिणाम घोषित किया जाएगा. जिसके बाद मरीज पंजीकरण कराकर अस्पतालों में सेवा दे सकेंगे. परीक्षा के परिणाम में किसी भी दशा में लेटलतीफी नहीं होगी.
इलाज में गलती की आशंका कम होगी : बृजेश पाठक ने कहा कि गुणवत्तापरक नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाॅफ तैयार होने का सीधा फर्क इलाज पर पड़ेगा. मरीजों को फायदा होगा. इलाज में नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की तरफ से गलती होने की आशंका कम होगी. बेहतर इलाज से मरीज जल्द ठीक होंगे.